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स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी, यहां होगी भाषा विज्ञान ट्राइबल स्टडीज और रूरल डेवलपमेंट की पढ़ाई

locationभिलाईPublished: Dec 05, 2019 04:28:39 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

हेमचंद यादव विश्वविद्यालय ने तय किया है कि यूटीडी में ऐसे पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे, जो फिलहाल कॉलेजों में नहीं चलाए जाते। सामान्य प्रशासन, भाषा विज्ञान, ट्राइबल स्टडीज और रूरल डेवलपमेंट जैसे कोर्स इसमें शामिल होंगे।

स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी, यहां होगी भाषा विज्ञान ट्राइबल स्टडीज और रूरल डेवलपमेंट की पढ़ाई

स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी, यहां होगी भाषा विज्ञान ट्राइबल स्टडीज और रूरल डेवलपमेंट की पढ़ाई

भिलाई. हेमचंद यादव विश्वविद्यालय (Durg University)ने तय किया है कि यूटीडी में ऐसे पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे, जो फिलहाल कॉलेजों में नहीं चलाए जाते। सामान्य प्रशासन, भाषा विज्ञान, ट्राइबल स्टडीज और रूरल डेवलपमेंट जैसे कोर्स इसमें शामिल होंगे। यह प्रस्ताव विवि जल्द ही शासन को भेजने वाला है। बड़ी बात यह है कि इन पाठ्यक्रमों को यूटीडी में चलाने विवि को बहुत अधिक एफर्ट नहीं लगाने होंगे। प्रयोगशाला की जरूरत नहीं होगी, यानी शासन से संचालन की अनुमति भी जल्दी मिल पाएगी। विवि की ओर से यूटीडी में बेसिक साइंस के 5 कोर्स चलाने का प्रस्ताव भी भेजा गया था, लेकिन वित्त की जरूरतों को देखते हुए विवि का प्रस्ताव फाइल में ही दबा रह गया। अब सामान्य विषयों को शुरू कर विवि यूटीडी का संचालन के पक्ष में है।
इन विषयों के साथ नहीं बन पा रही बात
विज्ञान संकाय के फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी और गणित के अलावा छात्र कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई यूटीडी में कराने प्रस्ताव बनाया गया है। शासन ने विवि को यूटीडी संचालन की मंजूरी तो दे दी है, लेकिन वित्तीय बजट की फाइल अटकी है। यूटीडी के लिए 60 पद भी स्वीकृत किए गए हैं। हर एक संकाय में १ प्रोफेसर, २ एसोसिएट प्रोफेसर और ४ असिस्टेंट प्रोफेसर दिए गए हैं। इस तरह बेसिक साइंस के पांचों विषयों के लिए ३५ टीचिंग स्टाफ के पद स्वीकृत किए गए हैं। यही नहीं प्रयोगशाला तकनीशियन सहित २५ अन्य पद भी दिए गए हैं। यह सेटअप बेसिक साइंस के लिहाज से दिया गया था, जबकि सामान्य कोर्स के लिए अलग से पूरे सेटअप की जरूरत पडऩी तय है।
क्या पहले खरीदे गए कुछ उपकरण?
विवि ने यूटीडी विज्ञान प्रयोगशाला के लिए करीब ६ करोड़ रुपए का बजट प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा, जिस पर अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। कहा जा रहा है कि एेसे में अप्रेल-मई सत्र से यूटीडी की शुरुआत मुश्किल होगी। बेसिक साइंस के लिए ५ अलग-अलग प्रयोगशालाओं की जरूरत होगी। जिसमें ६ करोड़ की मशीनें व अन्य प्रायोगिक सामान पर खर्च होगा। कुलपति, हेमचंद यादव विवि डॉ. अरूणा पल्टा ने बताया कियूटीडी में सामान्य प्रशासन, भाषा विज्ञान, ट्राइबल स्टडीज जैसे विषयों को शुरू करने प्रस्ताव किया जा रहा है। जल्द ही शासन से इसके लिए अनुमति मांगेंगे। नए सत्र से यूटीडी की शुरुआत करने पर जोर होगा।
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