बार-बार बीएसपी प्रबंधन से शिकायत करने के बाद भी जब टाउनशिप में गंदे पानी की समस्या बनी रही तब कुछ लोगों ने यह बात सांसद विजय बघेल के संज्ञान में लाई। इसके बाद बघेल ने 3 मई को बीएसपी नगर सेवाएं विभाग के मुख्य महाप्रबंधक पीके घोष से टॉउनशिप के नलों में आ रहे गंदे पानी के विषय पर चर्चा की। इसका कारण पूछा और निवारण के लिए किए जा रहे उपायों की भी जानकारी ली। पेयजल को गंभीर मुद्दा बताते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि जल्द से जल्द साफ पानी की सप्लाई करें। तब बघेल ने कहा था कि एक-दो दिन के भीतर लोगों को पूर्व की तरह साफ पानी मिलने लगेगा।
भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने 19 अप्रैल को बीएसपी के फिल्टर प्लांट का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने पानी फिल्टर करने की विधि बताई। लैब में पानी की टेस्टिंग करके भी दिखाया। यह भी बताया कि उन्होंने पानी साफ करने के लिए प्राइवेट एजेंसी को जिम्मेदारी दी है। इस समस्या का समाधान निकाल लिया गया है। वे बीएसपी के नगर सेवाएं विभाग भी गए थे। बीएसपी के अधिकारियों से करीब एक घंटा चर्चा की। इस समस्या को तत्काल दूर करने के निर्देश दिए। बाद में कलेक्टर एवं अन्य अधिकारियों के साथ फिर फिल्टर प्लांट पहुंचे। प्रबंधन को सतत निर्देश देते रहे हैं।
17 मई को कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने पानी की शुद्धता को लेकर बैठक बुलाई थी। निर्देश के बाद भी प्रबंधन की ओर से कोई भी पहल नहीं की गई।इसके बाद 28 मई को प्रबंधन को कड़ी फटकार लगाई। कहा कि पाइप लाइन से शुद्ध पानी आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं तो टैंकर से पानी पहुंचाओ। शुद्ध पानी जनता का बुनियादी अधिकार है। इसके लिए और ज्यादा समय तक इंतजार नहीं किया जा सकता। पानी साफ करने में एजेंसी नाकाम है तो बदल दो। पेयजल गंभीर मुद्दा है। इसके लिए हर स्तर पर जाकर कार्य करना होगा, जब तक कि जनता को संतुष्टि न हो जाए। कलेक्टर ने 65 साल पुराने जलशोधन संयंत्र के अपग्रेडेशन और पानी टंकियों की सफाई करने के भी निर्देश दिए।
नगर निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी ने 26 मई को स्वयं टाउनशिप में घर-घर जाकर पानी को देखा। लोगों से बातचीत की। इसके अगल दिन 27 मई को फिर बीएसपी के जलशोधन संयंत्र का दौरा किया। अपनी मौजूदगी में कई स्थानों से पानी का सैंपल लेकर जांच के लिए भिजवाया। इसी दिन देरशाम भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभरी अनिर्बान दासगुप्ता को कड़ा पत्र लिखा। चेताते हुए कहा है कि बीएसपी गंदे जल प्रदाय व्यवस्था में तत्काल प्रभाव से सुधार करते हुए शुद्ध पेयजल नागरिकों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे। अन्यथा महामारी एक्ट 1987 यथा संशोधित 2020 प्रदत्त शक्तियों के अधीन कार्रवाई की जाएगी। ऋतुराज रघुवंशी आयुक्त नगर निगम भिलाई ने कहा कि हमने दो कदम उठाए हैं। पहला जांच में यह साबित हो गया था कि बीएसपी के जलशोधन संयंत्र में इस्तेमाल किए जा रहे एलम की क्वालिटी सही नहीं है, इसलिए अब निगम से एलम दे रहे हैं। दूसरा वैकिल्पक व्यवस्था के तहत बीएसपी को टैंकर से पेयजल की आपूर्ति के लिए निगम की टंकियों से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। मैं बुधवार को फिर बीएसपी का फिल्टर प्लांट गया था। वहां केमिकल की जानकारी ली।
टाउनशिप में चल रहा हस्ताक्षर अभियान
श्रीराम जन्मोत्सव समिति ने टाउनशिप में मटमैला पेयजल आपूर्ति करने के विरोध में हर सेक्टर में हस्ताक्षर अभियान शुरू कर दिया है। समिति के युवा शाखा अध्यक्ष मनीष पाण्डेय का कहना है कि जनता को इस मटमैला पानी से मुक्ति दिलाना है ताकि भविष्य में कोई अन्य बीमारी और महामारी प्रभावित न कर सके।
आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता टाउनशिप में सप्लाई की जा रही पानी की जांच े कराने सैंपल लेकर दुर्ग स्थित पीएचई के लैब पहुंचे। वहां अधिकारियों ने निजी सैंपल का अधिकारिक तौर पर जांच करने से इंकार कर दिया। इसी तरह निगम के 77 एमएलडी लैब से भी उन्हें लौटा दिया। बाद में कार्यकर्ता कलेक्टर और बीएसपी प्रबंधन के नाम ज्ञापन सौंपा। जिला अध्यक्ष मेहरबान सिंह, अजित वर्मा, जसप्रीत, सोनू यादव, जीतू निषाद मौजूद थे।