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परिवार में कोई नहीं इसलिए भीख मांगकर करना पड़ रहा था गुजारा, अब वृद्धाश्रम में मिली दो बुजुर्गों को पनाह

locationभिलाईPublished: Sep 07, 2021 04:26:59 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण कल्याण अधिनियम 2007 के तहत अपने संतान परिवारजनों से भरण पोषण एवं रहन सहन की सुविधा प्राप्त कर सकते है

परिवार में कोई नहीं इसलिए भीख मांगकर करना पड़ रहा था गुजारा, अब वृद्धाश्रम में मिली दो बुजुर्गों को पनाह

परिवार में कोई नहीं इसलिए भीख मांगकर करना पड़ रहा था गुजारा, अब वृद्धाश्रम में मिली दो बुजुर्गों को पनाह

दुर्ग. परिवार में देख-रेख करने वाला कोई नहीं होने के कारण भीख मांगकर गुजारा करने को मजबूर दो लावारिस वृद्धों को विधिक सेवा प्राधिकरण की पहल पर आशियाना मिल गया। दोनों लावारिस बीमार अवस्था में जिला अस्पताल में दाखिल कराए गए थे। दोनों का पहले सरकारी अस्पताल में एक-एक माह ईलाज कराया गया और अब वृद्धाश्रम में दाखिल कराया गया है। जहां रहकर अब दोनों बुजुर्ग गुजर-बसर करेंगे।
एक महीने से अस्पताल में चल रहा था उपचार
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव राहुल शर्मा ने बताया कि दो लावारिस वृद्ध साधु राम साहू पिता मुकुत राम साहू उम्र 65 साल निवासी लिटिया सेमरिया और रविन्द्र मांझी पिता जाडीराम मंझी उम्र 63 साल भागलपुर के रहने वाले है। जिला अस्पताल के लावारिस वार्ड मे एक-एक माह से इलाज के लिए 108 एम्बुलेंस के माध्यम से लाकर भर्ती किया गया था। स्वास्थ होने पर 1 सितंबर को छुट्टी दी गई। उपचार पूर्ण होने के उपरांत यह ज्ञात हुआ कि वृद्ध का इस दुनिया में कोई नहीं है। इस पर उनका कोविड टेस्ट कराकर पुलगांव स्थित वृद्धाश्रम में भर्ती कराया गया। वृद्ध जनों को उनकी मर्जी से वृद्धाश्रम में भर्ती कराया गया। दोनों कई साल से अस्वस्थ थे और भीख मांग कर अपनी रोजी रोटी का इंतजाम करते थे। पीएलवी रामदेव गुप्ता और कॉन्स्टेबल कृपा राम ठाकुर के सहयोग से दोनों का उपचार कराकर वृद्धाश्रम में भर्ती कराया गया।
तो संतानों के खिलाफ दर्ज कराएं प्रकरण
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव राहुल शर्मा ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण कल्याण अधिनियम 2007 के तहत अपने संतान परिवारजनों से भरण पोषण एवं रहन सहन की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं तथा इसके लिए विधि अनुसार परिवार न्यायालय में प्रकरण भी दर्ज किए जा सकते हैं। प्राय: यह देखने में आता है कि संतान अपने माता-पिता की संपत्ति का उपभोग करते हैं किन्तु उनके भरण-पोषण के दायित्व से अपने का अलग कर लेते हैं।
प्राधिकरण उपलब्ध कराती है नि:शुल्क सेवा
राहुल शर्मा ने बताया कि वृद्धजनों को अपने संतानों से भरण-पोषण पाने का अधिकार है,जिसके लिए उन्हें सामने आना चाहिए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऐसे वृद्धजनों के लिए भरण-पोषण की राशि संतानों से दिलाए जाने के लिए प्रबल रूप से खड़ा होकर उन्हें पूरी तरह से विधिक सहायता हेतु मदद करेगा तथा उन्हें नि:शुल्क विधिक सहायता प्रदान करते हुए शासकीय व्यय पर पैनल अधिवक्ता भी उपलब्ध कराएगा।
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