मंगलवार को स्थिति यह रही कि सेक्टर 9 अस्पताल में जगह नहीं होने की वजह से मरीजों को लौटाना पड़ा। अब तक डेंगू से शहर में 6 मौत हो चुकी है। प्रभावितों की संख्या भी हजार से पार हो गई है। अकेले सेक्टर-9 में ही 479 लोगों की उपचार के बाद छुट्टी हो चुकी है। मंगलवार को सरकारी आंकड़े के अनुसार सेक्टर-9 सहित बड़े निजी अस्पतालों में १५२ लोग भर्ती थे। इधर, दुर्ग में अस्पताल में भर्ती संदिग्ध मरीजों को छुट्टी दे दी गई है। उनकी रिपोर्ट नहीं आई है।
बीएसपी के जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र सेक्टर-9 में मंगलवार को बेड खाली नहीं था। यहां बच्चों व बड़ों के वार्डों में भर्ती मरीजों में ९० फीसदी डेंगू पीडि़त ही हैं। दोपहर तक सी-1 वार्ड में 30, सी-3 में ३१, ए-1 में १६ और वार्ड ए-3 में 18 कुल 95 डेंगू पॉजीटिव मरीज थे। इसके बाद और मरीज आने लगे तो अस्पताल प्रबंधन ने हाथ खड़े कर दिया। परिजन को साफ कह दिया कि अब उनके यहां बेड खाली नहीं है कहीं और इलाज कराओ। कुछ मरीजों को यह कहकर छुट्टी दे दी गई कि घबराने की जरूरत नहीं है, स्थिति नियंत्रित हैं। घर में दवाई खाने से ठीक हो जाएगा।
सामाजिक संस्था प्रनाम के अध्यक्ष पवन केसवानी ने डेंगू से हो रही मौत के लिए महापौर देवेंन्द्र यादव और निगम आयुक्त केएलचौहान को जिम्मेदार ठह्यहराया है। उन्होंने छावनी और खुर्सीपार थाने में शिकायत कर दोनों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
पत्रिका ने सबसे पहले 17 जुलाई को शहर में डेंगू फैलने पर अलर्ट किया था। तब डेंगू पॉजीटिव मरीजों का प्रतिदिन औसत संख्या ६-७ थी। दो दिन में बढ़कर 12-13 पहुंची। जो डेंगू को नकराते रहे अब वही जिला स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और बीएसपी जन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अफसरों को सड़क पर उतरना पड़ रहा। कलक्टर को भी गली-गली घूमना पड़ रहा। रायपुर से रोज संयुक्त संचालक को भी आना पड़ रहा है।
शहर में डेंगू से 5 वीं मौत की सूचना मिलते ही मंगलवार सुबह १० बजे संयुक्त संचालक डॉ. गंभीर सिंह यहां पहुंचे। उन्होंने बापू नगर, छावनी, बैकुंठ धाम, खुर्सीपार, सुरडूंग और जामुल क्षेत्र का भ्रमण किया। संयुक्त संचालक ने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टरों को डेंगू प्रभावित क्षेत्र में लगाए गए शिविर में सेवाएं देने के निर्देश दिए।
मरीजों को आसानी से प्लेटलेट्स उपलब्ध कराने सुपेला अस्पताल में जल्द ही ब्लड सेप्रेशन मशीन लगेगी। संयुक्त संचालक डॉ गंभीर सिंह ठाकुर ने पत्रिका से कहा कि दुर्ग अस्पताल में लगी मशीन जल्द ठीक हो रही है। तीसरी मशीन सुधारकर सुपेला अस्पताल में शिफ्ट करेंगे।
स्वास्थ्य विभाग ने दुर्ग जिला ब्लड बैंक से निजी अस्पतालों को ए और ओ पॉजेटिव ग्रुप ब्लड नि:शुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। निजी अस्पताल डिमांड लेटर देकर यहां से ब्लड यूनिट ले सकते हैं।