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… मतदान का हक नहीं मिला, फिर भी मजदूर करेंगे बीएसपी में चुनाव प्रचार

locationभिलाईPublished: Jul 14, 2019 01:06:29 pm

Submitted by:

Abdul Salam

बीएसपी के ठेका मजदूरों को यूनियन चुनाव में मतदान करने का अधिकार नहीं दिए हैं। इसके बाद भी वे संयंत्र कर्मियों के बीच चुनाव में सक्रीय रहेंगे।

BHILAI

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भिलाई. बीएसपी के ठेका मजदूरों को यूनियन चुनाव में मतदान करने का अधिकार नहीं दिए हैं। इसके बाद भी वे संयंत्र (Bhilai Steel Plant) कर्मियों के बीच चुनाव में सक्रीय रहेंगे। यह फैसला रविवार को बैठक कर मजदूर यूनियन ने किया। बीएसपी में एक यूनियन नियमित कर्मियों के लिए ही संघर्ष करने का जब बात कह रही है, तब दूसरी यूनियन ने मजदूरों से नजदीकी होने की ओर इशारा किया है।
सीटू के फायर ब्रांड नेता योगेश सोनी पर जब चाकुओं से हमला हुआ, तब वे चर्चा में आए। उनका दावा है कि मजदूरों के हित में सीटू की ठेका मजदूर यूनियन ने ढेर सारे काम किए हैं। जिसके बदली में मजदूर खुद बैठक में इस बात को रखे कि वे प्रचार में यूनियन का समर्थन करेंगे। चाहे मामले कैंटीन कर्मियों को नियमित करने का हो, सेक्टर-९ हॉस्पिटल के अटेंडेंट को काम से बैठाने का या कोई और हर मामले में संघर्ष कर सफलता पाए हैं।
हमर बर संघर्ष करिस है ओला मान्यता चुनाव जिताबो

मजदूरों ने बैठक में कहा कि मजदूरों के शोषण के खिलाफ जमीनी संघर्ष के लिए एक मात्र यूनियन है जो हक अधिकार की लड़ाई में सड़क की लड़ाई लड़ी है।
संयंत्र में ठेका करण को बढ़ावा
बीएसपी में ठेकेदार मजदूरों को बेवजह काम से बैठा रहे हैं, न्यूनतम तय मजदूरी, अंतिम भुगतान, श्रमिकों को दुर्घटना या मौत पर उचित मुआवजा नहीं देते। आने वाले समय में ठेका मजदूरो की तादाद बढ़ेगी और शोषण भी उसी तादाद में बढ़ेगा, जिसके लिए मान्यता में इमानदार यूनियन का आना जरूरी है जिससे शोषण में लगाम लगाई जा सके।
निजीकरण से बचाने के लिए भी जमीनी लड़ाई को हैं तैयार
बैठक में फैसला लिए कि निजीकरण के खिलाफ नियमित कर्मियों के साथ ठेका मजदूर भी संघर्ष करेंगे। सेल की इकाइयों को बेचने के खिलाफ 16 जुलाई २०१९ को बोरिया गेट पर, 17 जुलाई २०19 को मेन गेट पर सुबह ८ से 9 बजे तक प्रदर्शन किया जाएगा।
केंद्र सरकार दे रही बढ़ावा
बैठक में मजदूरों ने भी इस बात को कहा कि लगातार केंद्र सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। सरकार की इस नीति के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी। आउट सोर्सिंग के नाम पर टुकड़ों में संयंत्र को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है।
निजी क्षेत्र को सामाजिक लक्ष्य से नहीं सरोकार
महासचिव योगेश सोनी ने कहा कि निजी क्षेत्र जब बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ती को जिम्मा उठाता है तो उसके लिए सामाजिक लक्ष्य हासिल करना कोई जिम्मेदारी नहीं होती, बल्कि वह इनसे मुनाफा कमाना चाहता है। सरकार पब्लिक सेक्टरों का निजिकरण की दिशा में जो कदम उठाई है वह उद्योग हित मे है न समाज और न श्रमिकों के हित में है।
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