420 से अधिक ट्रांसफार्मर लगाना होगा कयास लगाया जा रहा है कि 60 से 65 करोड़ तक खर्च आ सकता है। बिजली कंपनी की माने तो बीएसपी की सप्लाई लाइन ही महज काम आएगी। इसके अलावा सब स्टेशन का इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसफार्मर वगैरह में बदलाव करना होगा। इस दौरान 420 से अधिक ट्रांसफार्मर लगाना होगा। इस तरह से जो खर्च का अनुमान पहले लगाया जा रहा था, उससे अधिक भार कंपनी पर पड़ सकता है। कंपनी खुर्सीपार, कैंप एरिया में असल में लोड कितना है, उसका आंकलन संयुक्ट टीम से भी करवाने जा रही है।
बीएसपी को करना होगा लाइसेंस सरेंडर
बीएसपी के पास बिजली बेचने का लाइसेंस है। बिजली कंपनी के हाथ अगर टाउनशिप दे दिया जाता है, तो पहले संयंत्र प्रबंधन को अपना लाइसेंस नियामक आयोग के पास सरेंडर करना होगा। इसके साथ ही बिजली उपभोक्ताओं की संख्या, टाउनशिप में कहां कितना लोड का भी सरेंडर करना होगा। इसके साथ ही प्रदेश के बिजली नियामक आयोग में संयंत्र प्रबंधन को डी नोटिफिकेशन के लिए आवेदन करना होगा।
यह जानकारी मांग रही बिजली कंपनी
बीएसपी और बिजली कंपनी की शुक्रवार को हुई बैठक में बिजली कंपनी के अधिकारियों ने टाउनशिप में मौजूद इससे जुड़े तमाम इंफ्रास्ट्रक्चर, सीमा क्षेत्र, बिजली की लाइन, बकायादारों की तादात, बकाया राशि, अलग-अलग एरिया में लोड के हालात क्या है, वह भी जानना चाहा है। बीएसपी जल्द ही यह जानकारी देने का वादा किया है।
बीएसपी कर्मियों को मिलेगी राहत बीएसपी के टाउनशिप में रहने वाले उपभोक्ताओं को यह व्यवस्था बीएसपी प्रबंधन से बिजली कंपनी के हाथ में चले जाने से लाभ मिलेगा। वे भी अगर 400 यूनिट से कम खर्च करते हैं, तो बिजली बिल हाफ हो जाएगा। इस वजह से यहां के कर्मचारी चाहते हैं कि जल्द से जल्द व्यवस्था कंपनी के हाथ चले जाए।
दोनों हैं राजी
बीएसपी के टाउनशिप क्षेत्र में बिजली व्यवस्था को चलाने के लिए बिजली कंपनी तैयार है। वहीं बीएसपी भी घटते मेन पॉवर को ध्यान में रखते हुए इस काम का बोझ अपने कांधे से उतारना चाहता है। इसमें जो तकनीकी दिक्कत आ रही है, उसे दूर करने में अधिकारी जुटे हैं।
प्रस्ताव है तैयार
ईडी, बिजली कंपनी अशोक कुमार ने बताया कि बिजली कंपनी ने आंकलन और प्रस्ताव तैयार कर लिया है। भिलाई इस्पात संयंत्र की तरफ से प्रस्ताव, संसाधानों समेत अन्य तमाम जानकारी दो, चार दिनों में मिल जाएगी।
सेल बोर्ड से अनुमति के बाद होगा लागू
प्रभारी, इलेक्ट्रिकल विभाग, बीएसपी, आरके राणा ने बताया कि प्रस्ताव सेल बोर्ड को भेजा गया है। वहां से मुहर लगने के बाद लाइसेंस सलेंडर किया जाएगा। इसके बाद बिजली कंपनी टाउनशिप का कार्य संभालने लगेंगी।