भिलाई

डेंगू से 49 मौत के बाद रिसर्च टीम ने किया बड़ा खुलासा, 4 साल से इस क्षेत्र में है वायरस, मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुई रिपोर्ट

डेंगू के वायरस यहां खुर्सीपार में चार साल से मौजूद थे। मेडिकल कॉलेज रायपुर के चार डॉक्टरों की टीम ने दो महीने के रिसर्च के बाद यह बड़ा खुलासा किया है।

भिलाईOct 07, 2018 / 02:29 pm

Dakshi Sahu

डेंगू से 49 मौत के बाद रिसर्च टीम ने किया बड़ा खुलासा, 4 साल से इस क्षेत्र में है वायरस, मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुई रिपोर्ट

भिलाई . 49 लोगों को मौत की नींद सुला देना वाला डेंगू भिलाई में यंू ही अचानक कहर नहीं बरपाया। डेंगू के वायरस यहां खुर्सीपार में चार साल से मौजूद थे। मेडिकल कॉलेज रायपुर के चार डॉक्टरों की टीम ने दो महीने के रिसर्च के बाद यह बड़ा खुलासा किया है। जुलाई- अगस्त में हजारों लोग डेंगू की चपेट में आए और सबसे ज्यादा मरीज खुर्सीपार से मिले। आखिर इतनी तेजी से शहर में डेंगू कैसे फैला? इसकी तह तक पहुंचने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की टीम ने यह रिसर्च किया। डॉक्टरों का यह शोध मेडिकल जर्नल छत्तीसगढ़ में प्रकाशित भी हुआ है।
चिकित्सकों की टीम ने 28 जुलाई से 10 अगस्त तक खुर्सीपार क्षेत्र में मिले डेंगू के मरीजों पर शोध किया। कई चीजों का बहुत ही बारीकी से परीक्षण किया। छत्तीसगढ़ के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने इसे मेडिकल जर्नल छत्तीसगढ़ के अक्टूबर के अंक में प्रकाशित भी किया है। उन्होंने डेंगू पर नियंत्रण पाने कई सुझाव भी दिए हैं।
स्थिति बिगडऩे पर रिसर्च

जुलाई में शुरू हुए डेंगू से लगातार मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर ने मेडिकल कॉलेज रायपुर के 4 डॉक्टर की टीम बनाकर उन्हें रिसर्च करने कहा। इनमें असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ ए सिन्हा, कम्युनिटी मेडिसीन, डॉ आरएन खरे, एसोसिएट प्रोफेसर मेडिसीन डिपार्टमेंट, डॉ वी खुरे, डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक, एवं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ आर बारपात्रे डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबॉयोलॉजी शामिल थे। स्वास्थय मंत्रालय की ओर से इन सभी को 10 अगस्त को पत्र दिया गया था जिसके बाद वे 11 अगस्त को ही खुर्सीपार पहुंचकर सारे मरीजों की जानकारी और सेंपल लेकर गए थे।
आठ स्थानों पर मिले सबसे ज्यादा वायरस

इन चिकित्सकों ने अपने शोधपत्र में सबसे बड़ा खुलासा यह किया कि खुर्सीपार में डेंगू के वायरस चार साल से पनप रहे हैं। इसकी वजह से एडिज मच्छर और ज्यादा पनपे। इस पर वहां के लोगों ने कूलर में पानी जमा रख लार्वा को पनपने का पूरा मौका दिया। चिकित्सकों का कहना है कि उन्होंने ऐसी 8 जगहों को चिन्हित भी किया था जहां सबसे ज्यादा वायरस मिले थे।
15 साल तक बच्चे हाई रिस्क में

चिकित्सकों की टीम ने माना है कि डेंगू के वायरस सबसे ज्यादा बच्चों पर ही अटैक करते हैं। या ऐसे व्यक्ति जिसमें इम्यूनिटी पॉवर कम हैं, डेंगू की चपेट में जल्दी आएगा। इसलिए बुखार का कोई भी मामला हो, एक बार डेंगू का टेस्ट जरूर होना चाहिए। डेंगू से मरने वालों में और प्रभावितों की संख्या ज्यादा बच्चों की ही है। ऐसे में बच्चों को अब भी मच्छरों से बचाना जरूरी है।
 
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