सुपेला इस्लाम नगर निवासी नईम खान रात 8.30 बजे अपनी बेटी आफरीन को प्रसव पीड़ा होने पर सुपेला शासकीय अस्पताल लेकर पहुंचे। नर्सों ने यह कहते हुए लौटा दिया कि अस्पताल में एक भी डॉक्टर नहीं है। वे लोग किसी प्रकार का रिस्क नहीं ले सकतीं। दुर्ग जिला अस्पताल चले जाइए। नईम ने पत्रिका को बताया कि अस्पताल जाने से पहले घर गए। घर पहुंचते ही उसकी बेटी ने एक बच्ची को जन्म दिया। रात 11.30 बजे जच्चा- बच्चा को लेकर फिर अस्पताल पहुंचे। नईम ने कहा – अल्लाह का श्ुाक्र है सब कुछ अच्छा निभ गया। बच्ची का नाल कटाने लाए हैं। इसके बाद नर्सों ने प्रसूति वार्ड में भर्ती किया।
रात करीब सवा आठ बजे तक डॉ. बबीता सक्सेना ने अस्पताल आने वाले लोगों का इलाज किया। इसके बाद नाइट शिफ्ट की ड्यूटी डॉ. बी. मरकाम की थी, लेकिन वे आए ही नहीं। मामला तूल पकडऩे के बाद अस्पताल के प्रभारी डॉ. संजय वालवंद्रे रात करीब 12 बजे खुद पहुंचे। उन्होंने नाइट शिफ्ट के ड्यूटी डॉक्टर बी. मरकाम को कई बार फोन लगाया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। प्रभारी ने पूरी रात ड्यूटी की।
रात में वैशाली नगर, जामुल, छावनी और खुर्सीपार तीन थानों की पुलिस मारपीट के प्रकरण में घायलों का मुलाहिजा कराने पहुंची थी। जवान में दो-तीन घंटे से डॉक्टर का इंतजार करते बैठे थे। वैशाली नगर पुलिस अशोक साव और राजा सोनकर को लेकर आई थी। दर्द से कराह रहा राजा बार-बार कह रहा था मेरा तुरंत इलाज कराओ नहीं तो मर जाऊंगा। इसी तरह जामुल पुलिस शिव कुमार ख्ुार्सीपार पुलिस जितेंद्र सिंह और छावनी पुलिस तुषार कुमार को मुलाहिजा कराने लेकर आई थी।
रात में जरूरतमंद लोगों को इलाज सुविधा नहीं मिलने की खबर सुनते ही निगम के नेता प्रतिपक्ष रिकेश सेन और वरिष्ठ पार्षद पीयूष मिश्रा अस्पताल पहुंचे। उन्होंने श््राहर के एकमात्र सरकारी अस्पताल में पर्याप्त चिकित्सा सुविधा नहीं होने ऊपर से डॉक्टरों की लापरवाही पर नाराजगी जताई। शिकायत के बाद भी अस्पताल व जिला प्रशासन द्वारा फौरी कोई व्यवस्था नहीं करने व एक्शन नहीं लेने पर भी पार्र्षदद्वय ने कहा कि जग प्रशासन ही लचर है तो अस्पताल की स्थिति कैसी सुधरेगी?
गुरुवार को सुबह सिविल सर्जन पुनीत बालकिशोर और सीएचएमओ दफ्तर की ओर से जिला मलेरिया नियंत्रण अधिकारी एसके मंडल अस्पताल पहुंचे। उन्होंने व्यवस्था की जानकारी ली। रात पाली ड्यूटी में बिना बताए गैरहाजिर डॉ. बी. मरकाम को इस लापरवाही के लिए दो दिन में स्पष्टीकरण देेने नोटिस जारी किया गया है। साथ ही एक दिन का वेतन काटने और वेतनवृद्धि रोकने के भी निर्देश दिए गए हैं।
रातभर बखेडा़ के बाद भी अस्पताल के डॉक्टर नहीं चेते। गुरुवार को मॉच्र्युरी में शव का पीएम करने की ड्यूटी डॉ. मंजू राठौर की थी। दो शव का पीएम किया। तीसरा आया तो जिला अस्पताल भेज दिया। इसके बाद घर चली गई। तभी शाम करीब 4 बजे खुर्सीपार की शहनाज बेगम का शव पीएम के लिए लाया गया।। गिरने से सिर पर चोट लगने से इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। डॉक्टर गायब रहने की खबर मिलने पर पूर्व मंत्री बीडी कुरैशी पहुंचे। उन्होंने सिविल सर्जन से बात की। अधिकारियों ने डॉ.़ मंजू को फोन लगाया, लेकिन उन्होंने नहीं उठाया। तब अस्पताल का एंबुलेंस भेजकर उन्हें घर से लाया गया।