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भिलाई निगम की बिगड़ती वित्तीय स्थिति पर गरमाई राजनीति, विपक्ष ने महापौर से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की

locationभिलाईPublished: Oct 21, 2020 05:13:31 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

पार्षदोंं ने कहा है कि इससे यह स्थापित हो गया है कि महापौर पांच साल और विधायक के अब तक के दो साल के कार्यकाल में कोई काम नहीं किया गया है।

भिलाई निगम की बिगड़ती वित्तीय स्थिति पर गरमाई राजनीति, विपक्ष ने महापौर से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की

भिलाई निगम की बिगड़ती वित्तीय स्थिति पर गरमाई राजनीति, विपक्ष ने महापौर से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की

भिलाई. विपक्ष ने नगर निगम की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग महापौर देवेंद्र यादव से की है। उन्होंने कहा है कि पिछले पांच साल में राज्य शासन से कितना पैसा आया, कितने का काम हुआ और सरकार बदलते ही कितना पैसा वापस मांग लिया गया, इसकी सच्चाई पूरे शहर को बताई जाए। जोन -1 नेहरू नगर के अध्यक्ष भोजराज सिन्हा और पार्षद पीयूष मिश्रा ने संयुक्त जारी बयान में कहा है कि महापौर परिषद के सदस्य का यह आरोप सरासर झूठ है कि पूर्व सरकार ने विकास कार्यों की मनमानी स्वीकृति दे दी, पैसा नहीं भेजा। हर कार्य की स्वीकृति पश्चात काम होता है। काम की प्रगति रिपोर्ट शासन को जाती है और किस्तो में पैसा आते रहता है।
यह तो प्रशासनिक प्रक्रिया ही है। दो साल से जब यह काम चल रहा था तब महापौर और उनका परिषद क्या कर रहे था? तब उन्होंने काम क्यों बंद नहीं करवा दिया? तब तो घूम-घूमकर नारियल फोड़ रहे थे। सच तो यह है कि पहले भी और अब प्रदेश में सरकार बदलने के बाद भी हमारे शहर में जितने भी काम हुए हैं, हो रहे हैं और महापौर जिन कार्यों का झूठा श्रेय ले रहे हैं पूर्व की सरकार की ही देन है। पूर्व सरकार ने इतना पैसा दिया था कि महापौर काम नहीं करवा पाए बल्कि शासन को वापस भेज दिया।
दबाव में काम करने वाले अफसर पदोन्नत कैसे हुए
पार्षद ने कहा है कि पूर्व सरकार के समय अफसर यहां अगर दबाव में काम करते रहे तो उन्हें प्रमोट क्यों किया? अनिल टुटेजा सचिव उद्योग हैं। नरेंद्र दुग्गा एमडी दुग्ध सहकारी संघ संभाल रहे हैं। केएल चौहान कांकेर कलेक्टर हैं। एसके सुंदरानी मैनेजर स्मार्ट सिटी रायपुर का प्रोजेक्ट देख रहे हैं।
अब ठेका कितने प्रतिशत बिलो मेें जा रहा है यह भी बताएं
यह भी सार्वजनिक होना चाहिए कि पूर्व में कितने ठेके, कितने प्रतिशत बिलो एसओआर में गए और अब कितने अबव या बिलो एसओआर में जा रहे हैं।
यह तो साबित हो गया कि महापौर ने पांच साल में कुछ नहीं किया
पार्षदोंं ने कहा है कि इससे यह स्थापित हो गया है कि महापौर पांच साल और विधायक के अब तक के दो साल के कार्यकाल में कोई काम नहीं किया गया है। जो भी काम हुए हैं पूर्व सरकार की ही देन है। पीडब्ल्यूडी प्रभारी नीरज पाल तो इस सच्चाई से और भी ज्यादा वाकिफ होंगे। उनके वार्ड में कितने का काम हुआ है वे ही बता दें।
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