scriptयहां की बेटियां तेज धार वाली नदी को रस्सी के सहारे पार कर जातीं हैं स्कूल | Daughters cross the river and go to school with the help of rope | Patrika News

यहां की बेटियां तेज धार वाली नदी को रस्सी के सहारे पार कर जातीं हैं स्कूल

locationभिलाईPublished: Oct 18, 2019 11:19:27 pm

सिर पर बस्ता, बस्ते में ड्रेस, एक हाथ में जूते और दूसरे से रस्सी को पकड़ नदी पार कर विद्याथी पहुंचते हैं स्कूल। नहीं तो स्कूल में भीगे कपड़े पहनकर ही पढ़ाई करनी पड़ती है। शिक्षा के प्रति छात्रों की ललक के सामने नदी के रास्ते भी बौने साबित मालूम पड़ते है।

यहां की बेटियां तेज धार वाली नदी को रस्सी के सहारे पार कर जातीं हैं स्कूल

यहां की बेटियां तेज धार वाली नदी को रस्सी के सहारे पार कर जातीं हैं स्कूल

कवर्धा/इंदौरी@Patrika. सिर पर बस्ता, बस्ते में ड्रेस, एक हाथ में जूते और दूसरे से रस्सी को पकड़ नदी पार कर विद्याथी पहुंचते हैं स्कूल। नहीं तो स्कूल में भीगे कपड़े पहनकर ही पढ़ाई करनी पड़ती है। शिक्षा के प्रति छात्रों की ललक के सामने नदी के रास्ते भी बौने साबित मालूम पड़ते है। ऐसा ही अविश्वसनीय नजारा ग्राम बानो के छात्र-छात्राओं को रोज निर्धारित समय में स्कूल जाते देखा जा सकता है।
जिला मुख्यालय कवर्धा जनपद क्षेत्र से गांव की बसाहट महज 26 किलोमीटर दूर

शिक्षा हमारे लिए महत्वपूर्ण है। हम सब इस बात को भलीभांति जानते हैं, लेकिन ग्राम बानो के करीब दो दर्जन छात्र शिक्षा के लिए जो करती है वह इसके महत्व को एक और परिभाषा दे रही है। शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देने के लिए शासन द्वारा अनेकों योजनाएं चलाईं जा रही है, जिसमें करोड़ों रुपए खर्च भी हो रहे, लेकिन यहां यह मंजर देखने के बाद खोखली साबित हो रही है। पंडरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बानो की बसावट है, जहां छात्रों को हाई स्कूल की पढ़ाई करने के लिए रोजाना खतरों से खेलते हैं। रस्सी के सहारे से नदी पार कर दो दर्जन छात्र-छात्राएं पचभैया हायर सेकंडरी स्कूल पहुंच पाते हैं। इस बात की जानकारी जिला प्रशासन को हैं, लेेकिन फिर भी चुप्पी साधे हुए है। ऐसा हम नहीं बल्कि ग्राम सरपंच खुद कह रहे हैं। उनका कहना है कि इस विषय को लेकर कई बार संबंधित विभाग की चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन हालत जरा भी सुधर नहीं पाई। जबकि जिला मुख्यालय कवर्धा जनपद क्षेत्र से गांव की बसाहट महज 26 किलोमीटर दूर है। रस्सी के सहारे नदी पार करती छात्रों की यह तस्वीरें खुद हकीकत बयां कर रही है।
रस्सी पकड़ कर करते हैं पार
इस समय इस फोंक नदी का पानी इतना है कि बच्चे डूब सकते हैं। बावजूद इसी नदी को पार कर छात्र-छात्राओं को रोज अपने स्कूल जाते हैं। नदी में संकरे स्टाप चेक पुल है। इसके बाद करीब दो फिट ऊपर पानी का बहाव रहता है। इसलिए गांव के कुछ लोगों ने इस छोर से लेकर उस छोर तक एक रस्सी बांध दी और इसी रस्सी को पकडकऱ छात्रों की टोली नदी पार करते हैं। इसके बाद स्कूल पहुंचते हैं। इस बात की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को हैं, लेकिन कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। ऐसे में हादसे की आशंका बनी रहती है।
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