सूत्रों के मुताबिक आवंटन की प्रक्रिया निलामी के आधार पर या पारदर्शी तरीके से लोवेस्ट रेट पर निकाला जाना चाहिए। जबकि आबकारी ने निश्चित दर से अधिक रखी है। अगर उसी क्षेत्र में यह कम से कम निविदा मंगाई जाती है तब जो 90 हजार की दुकान है वह करीब 30 हजार में मिल जाएगी। इससे छत्तीसगढ़ सरकार को फायदा होगा।
दुकान का क्षेत्र – किराया
पोटिया रोड दुर्ग (देशी) – 70000
तितुरडीह (देशी) – 82500
नंदनी रोड भिलाई (देशी) – 81000
कोहका (देशी) – 64890
एसीसी चौक जामुल (देशी) – निर्धारित नहीं
खुर्सीपार (देशी) – 75000
रिसाली (देशी) – 80000
सुपेला (देशी) – 92500
जोरातराई (देशी) – 39600
दादर (देशी) – 39000
सिविक सेंटर भिलाई (देशी) – 77000
नयापारा दुर्ग (विदेशी) – 95000
ट्रांसपोर्ट नगर सिकोला दुर्ग (विदेशी) – निर्धारित नहीं
ननकट्टी (विदेशी) – नर्धारित नहीं
एसीसी चौक जामुल (विदेशी) – निर्धारित नहीं
खुर्सीपार (विदेशी) – 80000
धमधा (विदेशी) – निर्धारित नहीं
डिपरापारा (विदेशी) – 60000
कातुलबोर्ड (विदेशी) – निर्धारित नहीं
चरौदा (विदेशी) – 84000
जब इस बारे में आबकरी विभाग के सहायक आयुक्त नोहर सिंह ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया। वो यह तो नहीं बता सके दुकानों का आवंटन किस पद्धति से होगा, बल्कि इस प्रक्रिया को रोकने की बात कहने लगे। उन्होंने कहा कि जिस लोकेशन पर दुकान मांगी है वहां दुकान नहीं मिली तो फि र से इस प्रक्रिया को किया जाएगा। किसी खास को फ फायदा पहुंचाने की बात पर उन्होंने कहा कि जिसे भरना है निविदा भरे, नियम के मुताबिक ही उसका चयन किया जाएगा।