इस दौरान अतिथियों ने शिक्षा, खेलकूद के साथ अनेक तरह की कलाओं में माहिर नन्हे कलाकारों का सम्मान किया। इस दौरान उन्हें प्र्रोत्साहित करने वाले साथी छात्र-छात्राओं के साथ पालकों की तालियों की गडगड़़ाहट से सारा वातावरण उत्साह से भर गया। इस दौरान अतिथियों ने कहा बच्चों को शिक्षा के साथ उनके अन्य गुणों को उभारने के लिए घर में पालकों के साथ स्कूल में भी अवसर दिया जाना चाहिए। इस मंच पर बिना हिचक नन्हे बच्चों की प्रस्तुति ने ये साबित कर दिया कि बस हमें इनके गुणों को पहचानने की जरूरत है।
प्राचार्य जेपी घनघोरकर के मार्गदर्शन में हुए वार्षिक समारोह में शिक्षिका माधुरी वर्मा, ममता पांडे, रूपेश्वरी साहू सहित अन्य स्टॉफ की मेहनत से बच्चों ने पारंपरिक छत्तीसगढ़ी गीतों में नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। राउत नाच में बच्चों ने परंपरागत वेशभूषा पहनकर दोहा लगाते हुए नृत्य की प्रस्तुति देकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दूसरी ओर देशभक्ति गीतों में बच्चों ने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास कराया। वहीं फिल्मी गीतों पर सुंदर वेषभूषा में बच्चों ने मंच पर प्रस्तुति देकर तालियां बटोरीं।
शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन के लिए जेबा खातून, देवराज वर्मा, गौरव व श्रद्धा और कला में ओम उपाध्याय सहित अन्य बच्चों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एपीसी शिक्षा राजेश ओझा थे। अध्यक्षता पवन केसरवानी ने की। विशेष अतिथि पूर्व पार्षद महेश वर्मा, समाजसेवी कामेश, रेखा बघेल, मो. रफीक, अभिनव गुप्ता, राजकुमार शर्मा, अभिनव वाडनेकर, श्रीणु, मो. अमीन भाई, मनीष सिंग, आरीफ खान थे।
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