रुआबांधा निवासी ईशा निर्मलकर (१५) के इलाज के संबंध में जानकारी मांगा है। सीएचएमओ ने कहा है कि एक सप्ताह पहले ईशा चिकित्सालय आई थी। तब उन्हें भर्ती क्यों नहीं किया गया? ऐसी क्या वजह थी कि इपिलिसी (मिरगी) की मरीज को भर्ती नहीं किया गया।
२ सितंबर को बिना इलाज के मरीज को लौटा दिया था। इसकी युवराज वर्मा ने सीएचएमओ से बीएम शाह अस्पताल की शिकायत की थी। उनका कहना है वह अपने बच्चे का इलाज कराने के लिए अस्पताल ले गए जहां चिकित्सकों ने पैसे मांगे। तब वह चंदूलाल अस्पताल में चेकअप कराया।
डेंगू पीडि़त धर्मेन्द्र देवांगन २६वर्ष को २४ अगस्त को स्पर्श चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। तभी मरीज से २ हजार रुपए अस्पताल प्रबंधन ने जमा कराया। इसी शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस जारी किया है। शासन के आदेश के बावजूद पैसे मांगने का कारण पूछा है। पीडि़त को राशि लौटाने के निर्देश दिए हैं।
कलक्टर और नोडल अधिकारी चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज में रात में मरीजों से मिलने पहुंचे थे। तब वहां विशेषज्ञ चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं मिले। इस संबंध में सीएचएमओ ने प्रबंधन से वरिष्ठ चिकित्सकों की ड्यूटी चार्ट मांगी है। वरिष्ठ चिकित्सकों की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए हैं।
अस्पताल प्रबंधन से जो भी जवाब आएगा। उसकी जानकारी शासन को भेजा जाएगा। संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं ने सीएचएमओ को जानकारी मांगी है। वहीं मंत्री पांडेय ने कलक्टर को लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
अस्पताल प्रबंधन से जो भी जवाब आएगा। उसकी जानकारी शासन को भेजा जाएगा। संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं ने सीएचएमओ को जानकारी मांगी है। वहीं मंत्री पांडेय ने कलक्टर को लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि कारण बताओ नोटिस जारी किया है। दो दिन के अंदर जवाब प्रस्तुत के करने के साथ जिला प्रशासन से समन्वयक बनाकर मरीजों का इलाज करने के निर्देश दिए हैं।