गिरहोला- सेमरिया के बीच 30 मई की सुबह एक लाश बोरी में मिली। शव का चेहरा स्पष्ट होने के कारण इसकी फोटो वायरल की गई। रविवार को विष्णु के रिश्तेदारों ने फोटो को देखने के बाद पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दुर्ग मॉच्र्युरी पहुंचकर शव की पहचान कराई तब जाकर पता चला कि मृतक का नाम विष्णु साहू था। इधर रविवार की रात कंडरका चौकी के ग्राम नेवनारा के पास लोर नाला में बोरी में एक महिला की लाश मिली थी। जिसकी शिनाख्ती सोमवार को रायपुर के टिकरापारा निवासी विष्णु साहू की पत्नी नीरा साहू के तौर पर की गई। मृतक के भाई अजय साहू ने थाने पहुंचकर कपड़ों से शव की पहचान की।
पुलिस को आशंका थी कि यह हत्या किसी और ने नहीं बल्कि करीबी रिश्तेदारों ने की है। हत्या की वजह संपत्ति विवाद को माना जा रहा है। पुलिस ने शक के आधार पर कुछ करीबियों को हिरासत में लेकर पूछताछ जिससे हत्याकांड का खुलासा हो गया। इस संबंध में आज पुलिस कंट्रोल रूम सेक्टर-6 में प्रेस वार्ता के दौरान एसपी प्रखर पाण्डेय व अन्य अधिकारियों ने बताया कि आरोपी गोकुल साहू अपने बड़े पिता विष्णु साहू के तार के कारखाने को 25 हजार मासिक किराए में लेकर चला रहा था। विष्णु साहू को यह किराया कम लग रहा था और इसे दूसरे को देने की बात कर रहा था। गोकुल को कारखाना छिन जाने का डर सता रहा था इसी के चलते इसने हत्या की योजना पर काम करना शुरू कर दिया।
पुलिस के मुताबिक 29 मई को विष्णु साहू अपनी पत्नी नीरा साहू के साथ अपने भतीजे गोकुल साहू के गांव कारा गए। यहां गोकुल के ***** अजय साहू की छट्टी का कार्यक्रम था। योजना के तहत गोकुल ने इस रात अपने बड़े पिता विष्णु साहू को जमकर शराब पिलाई। इसके बाद अपनी स्वीफ्ट कार से अपने ब्यारा में लाया और रस्सी से गला घोंटकर मार दिया। इसके बाद अपनी बड़ी मां नीरा साहू को भी बहाने से ब्यारा लाया और मारने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हुआ तो चाकू से गोद दिया। इसके बाद अपने साढ़ू मोतीलाल की सहायता से दोनों शवों को बोरे में भरकर बड़ी मां का शव बेरला के अकलोर नाले में और बड़े पिता का शव गिहरोला के पास फेंककर चला गया।