scriptBreaking: स्वास्थ्य मंत्री के आने से पहले भिलाई में डेंगू से एक और मौत, जिंदगी की जंग हार गया युवक | Death from dengue in Bhilai, Dengue in Bhilai , CG Health | Patrika News

Breaking: स्वास्थ्य मंत्री के आने से पहले भिलाई में डेंगू से एक और मौत, जिंदगी की जंग हार गया युवक

locationभिलाईPublished: Aug 28, 2018 03:46:16 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

वार्ड 12 कॉन्ट्रेक्टर कॉलोनी निवासी, 35 वर्षीय सुरेश निर्मलकर, पिता केश राम निर्मलकर की डेंगू से उपचार के दौरान मौत हो गई।

patrika

Breaking: स्वास्थ्य मंत्री के आने से पहले भिलाई में डेंगू से एक और मौत, जिंदगी की जंग हार गया युवक

भिलाई. स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के एक दिन पहले मंगलवार को भिलाई में डेंगू से एक और युवक की मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार वार्ड 12 कॉन्ट्रेक्टर कॉलोनी निवासी, 35 वर्षीय सुरेश निर्मलकर, पिता केश राम निर्मलकर की डेंगू से उपचार के दौरान मौत हो गई। युवक का उपचार रायपुर के निजी अस्पताल में चल रहा था। डेंगू से भिलाई में मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है।
नहीं थम रहा मौत का सिलसिला
डेंगू से मौत का सिलसिला और प्रभावितों के आंकड़े थम नहीं रहे हैं। दो दिन बाद डेंगू से फिर दो मौतों ने इसके उपचार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। डेंगू के बेहतर उपचार के लिए चिकित्सक नेशनल गाइडलाइन की प्रक्रिया भी बदल चुके, बावजूद पीडि़तों को स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल रहा है। चिकित्सकों की मानें तो गाइडलाइन का पालन करने में रिस्क ज्यादा है। इसलिए प्लेटलेट्स चढ़ाकर जान बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
सोमवार को ही दो लोगों की मौत हो गई
सोमवार को ही दो लोगों की मौत हुई है। हालांकि दोनों ही मामले में चिकित्सकों ने मौत की वजह हार्ट अटैक बताया। चिकित्सकों के अनुसार राष्ट्रीय गाइडलाइन के अनुसार दोनों ही मरीज की प्लेट्लेट्स १० हजार से अधिक थी। डेंगू शॉक सिंड्रोम का कोई लक्षण भी नहीं था।
बावजूद चिकित्सकों की टीम ने गाडनलाइन को बदलकर दोनों का इलाज किया। वार्ड-२३ निवासी हरिशंकर चौधरी (६०वर्षीय) का प्लेटलेट्स 20 हजार पहुंचने पर पांच यूनिट प्लेट भी चढ़ाया गया। बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। वहीं वार्ड-५६ सेक्टर-६ निवासी माहेश्वरी पाटले की प्लेटलेट्स १ लाख ०४ हजार थी। फिर भी उसने दम तोड़ दिया।
राष्ट्रीय गाइलाइन
२४ घंटे से अधिक बुखार तो मरीज की डेंगू आईजीजी और आईजीएम जांच की जाए। २४ घंटे एंटी फीवर थैरेपी देने का प्रावधान है।
नेशनल वेक्टर ब्रोन डिसीज प्रोग्राम के अनुसार प्लेटलेट १०,000 से कम होने पर ही चढ़ाना।
50 हजार तक प्लेटलेट होने पर आब्जर्वेशन में रखा जाता है।
लोकल ट्रीटमेंट
बुखार आने पर रैपिड किट से डेंगू आईजीजी और आईजीएम जांच की जा रही। पॉजिटिव होने पर भर्ती कर एंटी फीवर थैरेपी दे रहे हैं।
१ लाख से अधिक प्लेटलेट्स वाले मरीज को आब्जर्वेशन में रख रहे।
२० हजार प्लेटलेट्स होने पर १० मिलीलीटर प्रति किलोग्राम/ प्रति घंटा के हिसाब प्लेटलेट चढ़ा रहे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो