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नियंत्रण से बाहर हुआ डेंगू, 300 से अधिक संदिग्ध, डेढ़ सौ पॉजीटिव मरीज भर्ती, अस्पतालों में जगह नहीं

locationभिलाईPublished: Aug 08, 2018 11:42:34 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

शहर को बीस दिन में डेंगू ने पूरी तरह जकड़ लिया है। हालात यह है कि शहर का ऐसा कोई वार्ड या मोहल्ला नहीं बचा जहां डेंगू के मरीज नहीं है।

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नियंत्रण से बाहर हुआ डेंगू, 300 से अधिक संदिग्ध, डेढ़ सौ पॉजीटिव मरीज भर्ती, अस्पतालों में जगह नहीं

भिलाई. शहर को बीस दिन में डेंगू ने पूरी तरह जकड़ लिया है। हालात यह है कि शहर का ऐसा कोई वार्ड या मोहल्ला नहीं बचा जहां डेंगू के मरीज नहीं है। अस्पतालों में मरीजों को रखने की जगह नहीं है। छोटे से बड़े नर्सिग होम, सरकारी अस्पतालों में बुखार के मरीजों की भीड़ लगी है। रोजाना 300 से ज्यादा संदिग्ध सामने आ रहे हैं जिसमें 90 से ज्यादा लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव आ रही है। यानी डेंगू पीडि़तों की संख्या 15 गुना बढ़ गई है।
हो चुकी है 6 मौत
मंगलवार को स्थिति यह रही कि सेक्टर 9 अस्पताल में जगह नहीं होने की वजह से मरीजों को लौटाना पड़ा। अब तक डेंगू से शहर में 6 मौत हो चुकी है। प्रभावितों की संख्या भी हजार से पार हो गई है। अकेले सेक्टर-9 में ही 479 लोगों की उपचार के बाद छुट्टी हो चुकी है। मंगलवार को सरकारी आंकड़े के अनुसार सेक्टर-9 सहित बड़े निजी अस्पतालों में १५२ लोग भर्ती थे। इधर, दुर्ग में अस्पताल में भर्ती संदिग्ध मरीजों को छुट्टी दे दी गई है। उनकी रिपोर्ट नहीं आई है।
डेंगू का लार्वा आमतौर पर कूलर या ऐसी ही किसी जगह भरे साफ पानी में पनपता है। ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. गंभीर सिंह ने पत्रिका के माध्यम से लोगों से अपील की है डेंगू से बचाव के लिए आसपास पानी जमा न होन दें। भिलाई के लोग सावधानी बरतें। क्योंकि प्रभावित क्षेत्रों के अधिकांश घरों में डेंगू के लार्वा मिले हैं। ऐसे में इसे रोकना सबसे ज्यादा जरूरी है।
सेक्टर-9 अस्पताल के वार्ड भरे
बीएसपी के जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र सेक्टर-9 में मंगलवार को बेड खाली नहीं था। यहां बच्चों व बड़ों के वार्डों में भर्ती मरीजों में ९० फीसदी डेंगू पीडि़त ही हैं। दोपहर तक सी-1 वार्ड में 30, सी-3 में ३१, ए-1 में १६ और वार्ड ए-3 में 18 कुल 95 डेंगू पॉजीटिव मरीज थे। इसके बाद और मरीज आने लगे तो अस्पताल प्रबंधन ने हाथ खड़े कर दिया। परिजन को साफ कह दिया कि अब उनके यहां बेड खाली नहीं है कहीं और इलाज कराओ। कुछ मरीजों को यह कहकर छुट्टी दे दी गई कि घबराने की जरूरत नहीं है, स्थिति नियंत्रित हैं। घर में दवाई खाने से ठीक हो जाएगा।
महापौर और आयुक्त के खिलाफ थाने में शिकायत
सामाजिक संस्था प्रनाम के अध्यक्ष पवन केसवानी ने डेंगू से हो रही मौत के लिए महापौर देवेंन्द्र यादव और निगम आयुक्त केएलचौहान को जिम्मेदार ठह्यहराया है। उन्होंने छावनी और खुर्सीपार थाने में शिकायत कर दोनों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
डेंगू सेक्टर 2, सेक्टर 4, मरोदा, छावनी से शुरू होकर टाउनशिप और फिर पटरी पार की श्रमिक बस्तियों में फैल गया। खुर्सीपार और छावनी में दो-दो डेंगू पीडि़त की मौत हो चुकी है। कैंप-1 और अब सुपेला में एक-एक मौत हुई है। पॉश कॉलोनी नेहरूनगर, स्मृतिनगर, वैशालीनगर, चंद्र नगर कोहका, फरीद नगर तथा टाउनशिप के सभी सेक्टरों में डेंगू के मरीज सामने आ चुके हैं।
सबसे पहले छ्व ने किया था अलर्ट
पत्रिका ने सबसे पहले 17 जुलाई को शहर में डेंगू फैलने पर अलर्ट किया था। तब डेंगू पॉजीटिव मरीजों का प्रतिदिन औसत संख्या ६-७ थी। दो दिन में बढ़कर 12-13 पहुंची। जो डेंगू को नकराते रहे अब वही जिला स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और बीएसपी जन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अफसरों को सड़क पर उतरना पड़ रहा। कलक्टर को भी गली-गली घूमना पड़ रहा। रायपुर से रोज संयुक्त संचालक को भी आना पड़ रहा है।
शिविर में सेवाएं देेने कहा
शहर में डेंगू से 5 वीं मौत की सूचना मिलते ही मंगलवार सुबह १० बजे संयुक्त संचालक डॉ. गंभीर सिंह यहां पहुंचे। उन्होंने बापू नगर, छावनी, बैकुंठ धाम, खुर्सीपार, सुरडूंग और जामुल क्षेत्र का भ्रमण किया। संयुक्त संचालक ने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टरों को डेंगू प्रभावित क्षेत्र में लगाए गए शिविर में सेवाएं देने के निर्देश दिए।
जल्द शिफ्ट करेंगे मशीन
मरीजों को आसानी से प्लेटलेट्स उपलब्ध कराने सुपेला अस्पताल में जल्द ही ब्लड सेप्रेशन मशीन लगेगी। संयुक्त संचालक डॉ गंभीर सिंह ठाकुर ने पत्रिका से कहा कि दुर्ग अस्पताल में लगी मशीन जल्द ठीक हो रही है। तीसरी मशीन सुधारकर सुपेला अस्पताल में शिफ्ट करेंगे।
इन ग्रुप का ब्लड मुफ्त
स्वास्थ्य विभाग ने दुर्ग जिला ब्लड बैंक से निजी अस्पतालों को ए और ओ पॉजेटिव ग्रुप ब्लड नि:शुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। निजी अस्पताल डिमांड लेटर देकर यहां से ब्लड यूनिट ले सकते हैं।
महज २ घंटे में प्लेटलेटस : रेडक्रॉस सोसायटी के जिला अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में ब्लड सेप्रेशन मशीन से महज २ घंटे में 400 एमएल प्लेटलेट्स उपलब्ध कराया जा रहा है। ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. पीके चंद्राकर ने बताया कि डेंगू मरीज के लिए कोई भी व्यक्ति ब्लड बैंक से ब्लड ले सकता है। चिन्हित गु्रप के अलावा अन्य गु्रप के लिए डोनर आवश्यक है। डोनर से ब्लड लेकर वे तत्काल प्लेटलेट्स निकालकर दे सकते हैं।
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