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डीआईजी डांगी का पैरेंट्स के नाम पत्र- कहा नंबरों से ज्यादा आपके बच्चों की जिंदगी कीमती

locationभिलाईPublished: May 09, 2019 12:24:53 pm

Submitted by:

Komal Purohit

भिलाई. डीआईजी रतनलाल डांगी ने दसवीं-बारहवीं के रिजल्ट आने के बाद पैरेंट्स के नाम पत्र लिखकर कहा कि रिजल्ट के बाद अपने बच्चों की तुलना करने की बजाए उनका हौसला बढ़ाइए, क्योंकि अंकों से जिंदगी नहीं चलती। वैसे भी समाज केवल आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर इंजीनियर से नहीं चलता, बल्कि समाज में और भी लोगों की जरूरत होती है।

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उच्च अंक लाना ही कामयाबी है ऐसी धारणा गलत

देखिए पत्र में यह लिखा
प्रिय अभिभावकों
जब से 10 वी एवं 12 वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम आया है कई परिवारों का माहौल तनावपूर्ण चल रहा हैं।न तो बच्चे खाना खा रहे और न ही माता पिता।हम कैसे मोहल्ले में मुंह दिखाएंगे, कैसे ऑफिस में कुछ बोल पाएंगे ,रिश्तेदार ताना मारेंगे, यह सब केवल तुम्हारी मक्कारी के कारण हुआ है ,अब तो शादी विवाह के कार्यक्रम में ंजाने की भी इच्छा नहीं हो रही हैं ऐसे ऐसे ताने बच्चों को सुनने को मिल रहे है।गली, मोहल्लों, किटी पार्टी, , चौक चौराहा पर एक ही चर्चा चल रही है फलां स्कूल का लड़का टॉप आया हैं फलां का लड़का कुछ खास नहीं कर पाया हैं। न जाने क्या क्या चर्चाएं चल रही है। परिवार के लोगों व बच्चों के मन मे उधेड़ बुन चल रहीं है। माता-पिता ,चाचा-चाची,दादा- दादी ,नाना -नानी सभी तनाव में हैं। ऐसे सभी परिवारों से मेरा निवेदन है कि आप तनाव से बाहर आइए। यह परिणाम न तो प्रथम है और न ही आखिरी। जीवन में बहुत बार ऐसे परिणाम आते रहेंगे ,तो क्या आप हर बार ऐसे ही तनाव में जीते रहेंगे। अंकों को लेकर न तो अभिभावकों मे और न ही छात्रों में किसी प्रकार की हीन भावना आनी चाहिए।
ना करें तुलना
अभिभावकों को चाहिए कि उन्हें अपने बच्चों की तुलना अन्य बच्चों से नहीं करें। सब बच्चे एक जैसे नहीं हो सकते। दुनिया मे दो व्यक्ति एक जैसे नहीं होते । आपके बच्चे में जो खासियत है वो उस बच्चे में नहीं मिलेगी जिससे आप उसकी तुलना कर रहे है। उच्च अंक लाना ही कामयाबी है ऐसी धारणा गलत है। नम्बरों से ज्यादा महत्वपूर्ण आपकी जिंदगी हैं। किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता चाहिए होती है न कि अधिकतम अंक । परीक्षा व साक्षात्कार में सामान्य समझ ,वैचारिक स्पष्टता, विषयों की अच्छी सामान्य जानकारी ही काम आती है।देश की सर्वोच्च परीक्षाओं मे चयनित अभ्यर्थियों का शैक्षणिक रिकॉर्ड देखिए अपवाद को छोडकर अधिकांशत: लोग स्कूल व कॉलेज में औसत से थोड़ा बहुत ही अधिक अंक वाले हैं । अति महत्वकांक्षा अवसाद को जन्म देती हैं। ज्यादा से ज्यादा अंक लाना है, पड़ोसी से ज्यादा, रिश्तेदार के बच्चों से ज्यादा ,उससे ज्यादा… इससे ज्यादा…बच्चों पर मेहरबानी कीजिए। अच्छा करने कहिए लेकिन उसकी तुलना अन्य किसी से मत कीजिए इससे आपके बच्चे की रचनात्मक खत्म हो जाएगी ।आपका बच्चा जीनियस है । वो जीवन में ,जो आपने नहीं किया है उससे अच्छा करेगा। आपकी उम्मीद से ज्यादा करेगा। समाज केवल आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर और इंजीनियर से ही नहीं चलता।बल्कि इनके अलावा भी बहुत है जिनकी समाज व देश को जरूरत है। बस आप बच्चों को प्यार दीजिए, उसका आत्मविश्वास बढ़ाइएं। सफलता उसका जन्मसिद्ध अधिकार है।जिसे कोई नहीं छीन सकता। बस आप साथ दीजिए।
रतनलाल डांगी आईपीएस
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