खुड़मुड़ा हत्याकांड में नया मोड़, 11 साल के दुर्गेश ने बताया कि दो लोगों ने उतारा है पूरे परिवार को मौत के घाट
खुड़मुड़ा हत्याकांड मामले में हमलावर के प्राणघातक हमले से बचे 11 वर्षीय बालक के बयान से एक फिर नया मोड़ आ गया है।

भिलाई. खुड़मुड़ा हत्याकांड मामले में हमलावर के प्राणघातक हमले से बचे 11 वर्षीय बालक के बयान से एक फिर नया मोड़ आ गया है। घटना के बाद से दुर्गेश अस्पताल में भर्ती था। शुक्रवार को वह सकुशल घर लौटा। पुलिस ने उससे पूछताछ की। उसने बताया कि दादा-दादी और मां- पिता की हत्या करने वाले दो लोग थे। उसके बयान से हरकत में आई पुलिस ने अब फिर नए सिरे से जांच शुरू कर दी। दुर्गेश के बयान के आधार पर पुलिस परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से वारदात की कडिय़ां जोडऩे में जुट गई है।
दादा के घर के सामने खड़ा था आदमी
बता दें शुक्रवार को दुर्गेश सोनकर (11 वर्ष) उपचार के बाद अपने घर लौटा। दुर्गेश ने पुलिस को बताया कि दादा दादी के पास से जब मां और पिता लौटकर नहीं आए तो वह देखने के लिए दादा के घर जाने लगा। रास्ते में उसे एक आदमी खड़ा मिला, उसने आगे जाने से रोक दिया। दूसरा व्यक्ति दादा के घर के सामने था। जब उससे जाने के लिए कहने लगा तो वह साइकिल खड़ी कर मेरे पास पहुंचा। पकड़कर जमीन पर पटक दिया।
घटना स्थल पर मिले चप्पल की नहीं करा सके पहचान
- पुलिस को घटना स्थल पर एक पैर का चप्पल मिला। जिसे पुलिस ने जब्त किया। पुलिस के लिए यह एक बड़ा साक्ष्य है साथ ही अपने बयान में दुर्गेश ने एक रिश्तेदार के जैसा चप्पल होने जिक्र किया, लेकिन पुलिस चप्पल की पहचान नहीं करा सकी। आखिर चप्पल किसका है?
50 रुपए की नोट किसकी थी
हत्यारे ने चार सदस्यों की हत्या कर शव को पांनी की टंकी में डाल दिया था। उसी टंकी के पास पुलिस को 50 रुपए का नोट पड़ा मिला। वह नोट किसका है पुलिस अभी तक उसकी पहचान नहीं करा सकी है।
तीन स्केच बनाए फिर भी शिनाख्त नहीं
घटना का मात्र एक चश्मदीद दुर्गेश सोनकर है, जो पुलिस को हत्यारे तक पहुंचा सकता है। उसने पुलिस को हुलिया बताया। साइकिल से आना बताया। पुलिस ने तीन स्केच तैयार कराया। लेकिन स्केच से मिलते जुलते व्यक्तियों को पुलिस लाई, पहचान नहीं हुई।
भोपाल से पहुंचे फोरेंसिक एक्सपर्ट
एक ही परिवार के चार सदस्यों की हत्या की घटना को देखने गांव के लोग उमड़ पड़े। घटना स्थल के आस-पास सारे साक्ष्यों के भीड़ ने मिटा दिया। पुलिस ने भोपाल से फोरेंसिक एक्सपर्ट को बुलाया। यह जानने के लिए कि घटना कैसे घटित हुई होगी। उन्होंने भी पुलिस को एंगल दिया। लेकिन पुलिस उन एंगल पर जांच में सफल नहीं हुई।
सीधी बात, प्रशांत ठाकुर, एसपी दुर्ग
सवाल- घटना को 27 दिन बीत गए न हत्यारा पकड़ाया और न ही कोई सुराग जुटा पाई पुलिस?
जवाब - इस मामले को लेकर हमारी टीम बड़ी ईमानदारी से मेहनत कर रही है। रोज कुछ न कुछ मिलता है, लेकिन शाम तक वहीं आकर जांच रुक जाती है। कही एक महत्वपूर्ण कड़ी छूट रही है।
सवाल- कहीं पुलिस दबाव में तो नहीं?
जवाब- पुलिस पर किसी प्रकार का दबाव नहीं है। टीम ने एक भी जांच के एंगल को नहीं छोड़ा है। आरोपी कितना भी शातिर हो बच नहीं पाएगा। यह जरुर है कि थोड़ा समय लग रहा है।
सवाल- जांच के एंगल कहा आकर अटक गई है?
जवाब-जांच दो एंगल पर की जा रही है। एक तो जमीन से संबंधित है। दूसरा घटना के दिन एक रिश्तेदार बनकर आया था। उसकी तलाश के लिए पुलिस उनके परिवार के सदस्यों से लेकर सभी रिश्तेदारों से पूछताछ कर रही है। बहुत जल्द ही कड़ी जुड़ जाएगी।
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