तीन हजार से ज्यादा भेड़-बकरियों की चोरी
सभी आरोपियों सेक्टर-7 निवासी अरुण कुमार उर्फ छोटू धृतलहरे पिता आशा राम धृतलहरे (28 वर्ष), भगवान दास जोशी उर्फ खरगोश पिता साधराम जोशी (25 वर्ष) और भिलाई तीन विश्व बैंक कॉलोनी निवासी मोहम्मद इशाक पिता मोहम्मद शेख मुस्ताक (28 वर्ष) को को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। आरोपी पुलिस की आंख में धूल झोंकने लग्जरी कार में ब्लैक फिल्म लगाकर बकरियों की चोरी करते थे। पुलिस को भनक तक नहीं लगी। पुलिस के मुताबिक दो साल में करीब 3 हजार भेड़-बकरियों की आरोपियों ने चोरी की है। मौके पर आरोपियों के कब्जे से 32 बकरियों को पुलिस ने जब्त किया। आरोपियों के खिलाफ चोरी के प्रकरण में जुर्म दर्ज कर कार्रवाई की गई।
सभी आरोपियों सेक्टर-7 निवासी अरुण कुमार उर्फ छोटू धृतलहरे पिता आशा राम धृतलहरे (28 वर्ष), भगवान दास जोशी उर्फ खरगोश पिता साधराम जोशी (25 वर्ष) और भिलाई तीन विश्व बैंक कॉलोनी निवासी मोहम्मद इशाक पिता मोहम्मद शेख मुस्ताक (28 वर्ष) को को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। आरोपी पुलिस की आंख में धूल झोंकने लग्जरी कार में ब्लैक फिल्म लगाकर बकरियों की चोरी करते थे। पुलिस को भनक तक नहीं लगी। पुलिस के मुताबिक दो साल में करीब 3 हजार भेड़-बकरियों की आरोपियों ने चोरी की है। मौके पर आरोपियों के कब्जे से 32 बकरियों को पुलिस ने जब्त किया। आरोपियों के खिलाफ चोरी के प्रकरण में जुर्म दर्ज कर कार्रवाई की गई।
आरोपियों के कब्जे से बरामद किया भेड़-बकरी
अंडा टीआई श्रुति सिंह ने बताया कि सूचना पर एक लग्जरी कार को बुधवार को पकड़ा गया। कसाइयों ने कार में ठूंस-ठूंसकर बेजुबानों को भरा था। कार से 14 भेड़ और बकरी बरामद की गई। बाकी बकरियों को आरोपियों के किराए के मकान से बरामद किया गया।
अंडा टीआई श्रुति सिंह ने बताया कि सूचना पर एक लग्जरी कार को बुधवार को पकड़ा गया। कसाइयों ने कार में ठूंस-ठूंसकर बेजुबानों को भरा था। कार से 14 भेड़ और बकरी बरामद की गई। बाकी बकरियों को आरोपियों के किराए के मकान से बरामद किया गया।
बकरियों के लिए थाना में लॉकअप नहीं, रातभर परेशान रही पुलिस
टीआई ने बताया कि थाना में बकरियों के लिए लॉकअप रूम नहीं है। बरामद कबरियों को थाना के मंदिर परिसर में रखा गया। रातभर बकरी जाली से निकल कर भागने लगती थी। उनकी रखवाली के लिए रात भर आरक्षकों की ड्यूटी लगानी पड़ी। दूसरे दिन बकरियों और भेड़ों को गौशाला में रखवाया गया। भेड़-बकरियों की सुरक्षा को लेकर आरक्षकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
टीआई ने बताया कि थाना में बकरियों के लिए लॉकअप रूम नहीं है। बरामद कबरियों को थाना के मंदिर परिसर में रखा गया। रातभर बकरी जाली से निकल कर भागने लगती थी। उनकी रखवाली के लिए रात भर आरक्षकों की ड्यूटी लगानी पड़ी। दूसरे दिन बकरियों और भेड़ों को गौशाला में रखवाया गया। भेड़-बकरियों की सुरक्षा को लेकर आरक्षकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।