हमर छत्तीसगढ़ी बोली के अलग मजा
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गुंडरदेही विधायक एवं लोककलाकर कुंवर सिंह निषाद ने छत्तीसगढ़ी में कार्यक्रम को संबोधित कर कहा कि छत्तीसगढ़ी बोली का अलग ही मजा है। उन्होंने कहा कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती यह निखरती चली जाती है। उन्होंने 1994 में लोकरंग अर्जुदा की उस वर्कशॉप की बातें साझा की जिसमें हबीब तनवीर ने रंगकर्म के गुर सिखाए थे और उस 15 दिनों में उन्होंने दीपक विराट एवं पूनम दीदी के संग नाटक में काम किया था। उन्होंने उस नाटक के गीत को भी गाकर सुनाया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं विधायक देवेन्द्र यादव ने पूनम तिवारी के गाए गीत चोला माटी के हे राम को गाया। उन्होंने कहा कि यह गीत जीवन की हकीकत को बयां करते हैं। जीवन किसी का नहीं है, हर किसी को एक दिन जाना है,लेकिन उनके जाने के बाद उनकी बातें, चरित्र, और उनके किए काम ही याद रहते हैं। उन्होंने बहुमत सम्मान को शासन के संस्कृति मंत्रालय की मदद से किए जाने की भी बात कही।
हुआ बहुमत के 99 वें अंक का विमोचन
कार्यक्रम में अतिथियों ने पत्रिका बहुमत के 99 वें अंक का विमोचन किया। वहीं पत्रिका ग्रामोदय और का भी विमोचन अतिथियों ने किया। जो स्व मोहनलाल बंछोर की स्मृति को समर्पित थी। इससे पहले कार्यक्रम को मुख्य वक्ता प्रो जयप्रकाश ने संबोधित किया। उन्होंने भरत मुनि के नाट्य शास्त्र पर आधारित लोककला और आधुनिक रंगकर्म पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर बहुमत के संपादक विनोद मिश्र,आयोजन समिति के अध्यक्ष अरूण श्रीवास्तव, स्वागत समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र बंछोर, डीएन शर्मा, आयोजन समिति के सचिव मुमताज, लोककलाकार रजनी रजक सहित शहर के साहित्यकार,लेखक, कलाप्रेमी, रंगकर्मी सहित कई लोग मौजूद थे।