सीएसवीटीयू ने स्टील टेक्नोलॉजी ब्रांच की शुरुआत भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत कर्मचारियों को इस डिग्री के जरिए बेहतर बनाने के लिए की थी। बीएसपी और सीएसवीटीयू के बीच इसको लेकर अनुबंध भी हुआ। बीएसपी के कर्मचारी जो इस ब्रांच में प्रवेश लेते थे, उनकी पढ़ाई का खर्च संयंत्र उठाता था। करीब दस साल से पुरानी फीस पर ही कोर्स का संचालन किया जा रहा था, जिसमें अब विवि ने बढ़ोतरी के लिए बीएसपी से बातचीत की, जिसमें कोई हल नहीं निकल पाया। इससे जहां बीएसपी कर्मचारियों को प्रवेश नहीं मिला वहीं बिना स्पॉन्सर्ड कोर्स में प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट्स का भी नुकसान हो गया। हालांकि विवि अभी भी बीएसपी प्रबंधन से चर्चा करने की बात कह रहे है।
यूटीडी के कोर्स में स्टील टेक्नोलॉजी को छोड़कर शेष ब्रांच में प्रवेश 23 नवंबर तक दिए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार प्रवेश की अंतिम तिथि 30 नवंबर तय है। यदि सीटें खाली रह जाती हैं तो सीएसवीटीयू प्रशासन एक बार फिर से स्पॉट एडमिशन राउंड कराएगा, जिसमें फीस देकर तुरंत ही एडमिशन लिया जा सकेगा। एमटेक में प्रवेश के लिए आए हुए आवेदनों की अभी स्क्रूटनी चल रही है, जिसमें एमटेक इन अर्बन प्लानिंग कोर्स की काफी डिमांड है।
एनवॉयरोमेंट एंड वॉटर रिसोर्स इंजीनियरिंग, एनर्जी एंड एनवॉयरोमेंट इंजीनियरिंग, डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोइलेक्ट्रोनिक्स एंड वीएलएसआई, बायो मेडिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग। डॉ. केके वर्मा, रजिस्ट्रार, सीएसवीटीयू ने बताया कि इस साल एमटेक इन स्टील टेक्नोलॉजी कोर्स को जीरो ईयर घोषित कर दिया गया है। इसमें प्रवेश नहीं दिए जा रहे हैं। बीएसपी अपने कर्मचारियों को कोर्स के लिए स्पॉन्सर करता है, जिसमें फीस को लेकर दोनों प्रबंधनों के बीच बात चल रही है।