महिलाओं ने संभाला मोर्चा
जामुल के वार्ड-1 ढौर तालाब और वार्ड-18 गार्डन के पास मौजूद मुक्तिधाम में महिलाओं ने मोर्चा संभाला। वे यहां किसी भी शव को अंतिम संस्कार के लिए आने नहीं देने की बात कहते हुए बैठ गई। घरों महिलाएं विरोध में बैठी रही। जिसके कारण शव को यहां लाना मुश्किल हो गया। बैठक के बाद मामला सुलझा इसके बाद देर शाम शव को लाकर अंतिम संस्कार किए। इस दौरान एसडीएम ने कहा कि शव को अंतिम संस्कार करने से रोकना अपराध है। इस वजह से ऐसा कृत न करें।
मुक्तिधाम के चारों ओर किया जाए घेरा
पार्षद युवराज वैष्णव ने यहां के लोगों की ओर से जिला प्रशासन से मांग किया कि मुक्तिधाम को चारों ओर से घेर दिया जाए। जिससे भीतर कुत्ते न पहुंचे। इसके साथ-साथ यहां के लोगों को भी बड़ी संख्या में किए जा रहे अंतिम संस्कार नजर न आए। इस पर जिला प्रशासन ने टीना से मुक्तिधाम को घेरने के लिए काम जल्द शुरू करने की बात कही।
पीपीई किट को नष्ट करने हो बेहतर व्यवस्था
लोगों ने मांग किया कि पीपीई किट का उपयोग अंतिम संस्कार में किया जा रहा है। उसके बाद उतारकर छोड़ दे रहे हैं। जिसे कुत्ते लेकर गांव में घूम रहे हैं। इससे कोरोना वायरस पूरे वार्ड में फैलना तय है। बेहतर होगा कि पीपीई किट को नष्ट करने के लिए एक ड्रम मुक्तिधाम में रख दिया जाए। जिसमें सारे पीपीई किट डालकर अंत में उसे नष्ट कर दिया जाए। इस मांग को भी अधिकारियों ने मान लिया।
दवा का करें छिड़काव
लोगों ने बताया कि किस तरह से अंतिम संस्कार का धुंआ पूरे वार्ड में फैल रहा है। वैसे ही कोरोना वायरस पैर पसार रहा है। उस पर यह धुंआ लोगों को परेशान कर रहा है। उन्होंने मांग किया कि मशीन से दवा का छिड़काव किया जाए। नगर पालिका, जामुल की ओर से इसक व्यवस्था की जाए। इस मांग को भी जिला प्रशासन ने मान लिया।
चौकीदार की हो व्यवस्था
मुक्तिधाम में चौकीदार की व्यवस्था करने की मांग भी की गई। जिससे यहां नजर रखा जा सके। अंतिम संस्कार करते वक्त अधिक लकड़ी लगाई जाए, शव को रखने से पहले चिता ऊंची बने, नहीं तो लाश पूरी नहीं जलेगी। इसे भी अफसरों ने मान लिया। टेस्टिंग किट की संख्या बढ़ाई जाए। इसकी कमी के कारण जो लोग जांच कराना चाहते हैं उनकी जांच नहीं हो पा रही है। इसी तरह से होम आइसोलेशन में जो लोग हैं उनकी मॉनिटरिंग बराबर नहीं हो रही है। निगरानी नियमित हो।
अधजली लाश की बात सही नहीं
नगर पालिका परिषद, जामुल, सीएमओ आर नायक ने कहा मक्तिधाम में जितनी लाश आ रही है, उतने उनके परिजन भी होते हैं। उनके सामने ही पूरा रस्म अदा कर रहे हैं। यह बोलना कि अधजली लाश थी, सही नहीं है। पीपीई किट परिजन भी पहनकर आते हैं और कार में बैठने के पहले उतारकर इधर-उधर छोड़ देते हैं। अब उस पर भी नियंत्रण किया जाएगा।