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इस विभाग के अधिकारी और कर्मचारी के बीच चल रहा चोर-सिपाही का खेल

locationभिलाईPublished: Jul 21, 2018 09:27:13 pm

निगम के जिस अधिकारी ने डीजल चोरी का खुलासा और पुलिस में शिकायत की थी उसी अधिकारी के वाहन से भी डीजल चोरी हो गया है।

Bhilai crime

इस विभाग के अधिकारी और कर्मचारी के बीच चल रहा चोर-सिपाही का खेल, क्या है मामला, पढ़ें खबर

भिलाई. नगर पालिक निगम में स्टॉफ और चोरों के बीच तू-तू डाल-डाल और मैं पात-पात का खेल चल रहा है। मजेदार बात यह है कि निगम के जिस अधिकारी ने डीजल चोरी का खुलासा और पुलिस में शिकायत की थी उसी अधिकारी के वाहन से भी डीजल चोरी हो गया है। इस घटना का सबसे आश्चर्यजनक पहलु यह है कि चोरी की वारदात सुरक्षा जावनों की तैनाती और सीसीटीवी कैमरे लगे होने के बाद हुई है। इससे यह साफ जाहिर हो गया कि इस वारदात में विभागीय स्टॉफ की मिलीभगत है।
निगम में डीजल घोटाला थम नहीं रहा
कर्मचारी निलंबन, एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई के बाद भी नगर निगम में डीजल घोटाला थम नहीं रहा है। अब तो घोटाले का खुलासा करने वाले निगम के प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा की ही कार में गड़बड़ी मिली है। 40 लीटर डीजल में उनकी कार मात्र 32 किलोमीटर ही चली। मिश्रा का कहना है कि उनकी गाड़ी निगम मुख्यालय परिसर में खड़ी थी। वहीं से किसी ने डीजल चोरी की है।
दिनभर में गाड़ी 32 किलोमीटर चली

प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी मिश्रा ने 6जुलाई को वाहन शाखा से टोकन लेकर अपनी कार में 40 लीटर डीजल भरवाया। दिनभर में गाड़ी 32 किलोमीटर चली। शाम को गाड़ी को निगम मुख्यालय परिसर में खड़ी किया। इसके बाद अपनी गाड़ी से घर चला गया। दूसरे दिन सुबह ऑफिस आया। वैशाली नगर क्षेत्र के वार्डों की सफाई व्यवस्था का जायजा लेने जा रहे थे तभी रामनगर मुक्तिधाम के पास गाड़ी बंद हो गई। फ्यूल टैंक का मीटर देखा तो पता चला कि मीटर में ईंधन आधे से भी कम बता रहा है। एयर लेने की वजह से गाड़ी चालू नहीं हुई।
400 किलोमीटर चलना थी गाड़ी

स्वास्थ्य अधिकारी को जो वाहन अलॉट किया गया है उसकी एवरेज कम से कम 10 किलोमीटर है। यानी 40 लीटर डीजल से गाड़ी 400 किलोमीटर तो चलना ही चाहिए थी।
मामले को दबाने का प्रयास
घटना 16 दिन पहले की है, लेकिन निगम प्रशासन इस संबंध में अब तक सिर्फ जांच की खानापूर्ति कर रहा है। अधिकारी वीडियो फुटेज खंगालने के नाम पर मामले को दबाने में लगे हुए हैं।
24 सुरक्षा जवान फिर भी चोरी कैसे
निगम प्रशासन ने निगम मुख्यालय और जोन परिसर में खड़ी होने वाली गाडिय़ों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए ९९ सुरक्षा गार्ड रखे हैं। इनमें से छह सुरक्षा गार्ड की २४ घंटे निगम मुख्यालय परिसर में ड्यूटी होती है। इनके वेतन पर हर साल एक करोड़ रुपए खर्च करता है। इसके अलावा निगम मुख्यालय में आने -जाने वालों पर नजर रखने के लिए प्रवेश द्वार पर सीसीटीवी कैमरा भी नगाया गया है। इतनी सुरक्षा व्यवस्था होने के बावजूद निगम परिसर में खड़ी गाड़ी के टैंक से डीजल गायब होना, निगम प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था और कर्मचारियों की नीयत पर सवाल खड़ा करता है।
निगम में अब तक चोरी के मामले
1. २०१४-१५ में निगम परिसर में खड़ी चार गाडिय़ों की बैटरी चोरी हो गई थी। इसी साल नेहरू नगर जोन कार्यालय में खड़े छह ऑटो की बैटरी गायब हो गई थी। लिखा-पढ़ी तो हुई मगर कार्रवाई किसी पर नहीं।
2. २०१७ में एमआईसी सदस्य डॉ. दिवाकर भारती ने नेहरू नगर चौक स्थित पेट्रोल टैंक में निगम के वाहनों में १५ लीटर डीजल के टोकन में ४-५ लीटर डीजल डलवाते हुए चालकों को पकड़ा। वीडियोग्राफ के साथ इसकी शिकायत की, लेकिन इस मामले में निगम प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।
3. इसी साल अप्रैल में प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेन्द्र मिश्रा ने वैशाली नगर जोन के कर्मचारी और पेट्रोप पंप संचालक की मिली भगत से चल रही डीजल चोरी का खुलासा किया। जांच प्रतिवेदन के आधार पर थाने मे रिपोर्ट भी दर्ज कराई।
स्वच्छता निरीक्षक सहित तीन के खिलाफ एफआईआर
डीजल चोरी के मामले में स्वच्छता निरीक्षक महेश पांडेय, वाहन चालक संदीप दामले और कोहका रोड कुरुद स्थित यूवी पॉवर सर्विस सर्विस स्टेशन के सहायक प्रबंधक गजेन्द्र निर्मलकर के खिलाफ सुपेला थाना में एफआइआर दर्ज कराई गई है। पुलिस मामले की जांच के लिए दस्तावेज को अपने कब्जे में ले लिया है। आयुक्त केएल चौहान ने उन्हें निलंबित भी कर दिया।
मामले की जांच चल रही

प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेन्द्र मिश्रा ने बताया कि गाड़ी से डीजल चोरी की शिकायत की है। वाहन शाखा प्रभारी को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दे दी है। प्रशासनिक स्तर पर मामले की जांच चल रही है।

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