56 दिन बाद फास्टट्रैक कोर्ट ने फैसला सुनाया लॉकडाउन के बाद खुले न्यायालय में लगभग 56 दिन बाद फास्टट्रैक कोर्ट की न्यायाधीश डॉ. ममता भोजवानी ने फैसला सुनाया। न्यायाधीश ने आरोपी बी सोनू (19) को दुष्कर्म की धारा के तहत 20 साल कारावास की सजा सुनाई। साथ ही अपहरण की दो अलग धाराओं के तहत क्रमश: 7 और 10 साल कारावास की सजा दी है। इन्हीं धाराओं के तहत कुल 16 हजार जुर्माना जमा नहीं करने पर आरोपी को 6-6 माह और 1 वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
शादी करने का प्रलोभन दिया और पत्नी बनाकर अपने घर में रखा था
विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) रामकली यादव ने बताया कि घटना 13 दिसंबर 2014 की है। मामला भिलाईनगर कोतवाली में दर्ज हुआ था। घटना के दिन नाबालिग अपनी सहेली के साथ सुबह घर से स्कूल जाने निकली थी, लेकिन वह घर नहीं लौंटी। परिजनों ने इस आशय की जानकारी कोतवाली थाने में दी। मामले में पुलिस ने अपहरण की धारा के तहत एफआईआर कर जांच शुरू की। दो दिन बाद नाबालिग आरोपी के घर से बरामद हुई। पूछताछ में नाबालिग ने बताया कि आरोपी ने उसे शादी करने का प्रलोभन दिया और पत्नी बनाकर अपने घर में रखा था। पीडि़ता के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने बाद में आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म की धारा के तहत जुर्म दर्ज किया।
विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) रामकली यादव ने बताया कि घटना 13 दिसंबर 2014 की है। मामला भिलाईनगर कोतवाली में दर्ज हुआ था। घटना के दिन नाबालिग अपनी सहेली के साथ सुबह घर से स्कूल जाने निकली थी, लेकिन वह घर नहीं लौंटी। परिजनों ने इस आशय की जानकारी कोतवाली थाने में दी। मामले में पुलिस ने अपहरण की धारा के तहत एफआईआर कर जांच शुरू की। दो दिन बाद नाबालिग आरोपी के घर से बरामद हुई। पूछताछ में नाबालिग ने बताया कि आरोपी ने उसे शादी करने का प्रलोभन दिया और पत्नी बनाकर अपने घर में रखा था। पीडि़ता के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने बाद में आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म की धारा के तहत जुर्म दर्ज किया।
पीडि़ता को मिलेगा प्रतिकर
न्यायाधीश ने 30 पेज के फैसले में कहा है कि आरोपी द्वारा जमा जुर्माना राशि को पीडि़ता को प्रतिकर के रुप में दी जाए। साथ ही न्यायालय ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पत्र लिखा है कि पुनर्वास योजना के तहत पीडि़ता को आर्थिक मदद की जाए।
न्यायाधीश ने 30 पेज के फैसले में कहा है कि आरोपी द्वारा जमा जुर्माना राशि को पीडि़ता को प्रतिकर के रुप में दी जाए। साथ ही न्यायालय ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पत्र लिखा है कि पुनर्वास योजना के तहत पीडि़ता को आर्थिक मदद की जाए।
Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter और Instagram पर ..ताज़ातरीन ख़बरों, LIVE अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.