बीएसपी में ठेकेदार मजदूरों को बेवजह काम से बैठा रहे हैं, न्यूनतम तय मजदूरी, अंतिम भुगतान, श्रमिकों को दुर्घटना या मौत पर उचित मुआवजा नहीं देते। आने वाले समय में ठेका मजदूरो की तादाद बढ़ेगी और शोषण भी उसी तादाद में बढ़ेगा, जिसके लिए मान्यता में इमानदार यूनियन का आना जरूरी है जिससे शोषण में लगाम लगाई जा सके।
बैठक में फैसला लिए कि निजीकरण के खिलाफ नियमित कर्मियों के साथ ठेका मजदूर भी संघर्ष करेंगे। सेल की इकाइयों को बेचने के खिलाफ 16 जुलाई २०१९ को बोरिया गेट पर, 17 जुलाई २०19 को मेन गेट पर सुबह ८ से 9 बजे तक प्रदर्शन किया जाएगा।
बैठक में मजदूरों ने भी इस बात को कहा कि लगातार केंद्र सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। सरकार की इस नीति के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी। आउट सोर्सिंग के नाम पर टुकड़ों में संयंत्र को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है।
महासचिव योगेश सोनी ने कहा कि निजी क्षेत्र जब बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ती को जिम्मा उठाता है तो उसके लिए सामाजिक लक्ष्य हासिल करना कोई जिम्मेदारी नहीं होती, बल्कि वह इनसे मुनाफा कमाना चाहता है। सरकार पब्लिक सेक्टरों का निजिकरण की दिशा में जो कदम उठाई है वह उद्योग हित मे है न समाज और न श्रमिकों के हित में है।