वेटिंग स्थल पर जगह पड़ रही कम
नि:शुल्क वैक्सीन लगाने के लिए बुजुर्ग महिलाएं और पुरुष दोनों ही बड़ी संख्य में स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचने लगे। वेटिंग के लिए लगाए चेयर कम पडऩे लगे। तब अस्पताल परिसर गेट में मौजूद लोगों से कहा गया कि सामाजिक दूरियां बनाए रखना है, इस वजह से कुर्सियां खाली होने पर भीतर बुलाया जाएगा।
धूप से बचने बुजुर्गों ने इस जगह का किया चयन
नि:शुल्क वैक्सीन लगवाने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे बुजुर्गों ने अस्पताल परिसर के बाहर पेड़ के नीचे बैठ गए। वहीं महिलाएं एक भवन के सामने छांव देखकर जमीन पर बैठ गई। एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि करीब एक घंटा पहले वह यहां पहुंची है। मितानिन आधार कार्ड लेकर पंजीयन करवाने गई है। होने पर भीतर बुलाया जाएगा। इसके अलावा कुछ बुजुर्ग समीप में बने निगम के भवन में भी जाकर बैठ गए।
निजी अस्पताल जूझते रहे तकनीकी समस्या से
निजी अस्पताल में वैक्सीनेशन के लिए बुजुर्ग सुबह से पहुंचने लगे थे, लेकिन पोर्टल ओपन नहीं होने की वजह से कई बुजुर्ग निराश होकर लौट गए। चंदूलाल चंद्राकर अस्पताल, नेहरू नगर के अधिकारी मुकेश चंद्राकर ने बताया कि पोर्टल से लॉग इन ही नहीं हो रहा है। जिसकी वजह से बुजुर्गों को कोरोना वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया पूरे दिन आगे बढ़ नहीं सकी। शाम तक किसी को भी वैक्सीन नहीं लगाया जा सका है। इसी तरह से स्पर्श मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल, रामनगर, सुपेला में भी तकनीकी दिक्कत सुबह से बनी हुई थी। वैक्सीन लगवाने पहुंचे बुजुर्ग सतपाल ने बताया कि वे करीब दो घंटे पहले आए हैं, लेकिन अब तक पोर्टल में पंजीयन, ओटीपी जनरेट होने समेत दूसरी दिक्कत आ रही है। इस वजह से इंतजार कर रहे हैं। एसआर अस्पताल के संचालक संजय तिवारी ने बताया कि शाम करीब 4 बजे खुद अपने मोबाइल से पंजीयन कराने के बाद आने वाले दस सीनियर सिटिजन को कोरोना का टीका लगाया गया।
डिप्टी डायरेक्टर, हेल्थ ने लिया जाएजा
स्पर्श मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल, रामनगर, सुपेला, एसआर हॉस्पिटल, धमधा रोड, दुर्ग में व्यवस्था का जायजा लेने के लिए डिप्टी डायरेक्टर हेल्थ डिपार्टमेंट, रायपुर से वीके शर्मा, चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिसर, दुर्ग डॉक्टर गंभीर सिंह ठाकुर पहुंचे। उन्होंने वेटिंग हॉल, अब्जर्वेशन कक्ष के साथ-साथ टीकाकरण कक्ष भी देखा।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से भेजा जाना था विशेषज्ञ
निजी अस्पताल में अधिक से अधिक मरीज सीधे आधार कार्ड लेकर वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे हैं। वे अगर खुद सेतु एप के सहारे कौन से क्षेत्र के किस सेंटर में टीका लगाना चाहते हैं, यह पंजीयन कर लेते तो आसानी से वैक्सीन लगाई जा सकती थी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से निजी अस्पतालों में शुरूआती दिक्कत को दूर करने के लिए दुर्ग से पोर्टल से संबंधित विशेषज्ञ की टीम को भेजा जाना था। यहां ऐसा हुआ नहीं।