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सुपर फ्लॉप रही भारी वाहन चलाने वालों के नेत्र परीक्षण की योजना, जिनका करना था जांच उनको बताना भूले

locationभिलाईPublished: Dec 11, 2020 11:31:30 pm

सातों दिन खाली हाथ बैठे रहे नेत्र सहायक अधिकारी.

सुपर फ्लॉप रही भारी वाहन चलाने वालों के नेत्र परीक्षण की योजना, जिनका करना था जांच उनको बताना भूले

सुपर फ्लॉप रही भारी वाहन चलाने वालों के नेत्र परीक्षण की योजना, जिनका करना था जांच उनको बताना भूले

भिलाई. जिला के स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय राज मार्ग में भारी वाहन चालकों (ट्रक चालकों) के आंखों की जांच कराने की योजना बनाई। इसके लिए नेत्र सहायक अधिकारियों की ड्यूटी भी लगा दी। लेकिन जिनकी जांच कराने की योजना थी, उनको जानकारी देना ही भूल गए। इसका असर यह हुआ कि आंख की जांच करने वाले सुबह से शाम तक मरीजों को ताकते रहे और एक भी मरीज जांच केंद्र में पहुंचा नहीं। सप्ताहभर चली योजना का शुक्रवार को आखिरी दिन था, जो सुपर फ्लॉप रही। पिछले साल इस योजना को बड़ी सफलता मिली थी।

सही फैसला
पहले कार्य स्थल और समय था यह
जिला के स्वास्थ्य विभाग ने पहले एक जांच टीम को टोल प्लाजा कुम्हारी में और दूसरी टीम को टोल प्लाजा उरला अर्जुन ढाबा के पास दुर्ग बाई पास रोड पर तैनात करने का फैसला किया था। इसके लिए तारीख 2 दिसंबर 2020 तय की गई थी। अगर इस फैसले के मुताबिक कार्य होता तो सैकड़ों की संख्या में भारी वाहन चालकों की जांच हो पाती। बाद में इस तारीख और कार्य स्थल दोनों को बदल दिया गया।

गलत फैसला
बाद में यहां लगा दिया अधिकारियों की ड्यूटी
संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी कर राष्ट्रीय राज मार्ग के वाहन चालकों की आंखों की जांच करने की मंशा से स्वास्थ्य विभाग ने जिला के अलग-अलग अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में नेत्र सहायक अधिकारियों की ड्यूटी लगाई। जिनको जिम्मेदारी दी गई वे सभी तय किए गए स्थानों पर सुबह 10 से शाम 4 बजे तक मौजूद रहे। इस तरह से वे निर्देश के मुताबिक 5 से 11 दिसंबर 2020 तक ड्यूटी दिए, हर दिन मरीजों का इंतजार करते रहे। लेकिन एक भी चालक मौके पर जांच कराने नहीं पहुंचा।

परिणाम
हाथ खाली
जांच केंद्र में मोहल्ले से कोई महिला या पुरुष आंख जांच कराने आ गए तो उनकी जांच विशेषज्ञों ने किया। लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल, सुपेला में इस एक सप्ताह में लोकल करीब 15 से 20 लोग आए। वहीं बापू नगर में एक सप्ताह में 2 से 3 लोगों ने जांच करवाया। वह भी महिलाएं। यही हाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कुम्हारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रसमड़ा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भिलाई-3 केंद्रों का रहा।

पिछले साल रहा था सफल
पिछले साल भी नेत्र जांच कराने की योजना बनी थी, तब स्कूल बस के चालकों के आंखों की जांच की गई। तब एक-एक दिन में एक नेत्र जांच करने वाले ने 70-70 चालकों के आंखों की जांच की।

यह थे निर्देश
– नेत्र परीक्षण भारी वाहन चालक (ट्रक चालक) का किया जाना है।
– नेत्र परीक्षण में कलर ब्लाइंडनेस व दूर दृष्टि परीक्षण किया जाना है।
– कोविड-19 के बचाव के लिए पूरे नियमों का पालन किया जाना व सेनेटाइजर, सोशल डिसटेंस व मास्क का उपयोग करें।
– उक्त दिवस की रिर्पोट निर्धारित प्ररूप में कार्यालय में जमा करना तय करें, ताकि राज्य कार्यालय को भेजी जा सके।
– नेत्र परीक्षण के बाद ऐसे ट्रक ड्रायवर जिनको किस प्रकार का नेत्र संबंधी रोग का पता चले उनकी जानकारी संधारित कर चश्मे का सामान्य नंबर दें। जरूरत हो तो उच्च संस्थान में इलाज के लिए रेफर किया जाए।
कोविड की वजह से नहीं आ रहे जांच कराने लोग
चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिसर, दुर्ग डॉक्टर गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि भारी वाहन चालकों के नेत्र परीक्षण करने अलग-अलग जगह व्यवस्था की गई थी, कोविड की वजह से डर कर कोई जांच कराने नहीं आ रहे हैं।

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