मदर-चाइल्ड अस्पताल से भी लौटाए
इसके बाद पिता बच्ची को गोद में लेकर मदर-चाइल्ड अस्पताल, दुर्ग पहुंचा। यहां बताए कि कोई चिकित्सक नहीं है। 10 बजे के बाद आना। इसके बाद भी जो बच्चे यहां दाखिल थे, उनके परिजनों से जाकर उन्होंने पूछा कि चिकित्सक है क्या, तब उन्होंने बताया नहीं है चिकित्सक। इसके बाद सफाई कर्मी से पूछा तो उन्होंने बताया कि नहीं है चिकित्सक। इस तरह से पिता बच्ची को लेकर घर लौटा। इसके बाद घर में ही बच्ची का उपचार कर रहा है। पिता नाराज इस बात से है कि जिला अस्पताल में 24 घंटे चिकित्सक नहीं होने चाहिए।
जिला अस्पताल में हर शिफ्ट में चिकित्सकों की है ड्यूटी
जिला अस्पताल में हर शिफ्ट में चिकित्सकों की ड्यूटी होती है। अगर चिकित्सक 24 घंटे मौजूद नहीं रह रहे हैं तो इससे साफ होता है कि मॉनिटरिंग बराबर नहीं हो रही है। अस्पताल में बच्चों को लेकर आने वाले पीडि़त इस तरह से परेशान हो रहे हैं, चिकित्सक कब आ रहे हैं अस्पताल और कब जा रहे हैं उसको सीसीटीवी फुटेज से भी चेक किया जा सकता है। पूरा तनख्वाह लेने वाले चिकित्सकों से पूरी ड्यूटी लेना भी जरूरी है।
24 घंटे रहते हैं चिकित्सक
डॉक्टर पुनित बालकिशोर, सिविल सर्जन व प्रभारी जिला अस्पताल, दुर्ग ने बताया कि जिला अस्पताल, दुर्ग में 24 घंटे चिकित्सक रहते हैं। चार चिकित्सकों की ड्यूटी रात में लगाई जाती है। अस्पताल में कोई बाहरी व्यक्ति ने चिकित्सक नहीं है। ऐसा कह दिया होगा।