scriptये है CG की खुशी, 11 वीं की छात्रा ने खेती के लिए स्प्रिंकलर टेक्नोलॉजी को दिया ऐसा नयापन, जिसे देखने रूस बेकरार | DPS Bhilai student khushi will be showcase her science model in Russia | Patrika News

ये है CG की खुशी, 11 वीं की छात्रा ने खेती के लिए स्प्रिंकलर टेक्नोलॉजी को दिया ऐसा नयापन, जिसे देखने रूस बेकरार

locationभिलाईPublished: Nov 21, 2019 04:09:42 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

डीपीएस रिसाली में कक्षा 11वीं छात्रा खुशी का चयन रूस के सीरियस डीप टेक्नोलॉजी लर्निंग एंड इनोवेशन प्रोग्राम के लिए हुआ है। भारतीय प्रतिनिधि मंडल में देश भर से 25 विद्यार्थी शामिल हैं, जिनमें खुशी भी एक हैं। (Bhilai news)

ये है CG की खुशी, 11 वीं की छात्रा ने खेती के लिए स्प्रिंकलर टेक्नोलॉजी को दिया ऐसा नयापन, जिसे देखने रूस बेकरार

ये है CG की खुशी, 11 वीं की छात्रा ने खेती के लिए स्प्रिंकलर टेक्नोलॉजी को दिया ऐसा नयापन, जिसे देखने रूस बेकरार

भिलाई. हमारे होनहार देश-दुनिया में भिलाई का नाम रोशन करते आ रहे हैं। इसी कड़ी में अब खुशी गुप्ता का नाम भी शामिल हो जाएगा। डीपीएस रिसाली में कक्षा 11वीं छात्रा खुशी का चयन रूस के सीरियस डीप टेक्नोलॉजी लर्निंग एंड इनोवेशन प्रोग्राम के लिए हुआ है। इसके लिए भारतीय प्रतिनिधि मंडल में देश भर से 25 विद्यार्थी शामिल हैं, जिनमें खुशी भी एक हैं। इसमें प्रतिनिध मंडल 25 नवंबर से 4 दिसंबर तक शामिल रहेगा। खुशी देवेंद्र कुमार व मनीषा गुप्ता की पुत्री हैं।
खुशी गुप्ता ने अटल इनोवेशन मैराथन 2018-19 में क्लीन एनर्जी श्रेणी के तहत भाग लिया था। उन्होंने सिंचाई के लिए खेतों में स्थापित घूर्णन स्प्रिंकलर की गतिज ऊर्जा का उपयोग करने का नवीन विचार प्रस्तावित किया और सिंचाई की प्रक्रिया के साथ-साथ किसानों को बिजली के कम बिल और निर्बाध बिजली आपूर्ति प्राप्त करने में मदद करने, इसे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया। अपने विशेष प्रयासों एवं कड़ी मेहनत के साथ खुशी ने पूरी तरह कार्यात्मक प्रोटोटाइप का मूल स्वरूप बनाया।
नोबेल पुरस्कार विजेता को समझाया नवाचार
एआइएम 2018-19 के अंतर्गत देश की शीर्ष 200 टीमों में से खुशी गुप्ता, कृति तिवारी एवं श्रृति सिन्हा की तीन सदस्यी टीम का चयन किया गया, जिसे नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के समक्ष दिल्ली संगोष्ठी में अपने नवाचार को समझाने का मौका मिला। खुशी ने 15 से 20 अक्टूबर, तक बीटीआई मैदान, रायपुर में आयोजित पांच दिवसीय 46वें जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान गणित एवं पर्यावरण प्रदर्शनी (जेएनएनएसएमईई) में एक विशेष आमंत्रण पर अपने संरक्षक के साथ अपने नवाचार को प्रदर्शित किया और राष्ट्र स्तरीय मेरिट प्रमाणपत्र भी प्राप्त किया।
साक्षात्कार में खुद को किया साबित
एक वास्तविक नवोन्मेषी और एआइएम की शीर्ष 100 टीमों का हिस्सा होने पर खुशी को सोची, रूस में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सेलेक्शन राउंड के लिए आवेदन करने का अवसर मिला। जिसका उन्होंने प्रथम राउंड क्वालिफाई किया। जिसके तहत उनके नवाचार और उसकी विभिन्न क्षमताओं पर उनसे लिखित में प्रश्न पूछे गए। इसके बाद उन्हें दूसरे राउंड के लिए भारत के 45 छात्रों में से ऑनलाइन साक्षात्कार के लिए चुना गया। अपनी परियोजना के प्रति ईमानदारी और समर्पित प्रयास से उन्होंने साक्षात्कार राउंड भी क्वालिफाई किया। इस प्रकार विभिन्न बाधाओं को पार करते हुए उन्होंने सोची, रूस में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में चयनित होकर अपने प्रदेश और विद्यालय को गौरवान्वित किया।
नीति उद्योग कर रहा मदद
वर्तमान में उन्हें एआईएम, नीति आयोग के तहत ऊष्मायान केन्द्रों की एक टीम दी गई है और वह इलेक्ट्रो स्प्रिंकलर के अपने प्रोटोटाइप को व्यावसायिक दृष्टि से व्यावहारिक उत्पाद में बदलने के लिए कार्य कर रही है। उनकी इस उपलब्धि में मौसमी रॉय, प्रभारी, अटल टिंकरिंग लैब, संरक्षक शिक्षक दिनेश कुमार जावड़ेकर का विशेष सहयोग रहा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो