लीवर में थी इंफेक्शन की शिकायत
कुछ दिन पहले ही उन्हें लीवर में इन्फेक्शन की शिकायत हुई थी। जिसके बाद उन्हें रायपुर के एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। अस्पताल में इलाज के दौरान ही विकास की आज मौत हो गई।
कुछ दिन पहले ही उन्हें लीवर में इन्फेक्शन की शिकायत हुई थी। जिसके बाद उन्हें रायपुर के एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। अस्पताल में इलाज के दौरान ही विकास की आज मौत हो गई।
पीएससी के टॉप १० में शामिल थे विकास
12 जुलाई 1988 को जन्मे विकास नायक पीएससी में टॉप 10 में थे। उनकी पहचान कुशल नेतृत्व के प्रशासनिक अधिकारियों के रूप में थी। महज ३५ साल में दुनिया को अलविदा कहने वाले विकास ने 12वीं तक बलौदाबाजार में पढ़ाई की। इसके बाद डेंटल कालेज रायपुर से बीडीएस की पढ़ाई की थी। रायपुर के मांढर स्थित गिरौद गांव के रहने वाले विकास नायक ने 2016 में डिप्टी कलेक्टर के रूप में ज्वाइनिंग की थी।
12 जुलाई 1988 को जन्मे विकास नायक पीएससी में टॉप 10 में थे। उनकी पहचान कुशल नेतृत्व के प्रशासनिक अधिकारियों के रूप में थी। महज ३५ साल में दुनिया को अलविदा कहने वाले विकास ने 12वीं तक बलौदाबाजार में पढ़ाई की। इसके बाद डेंटल कालेज रायपुर से बीडीएस की पढ़ाई की थी। रायपुर के मांढर स्थित गिरौद गांव के रहने वाले विकास नायक ने 2016 में डिप्टी कलेक्टर के रूप में ज्वाइनिंग की थी।
दुर्ग कलेक्टर ने जताया शोक
एसडीएम विकास नायक की पोस्टिंग कुछ समय पहले ही धमधा ब्लॉक में हुई थी। उन्हें एसडीएम का पदभार सांैपा गया था। युवा अधिकारी की मौत से जिले के प्रशासनिक अमले में शोक की लहर है। दुर्ग कलेक्टर उमेश कुमार अग्रवाल व एडीएम संजय अग्रवाल ने शोक व्यक्त किया है।
एसडीएम विकास नायक की पोस्टिंग कुछ समय पहले ही धमधा ब्लॉक में हुई थी। उन्हें एसडीएम का पदभार सांैपा गया था। युवा अधिकारी की मौत से जिले के प्रशासनिक अमले में शोक की लहर है। दुर्ग कलेक्टर उमेश कुमार अग्रवाल व एडीएम संजय अग्रवाल ने शोक व्यक्त किया है।
बस्तर कर दिया था ट्रांसफर
एसडीएम विकास नायक का निधन 35 वर्ष की आयु में हुआ। विकास की पहली पोस्टिंग धमधा में ही तहसीलदार के पद पर हुई थी। फिर उन्हें बस्तर ट्रांसफर कर दिया गया था। बस्तर के बाद उन्हें फिर से धमधा पास्टिंग कर एसडीएम का प्रभार दिया गया था।
एसडीएम विकास नायक का निधन 35 वर्ष की आयु में हुआ। विकास की पहली पोस्टिंग धमधा में ही तहसीलदार के पद पर हुई थी। फिर उन्हें बस्तर ट्रांसफर कर दिया गया था। बस्तर के बाद उन्हें फिर से धमधा पास्टिंग कर एसडीएम का प्रभार दिया गया था।
नहीं करते थे ऑफिस खुलने का इंतजार
विकास नायक एक कुशल व्यक्तित्व और मिलनसार व्यक्ति हैं। एसडीएम नायक अपने परिवार को छोड़कर सरकारी आवास पर रहते थे। साथ ही किसी ग्रामीण को आवश्यक काम होने पर उन्हें कार्यालय खुलने का इंतेजार नहीं करना पड़ता था। वे अपने आवास में ही ग्रामीणों के काम निपटा देते थे।
विकास नायक एक कुशल व्यक्तित्व और मिलनसार व्यक्ति हैं। एसडीएम नायक अपने परिवार को छोड़कर सरकारी आवास पर रहते थे। साथ ही किसी ग्रामीण को आवश्यक काम होने पर उन्हें कार्यालय खुलने का इंतेजार नहीं करना पड़ता था। वे अपने आवास में ही ग्रामीणों के काम निपटा देते थे।