जिला सहायक खाद्य नियंत्रक बीआर साहू और खाद्य सुरक्षा अधिकारी खीरसागर पटेल, नारद कोमरे की टीम ने बुधवार को मावा में मिलावट की आशंका पर दुर्ग के शांति स्वीट्स में दबिश दी। पेड़े का सैंपल लिए हैं। इसके अलावा शहीद चौक स्थित होटल कंबियन की जांच पड़ताल की। होटल के किचन में एक्सपायरी फ्रीजर में रखी हुई दाल मखानी का सैंपल एकत्र किया। होटल के कर्मचारियों ने दाल मखानी एक दिन पहले का पका हुआ बताया। इस वजह से खराब होने की आशंका पर टीम ने सैंपल लिया। इसके अलावा होटल के किचन में 8 अक्टूबर की पैकिंग तारीख के 12 पैकेट देवभोग का दूध, श्री आर्शीवाद खस्तापुरी का 5 पैकेट, लिज्जत पापड़ 7 पैकेट, टेस्टी ब्लैक सॉल्ट, एमबीपीएस माना नूडल्स के पैकेट को जब्त कर नष्ट किया। वहीं किचन डे्रनेज सिस्टम कवर्ड नहीं पाया गया। होटल के कर्मचारी एप्रान और ग्लब्स नहीं पहने थे। सभी सैंपल को जांच के लिए छत्तीसगढ़ शासन की लेबोरेटरी भेजा गया।
2.लाल मिर्च – मिर्च पाउडर को लाल दिखाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। इस वजह से सैंपल फेल हो गए।
4.दाल – दालों को चमकता पीला बनाने के लिए मेटानिल येलो सिंथेटिक डाई का इस्तेमाल किया गया।
6.ब्रेड- निर्धारित मात्रा में तत्व नहीं मिले। 7.पोहा- क्वालिटी अच्छी नहीं होने की वजह से मिस ब्रांड साबित हुई।
धनिया और सौंफ – धनिया और सौंफ के दाने को हरा करने के लिए केमिकल का स्प्रे किया जाता है। आटा – गेहूं के आटे में मैदा, ज्वार या जौ का आटा मिला दिया जाता है।
चावल- सुंगधित चावल के नाम पर सामान्य चावल में एसेंस मिलाकर अधिक दाम पर बेचते हैं।
कांग्रेस कार्यकर्ता अली हुसैन सिद्दीकी ने मिलावटी दूध और दुग्ध उत्पाद को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है। सर्वोत्तम आहार दूध के साथ मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है यहां घर पहुंच दूध की सेवा देने के नाम पर लोगों से छल किया जा रहा है
ये भी प्रावधान
भ्रामक विज्ञापन : विज्ञापन में शुद्घता का दावा करना। जांच में मिलावट मिला तो10 लाख रुपए तक जुर्माना।
– दूध, पनीर और खोवा में मिलावट से डाइजेस्टिव सिस्टम डैमेज होता है। लिवर, जॉइंट्स और किडनी से संबंधित बीमारियां होने लगती हैं। डायबिटीज और मोटापा बढ़ता है।
जवाब- मिलावटी चीजें शहर में न बिके इसके लिए लगातार मॉनीटरिंग हो रही है। आज ही टीम ने 3-4 स्थानों से सैंपल एकत्र किया है। पिछले 9 महीने में टीम ने 57 सैंपल एकत्र किए थे। जो सैंपल फेल हुए, उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रकरण तैयार किया गया है।
जवाब- विभाग ने 8 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है। सैंपल फेल होने पर संबंधित फर्म के खिलाफ प्रकरण तैयार एडीएम और सीजीएम के न्यायालय में प्रस्तुत किया जाता है। बुधवार को दो फर्म को नोटिस जारी किया गया है।