डॉ. अर्चना ने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन डॉक्टरर्स और हॉस्पिटल के विरूद्ध हिंसा पर एक राष्ट्रीय कानून की मांग कर रहा है। (Demand of national law) संगठन ने डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवा प्रतिष्ठानों पर हिंसा के खिलाफ एक शून्य सहिष्णुता नीति घोषित की है। वल्र्ड मेडिकल एसोसिएशन ने भी स्वास्थ्य सेवा प्रतिष्ठानों पर हिंसा के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया है और इस खतरे के खिलाफ मजबूत कानून लाने का आग्रह किया है। अस्पतालों पर हिंसा के खिलाफ राष्ट्रीय कानून को तत्काल लागू करने राष्टरीय स्तर पर यह प्रदर्शन किया जा रहा है।
यह होना चाहिए कानून
डॉक्टरों ने मांग की है कि अस्पताल की हिंसा के लिए कानून में आरोपी को न्यूनतम सात साल कैद की सजा का प्रवधान होना चाहिए। डॉक्टर पर हमला या फिर अस्पताल में तोडफ़ोड़ होने पर बिना देरी किए एफआइआर दर्ज होनी चाहिए। दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए। डॉक्टरों का कहना है कि अस्पतालों को विशेष क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए।
इस घटना की वजह से कर रहे आंदोलन
कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल में हुई घटना में एनआरएस मेडिकल कॉलेज कोलकाता के डॉ. परिभा मुखर्जी व एक अन्य युवा डॉक्टर पर हिसंक भीड़ ने हमला कर दिया। इस घटना में दोनो डॉक्टर को गंभीर चोटे लगी है। दोनों की हालत गंभीर है।