मरीजों ने बताया कि अगर सीनियर डॉक्टर यहां बैठते, तो मरीजों की परेशानी पूछकर जो दवा दिया जा रहा है, उसमें तब्दीली करते। बीमारी से लोगों को कुछ राहत मिलती।
बीएसपी के जनरल ओपीडी में हर दिन करीब २५० मरीज पहुंचते हैं। इनमें से अधिकतर को पहले से ही यह मालूम होता है कि दवा रिपीट ही होनी है, इस वजह से जहां मेडिकल बुक रखा जाता है, वहां रखकर आंख, रक्त, शुगर की जांच करवाने चले जाते हैं। यहां बीएसपी के पूर्व व वर्तमान दोनों तरह के मरीज आते हैं।
श्रमिक नेताओं का ध्यान चुनाव में जीत हांसिल करने के दिशा की ओर है। वे मरीजों की दिक्कतों को पूछने नहीं आते। जिसके कारण यह तकलीफ उनके कानों तक नहीं पहुंच रही है।