सीएसवीटीयू ने शिक्षा सत्र 2019-20 में नामांकन शुल्क का 100 रुपए चार्ज किया था। शिक्षा सत्र 2020-21 में इस शुल्क में अचानक से बढ़ोतरी कर दी गई। पत्रिका ने छात्र हित के इस मामले को सबसे पहले प्रकाशित करते हुए विवि के इस कारनामे का खुलासा किया। खबर प्रकाशित होने के बाद राज्यपाल ने प्रबंधन के निर्णय को अगले सत्र से लागू करने की बात कही और इस सत्र में पूर्व नामांकन शुल्क लेने का ही निर्देश जारी किया।
विद्यार्थियों से 2500 रुपए लेने के पीछे विवि प्रबंधन ने यह तर्क दिया था, कि छात्रों को दी जा रही सुविधाओं पर खर्च बढ़ गया है। विवि का खजाना भी खाली है, जिसको देखते हुए यही निर्णय ठीक लगा। विवि ने छात्रों की परीक्षा फीस आधी कर दी है, जिसे एक झटके में बराबर कर दिया गया। खास बात यह है कि परीक्षा शुल्क से लेकर डिग्री हासिल करने तक सीएसवीटीयू छात्रों से सभी शुल्क वसूलता है। फिर भी विवि यहां छात्रों पर होने वाले खर्च की दुहाई देकर अपने निर्णय को सही बता रहा था। डॉ. केके वर्मा, रजिस्ट्रार, सीएसवीटीयू ने बताया कि इस सत्र में नामांकन शुल्क नहीं बढ़ाया जाएगा। सौ रुपए ही शुल्क रहेगा। इसके लिए राजभवन से निर्देश मिले हैं।