54 करोड़ की लागत से 18 किलोमीटर सड़क निर्माण
जिले के डोगरगढ़ ब्लाक में ठेलकाडीह से ढारा के बीच लगभग 54 करोड़ की लागत से 18 किलोमीटर सड़क निर्माण का काम चल रहा है। निर्माण कार्य का ठेका ओबेराय कंट्रक्शन को मिला है। निर्माण के तहत सिरसाही गांव के पास चनवारी में पुल भी बन रहा है। निर्माणधीन पुल में मुडिय़ा निवासी 33 वर्षीय राजकुमार वर्मा पिता राजकुमार मजदूरी का काम कर रहा था। इस दौरान मिट्टी धसकने से मजदूर नीचे गिर सरिया के उपर गिर गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
जिले के डोगरगढ़ ब्लाक में ठेलकाडीह से ढारा के बीच लगभग 54 करोड़ की लागत से 18 किलोमीटर सड़क निर्माण का काम चल रहा है। निर्माण कार्य का ठेका ओबेराय कंट्रक्शन को मिला है। निर्माण के तहत सिरसाही गांव के पास चनवारी में पुल भी बन रहा है। निर्माणधीन पुल में मुडिय़ा निवासी 33 वर्षीय राजकुमार वर्मा पिता राजकुमार मजदूरी का काम कर रहा था। इस दौरान मिट्टी धसकने से मजदूर नीचे गिर सरिया के उपर गिर गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
बूझ गया चिराग
ललित वर्मा के हादसे में मौत होने के बाद से वर्मा परिवार में मातम छा गया है। परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। मिली जानकारी के अनुसार ललित के दो लड़के और एक लड़की है। मृतक अपने पिता का इकलौता पु़त्र था। परिवार ने मुआवजे की मांग की है।
ललित वर्मा के हादसे में मौत होने के बाद से वर्मा परिवार में मातम छा गया है। परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। मिली जानकारी के अनुसार ललित के दो लड़के और एक लड़की है। मृतक अपने पिता का इकलौता पु़त्र था। परिवार ने मुआवजे की मांग की है।
परिवार को नहीं मिला कंपनी से सहयोग
करोड़ों की काम करने वाली कंपनी मृतक के परिजनों को आर्थिक सहयोग से हाथ खींच ली है जबकि कायदे से मृतक ललित वर्मा के परिजनों को निर्माण एंजेसी द्वारा मुवाअजा देना है। इधर साइड के इंजीनियर प्रीतम वर्मा का कहना है कि कंपनी के सभी मजदूर कर्मचारियों का इंशोरेंस होता है। क्लेम के आधार पर मुआवजा मिलता है लेकिन ललित वर्मा का इंशोरेंस था कि नहीं उन्हें मालूम नही है। ऐसे में ठेकेदार मृतक के परिवार को मुआवजा देने से बच रहे हैं।
करोड़ों की काम करने वाली कंपनी मृतक के परिजनों को आर्थिक सहयोग से हाथ खींच ली है जबकि कायदे से मृतक ललित वर्मा के परिजनों को निर्माण एंजेसी द्वारा मुवाअजा देना है। इधर साइड के इंजीनियर प्रीतम वर्मा का कहना है कि कंपनी के सभी मजदूर कर्मचारियों का इंशोरेंस होता है। क्लेम के आधार पर मुआवजा मिलता है लेकिन ललित वर्मा का इंशोरेंस था कि नहीं उन्हें मालूम नही है। ऐसे में ठेकेदार मृतक के परिवार को मुआवजा देने से बच रहे हैं।
10 फीट उपर से सरिया में गिरा बताया जा रहा है कि पुल की लंबाई करीब 27 फीट है वहीं गहराई 10 फीट है। मजदूर 10 फीट उपर काम कर रहा था और उसे सुरक्षा के लिए कोई भी साधन उपलब्ध नहीं कराया गया था। इस घटना ने प्रशासनिक अधिकारी व ठेकेदार मजदूरों की सुरक्षा के प्रति कितना गंभीर है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। इस मार्ग का नवनिर्माण व चौड़ीकरण मजदूरों की सुरक्षा को ताक पर रखकर कराया जा रहा है। यहां मजदूर कर्मचारी अपनी जान दांव पर लगाकर पुलों का निर्माण कर रहे है।