न्यायाधीश दीपक के गुप्ता ने गुरुवार को फैसला सुनाया। (Decision of murder case) इस प्रकरण में मृतक की बहू निर्मला साहू (40) और उसकी बड़ी बहन मीना साहू (43) को 1-1 वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई। दोनों बहनें 3-3 सौ जुर्माना राशि जमा नहीं करेंगी तो 15-15 दिनों के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। घटना के बाद से आरोपी जेल में ही निरुद्ध हैं। (Section of human slaughter)
हत्या की धारा विलोपित कर मानव वध की धारा में दोषी
न्यायाधीश ने हत्या की धारा को विलोपित करते हुए अपराधिक मानव वध की धारा के तहत चार लोगों को दोषी ठहराते कहा कि अपराध आपसी पारिवारिक विवाद के दौरान हुआ है। पूर्व से सुनियोजित कर अपराध कारित नहीं किया गया है। प्रकरण में पूर्व दोषसिद्धि का कोई तथ्य भी प्रस्तुत नहीं किया गया है। यह घटना तत्काल प्रतिकार स्वरूप हुआ है, लेकिन इस प्रकरण के तथ्य एवं परिस्थिति इस प्रकृति के नही हैं, जिससे किसी प्रकार की सजा में नरमी बरती जाए।
न्यायाधीश ने हत्या की धारा को विलोपित करते हुए अपराधिक मानव वध की धारा के तहत चार लोगों को दोषी ठहराते कहा कि अपराध आपसी पारिवारिक विवाद के दौरान हुआ है। पूर्व से सुनियोजित कर अपराध कारित नहीं किया गया है। प्रकरण में पूर्व दोषसिद्धि का कोई तथ्य भी प्रस्तुत नहीं किया गया है। यह घटना तत्काल प्रतिकार स्वरूप हुआ है, लेकिन इस प्रकरण के तथ्य एवं परिस्थिति इस प्रकृति के नही हैं, जिससे किसी प्रकार की सजा में नरमी बरती जाए।
पिता ने घर बनाकर दिया लेकिन बड़ा बेटा चाहता था छोटे भाइयों को नहीं मिले जमीन
अतिरिक्त लोक अभियोजक केडी त्रिपाठी ने बताया कि गणपत साहू ने जयंती नगर में मकान बनाया था। मकान बड़े बेटे बेनूराम के नाम कर रखा था। इसके पहले माले में बेनूराम सपरिवार रहता था वहीं भूतल पर गणपत अपने दो बेटों नरेन्द्र व संतोष के साथ रहता था। पुस्तैनी जमीन को अपने नाम करने बेनूराम बार-बार पिता से विवाद करता था, लेकिन मृतक का कहना है कि मकान बड़े बेटे को जमीन दो छोटे बेटों को देगा। 23 जुलाई 2017 को बेनूराम का साढू परिवार समेत जयंती नगर पहुंचा था और शाम 4.30 बजे विवाद होने पर गणपत ने अपने साढ़ू के परिवार वालों के साथ मिलकर पिता को घर से बाहर से निकालने मारपीट की। घायल गणपत को अस्पताल पहुंचाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
अतिरिक्त लोक अभियोजक केडी त्रिपाठी ने बताया कि गणपत साहू ने जयंती नगर में मकान बनाया था। मकान बड़े बेटे बेनूराम के नाम कर रखा था। इसके पहले माले में बेनूराम सपरिवार रहता था वहीं भूतल पर गणपत अपने दो बेटों नरेन्द्र व संतोष के साथ रहता था। पुस्तैनी जमीन को अपने नाम करने बेनूराम बार-बार पिता से विवाद करता था, लेकिन मृतक का कहना है कि मकान बड़े बेटे को जमीन दो छोटे बेटों को देगा। 23 जुलाई 2017 को बेनूराम का साढू परिवार समेत जयंती नगर पहुंचा था और शाम 4.30 बजे विवाद होने पर गणपत ने अपने साढ़ू के परिवार वालों के साथ मिलकर पिता को घर से बाहर से निकालने मारपीट की। घायल गणपत को अस्पताल पहुंचाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
मां की गवाही से सामने आई बेटे की करतूत
सुनवाई के दौरान मृतक की पत्नी गिरजा साहू ने बेटे व बहू के खिलाफ बयान दिया। जिसे न्यायालय ने सही माना। खास बात यह है कि इस प्रकरण में मोहन नगर पुलिस ने 19 गवाहों की सूची न्यायालय में प्रस्तुत की थी, जिसमें मोमेरण्डम और चश्मदीद गवाहों को न्यायालय ने पक्षद्रोह घोषित कर दिया।
सुनवाई के दौरान मृतक की पत्नी गिरजा साहू ने बेटे व बहू के खिलाफ बयान दिया। जिसे न्यायालय ने सही माना। खास बात यह है कि इस प्रकरण में मोहन नगर पुलिस ने 19 गवाहों की सूची न्यायालय में प्रस्तुत की थी, जिसमें मोमेरण्डम और चश्मदीद गवाहों को न्यायालय ने पक्षद्रोह घोषित कर दिया।
एक आरोपी फरार, तीन का प्रकरण किशोर न्यायालय में
प्रकरण में एक अन्य आरोपी ओमप्रकाश साहू अब तक फरार है। न्यायालय ने उसके खिलाफ बेमियादी वारंट जारी किया है। वहीं आरोपी के बच्चे भी इस प्रकरण में शामिल थे। उनका प्रकरण किशोर न्यायालय में विचाराधीन है।
प्रकरण में एक अन्य आरोपी ओमप्रकाश साहू अब तक फरार है। न्यायालय ने उसके खिलाफ बेमियादी वारंट जारी किया है। वहीं आरोपी के बच्चे भी इस प्रकरण में शामिल थे। उनका प्रकरण किशोर न्यायालय में विचाराधीन है।
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