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गंदगी, लार्वा व लापरवाही की कलेक्टर को मिली इतनी शिकायतें कि बोले- जिनका काम है वो क्या कर रहे हैं ?

locationभिलाईPublished: Aug 25, 2018 04:44:47 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

कलेक्टर उमेश अग्रवाल को गंदगी, नाली जाम, लार्वा और लापरवाही की इतनी शिकायतें मिली कि वे परेशान हो गए। यह बातें उन्होंने खुद शुक्रवार को नगर निगम सभागार में डेंगू पर प्रेस ब्रीफिंग के दौरान शेयर की।

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गंदगी, लार्वा व लापरवाही की कलेक्टर को मिली इतनी शिकायतें कि बोले- जिनका काम है वो क्या कर रहे हैं ?

भिलाई. कलेक्टर उमेश अग्रवाल को गंदगी, नाली जाम, लार्वा और लापरवाही की इतनी शिकायतें मिली कि वे परेशान हो गए। यह बातें उन्होंने खुद शुक्रवार को नगर निगम सभागार में डेंगू पर प्रेस ब्रीफिंग के दौरान शेयर की। ब्रीफिंग में मौजूद नगर निगम आयुक्त केएल चौहान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जिनका काम है वो क्या कर रहे हैं, लोग मुझसे यह सब शिकायत कर रहे हैं।
नाली जाम, गंदगी, दवा छिड़काव नहीं होने की शिकायत निगम आयुक्त और बीएसपी नगर सेवाएं विभाग के अधिकारियों से ही करें। कलेक्टर ने भी इस बात को स्वीकार किया कि वे स्वयं मोहल्लों में घूम रहे हैं तो हकीकत सामने आ रही है। यहां हर तरफ गंंदगी और पानी जाम है।
…तो लाइसेंस होंगे रद्द
कलेक्टर ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में फैक्ट्री संचालकों और निर्माणाधीन मकानों के बिल्डिरों को 30 अगस्त तक समय दिया गया है। अपने-अपने एरिया में जमा पानी खाली कर लें। इसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लाइसेंस तक रद्द किया जा सकता है। अग्रवाल ने कहा डेंगू पर नियंत्रण के लिए करीब दो हजार की संख्या में टीम काम कर रही है।
लार्वा खत्म करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। रोज हो रही रिमझिम बारिश इसमे आड़े आ रही है। जमा पानी में सात दिन के भीतर लार्वा बन जाता है। इसके कारण शुक्रवार को फिर मरीजों की संख्या बढ़ गई। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अपने घर के आसपास सफाई के लिए खुद सचेत रहें।
आपके बेटे को डेंगू हो गया तो मैं क्या कर सकता हंू, दवा ले जाओ और घर मेें छिड़क लो
शुक्रवार को सेक्टर-6, सडक-17 के एक डेंंगू पीडि़त परिवार ने बीएसपी जन स्वास्थ्य विभाग के एजीएम केके यादव को फोन पर बताया कि उसके बेटे को डेंगू हो गया है। पीडि़त ने पड़ोस के घर में नील कमल उगाने बनाई गई टंकी में लार्वा पनपने की भी शिकायत की।
यह भी बताया कि यहां नालियों और ढहाए गए जर्जर ब्लॉक के गड्ढे में भी पानी भरा है, लेकिन यादव ने उनकी नहीं सुनी। कहा कि मैं क्या कर सकता हंू। मेरे पास आदमी नहीं है। अगर जल्दी है तो दफ्तर आकर मेरे से दवा ले जाओ और खुद छिड़को। इंजीनियर ब्लॉक के लोगों ने बताया कि उनके यहां अब तक न तो कोई फॉगिंग करने आया है और न ही नालियों में दवा छिड़का है।
कलेक्टर ने फटकारा कहा ऐसा नहीं चलेगा
प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कलक्टर के संज्ञान में यह बातें आई। जिम्मेदारों के ऐसे रवैए पर उन्होंने भी आश्चर्य जताया। यादव ने अपनी सफाई दी कि मैंने डेंगू नियंत्रण केंद्र में जाकर लिखित में शिकायत करने कहा था। इस पर कलक्टर ने उन्हें फटकारा। कहा कि ऐसा नहीं चलेगा। अगर कोई शिकायत कर रहा है तो तुरंत टीम भेजो।
खुर्सीपार वार्ड 31 के जोन-3 के जिस घर में चंद्रावती डेंगू से मौत हुई वहां आज भी डेंगू के सैकड़ों लार्वा मौजूद थे। पत्रिका की टीम जब मृतिका के मायके पहुंची तो वहां पास ही में एक टब रखा था जिसमें सप्ताहभर से पानी भरा हुआ था और डेंगू के लार्वा पूरी तरह पनप चका था। पत्रिका की टीम ने ही इस टब को खाली कराया। ताकि डेंगू का लार्वा वहीं खत्म हो जाए। वार्ड 31 में डेंगू से यह पहली मौत है जिसके बाद वार्ड में दवा का छिड़काव, फॉगिंग आदि कार्य और तेज कर दिया गया।
अफसरों पर जिम्मेदारी
संभाग कार्यालय- संभागायुक्त स्वयं, जिला प्रशासन -७ अफसर- कलक्टर, एडीएम, डिप्टी कलक्टर, दो एसडीएम, दो तहसीलदार। नगरीय प्रशासन- 5 संयुक्त संचालक निगम प्रशासन- निगम आयुक्त, दो अधीक्षण अभियंता, ६ जोन कमिश्नर, २६ इंजीनियर, राजस्व अधिकारी, स्वास्थ्य अधिकारी, सहायक राजस्व अधिकारी सहित कुल 42 अफसर।
डेंगू के मरीज मिल रहे
जिला व निगम प्रशासन शहर में डेंगू का संक्रमण रोकने ५६ अफसर, ६८ डॉक्टर, ४२ इंजीनियर, ११०० कर्मी और २४२२ सफाई कामगार काम करने का दावा कर रहा है, फिर भी न मौत का सिलसिला थम रहा है और न ही पीडि़तों की संख्या में कोई कमी आ रही है। दो पालियों में सफाई, दवा का छिड़काव, शाम को फॉगिंग के बावजूद आज भी स्थिति जस की तस है। हर दिन स्वास्थ्य शिविरों में रैपिड किट से जांच में 150 से अधिक डेंगू पॉजीटिव केस सामने आ रहे हैं। पहले तो ७० में सिर्फ 21 वार्डों को प्रभावित क्षेत्र बताया जा रहा था। अब तो हर वार्ड में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं।
एक भी वार्ड डेंगू से मुक्त नहीं करा पाए
नगर निगम ने शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने और डेंगू की रोकथाम के लिए १३५० नियमित सफाई कामगारों के अलावा ६३२ अतिरिक्त कर्मी लगाए गए हैं। फॉगिंग, स्पेयर से दवा छिड़काव और ब्लीचिंग सहित अन्य कार्य के लिए ४४० मजदूरों की अलग से ड्यूटी लगाई गई है। बावजूद एक महीने में एक वार्ड को डेंगू से मुक्त नहीं करा पाए। छावनी और खुर्सीपार में पूरी टीम झोंकने के बाद भी मौत का सिलसिला थम नहीं रहा।
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