समय की मांग पर ध्यान इस मौके पर मुख्य अतिथि एम रवि ने कहा कि ऑटोमेशन व आईटी इंजीनियर्स की मदद के बिना आधुनिक इस्पात संयंत्रों को चलाया नहीं जा सकता। वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी होने के लिए, वर्तमान में स्टेट-ऑफ-दि-आर्ट ऑटोमेशन टेक्नीक्स को अपनाना समय की जरूरत है। रवि ने इण्डस्ट्री और एकेडेमिक इंस्टीट्यूशंस के बीच भागीदारी को मजबूत करने की जरूरत को भी बल दिया।
इन्होंने दिया प्रस्तुतिकरण इस मौके पर टाटा स्टील, जेएसपीएल, जेएसडब्ल्यू, आरआइएनएल, हॉस्पेट स्टील, एस्सार, बीएसएल, आरएसपी, सीईटी, आरडीसीआईएस, इस्को, डीएसपी के मौजूद थे। ऑटोमेशन व आईटी बैठक के दौरान आयरन मेकिंग, स्टील मेकिंग, रोलिंग मिल्स, लाईफ-साइकिल मैनेजमेंट और बिजनेस व मैनेजमेंट एप्लीकेशंस विषय पर तकनीकी सत्र भी हुआ। इसके अलावा ऑटोमेशन एवं आईटी वेंडर्स ने प्रस्तुतिकरण भी पेश किया।
आने वाला समय रोबोटिक्स का इस मौके पर प्रमुख वक्ता व डायरेक्टर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, रायपुर के प्रोफेसर भारत भास्कर ने ऑटोमेशन व आईटी क्षेत्र में हुए प्रगति पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में ऑटोमेशन से ही विकास किया जा रहा है। उत्पादन में ऑटोमेशन की भूमिका पर भी प्रकाश डालते हुए रोबोटिक्स का भी उल्लेख किया।
एक दूसरे के अनुभव को करें साझा इस मौके पर संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (संकार्य) पीके दाश ने इस्पात उद्योग में एक दूसरे के अनुभव को साझा करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आधुनिकतम प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए अपने कार्य बल को सीखने की प्रवृत्ति तैयार करना चाहिए। इसके पहले उप महाप्रबंधक सोमनाथ मित्रा ने ऑटोमेशन व आईटी से संबंधित पिछले 8 साल की रिपोर्ट को पेश किया। कार्यक्रम का संचालन महाप्रबंधक पीयूष कुमार ने किया और आभार प्रदर्शन महाप्रबंधक के शंकर सुब्रमणियन ने किया।