जिस तरह से पूरे शहर में साय के होर्डिंग्स और पोस्टर लगे थे, उनकी अगवानी में युवाओं ने मोटर साइकिल रैली निकाली, जिंदाबाद के नारे लगे और मंच पर फूल माला से लाद दिए गए, इसके पूर्व कभी ऐसा नहीं देखा गया था। भाजपा में आमतौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक को ही संगठन मंत्री का जिम्मा सौंपा जाता है। ऐसे लोग होर्डिंग, बैनर, पोस्टर, स्वागत-सत्कार से परहेज करते हैं। सौदान सिंह हो या रामप्रताप सिंह, आते थे, बैठक लेकर चले जाते थे। कभी आडंबर नहीं हुआ। यह पहली बार है जब भाजपा की संगठनात्मक बैठक में साधने-सधने का दौर देखने को मिला। संगठन मंत्री का काम समन्वय बनाते हुए गुटीय संतुलन साधना व संगठन को मजबूत करना होता है। मगर पिछले दिनों जो कुछ भी हो उसे राजनीतिक जानकार गुट विशेष का शक्ति प्रदर्शन और उसे संगठन प्रभारी का मौन समर्थन मान रहे हैं।
रामप्रताप सिंह, पूर्व संगठन मंत्री भाजपा ने कहा कि संगठन मंत्री जैसे दायित्व की अपनी गरिमा होती। स्वागत-सत्कार दूर संघ के प्रचारक की भूमिका में ही काम करना पड़ता है। ऐसी परंपरा कभी नहीं रही है। ऐसे में अनुशासन कहां रह जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो सायजी को स्वयं मना करना चाहिए था। अध्यक्ष भिलाई शहर जिला भाजपा बिरेंद्र कुमार साहू ने कहा कि स्वागत तो किसी का भी कर सकते हैं। ऐसी कोई मनाही नहीं है। संगठन बनने के बाद पवन साय पहली बार आए थे इसलिए हम लोगों ने सोचा कि शहर में उनका स्वागत हो। अच्छे से उनकी अगवानी की और बैठक भी बहुत अच्छी रही।