जामा मस्जिद सेक्टर-6 के इमामो खतीब मुहम्मद इकबाल हैदर अशरफी ने बताया कि इस बार भी 5 से 7 लोग ही नमाजे ईद में शिरकत कर सकते हैं। इसलिए अवाम को अपने ही घरों में नमाजे ईद के बदले में शुक्राने में की नमाज अदा करनी होगी। 14 मई को सुबह 6:15 बजे के बाद लोग अपने-अपने घरों में चाश्त या नफिल नमाज के तौर पर 2 या 4 रकअत शुक्राने की नमाज अकेले-अकेले अदा करें। उन्होंने तमाम लोगों से ईद के मौके पर लॉक डाउन के नियमों का सख्ती से पालन करने की अपील की है।
ईदुल फित्र की नमाज के बाद लोग कब्रिस्तान अपने दिवंगत परिजनों की कब्र पर फातिहा पढऩे जाते हैं लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते लॉक डाउन को देखते हुए कब्रिस्तान इंतेजामिया कमेटी ने इस साल भी ईदुल फित्र के दिन लोगों की कब्रिस्तान में आवाजाही पर रोक लगाई है। कमेटी के सदर शमशीर कुरैशी ने बताया कि छत्तीसगढ़ वक्त बोर्ड और जिला प्रशासन के निर्देश अनुरूप कदम उठाए गए हैं और लोगों से घरों में रह कर दुआएं करने कहा गया है।