कांग्रेस में गुटबाजी सदा से ही हावी रही है। युकां के जिला उपाध्यक्ष ने जितना भी प्रदर्शन किया, उसमें अध्यक्ष नजर नहीं आते। रोजगार के नाम पर भी युकां ने प्रदर्शन किया, लेकिन पूरी टीम किसी भी मौके पर एक साथ नहीं थी। भिलाई के इस आंदोलन में दुर्ग विधायक अरुण वोरा, पूर्व विधायक प्रतिमा चंद्राकर जरूर पहुंच जाते हैं। इसी तरह वैशाली नगर क्षेत्र के पूर्व विधायक भजन सिंह निरंकारी भी प्रदर्शन में पहुंचते हैं।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर जब डेंगू के कहर का जायजा लेने भिलाई पहुंचे, तब युकां के दो गुट ने अलग-अलग स्थान पर प्रदर्शन किया। सुपेला चौक में एक गुट शाहिद के नेतृत्व में तो दूसरा अमित जैन के साथ हॉस्पिटल के सामने था।
युंका के दो गुटों को अलग-अलग प्रदर्शन करते देख, कांग्रेस कमेटी दुर्ग ग्रामीण की अध्यक्ष तुलसी साहू खुद नाराज हो गई। अगले दिन बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ सेक्टर-1 में हुए किए गए प्रदर्शन में वह नहीं पहुंची।
सोमवार को सेक्टर-9 हॉस्पिटल के सामने लगे मंच में युंका की मांग के समर्थन में डेंगू से जिस परिवार के सदस्य की मौत हो गई है, वैसे लोग समर्थन करने पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने इस तरह के पीडि़त परिवार को शासन से २० लाख रुपए बतौर मुआवजा देने की मांग की जा रही है। आमरण अनशन के मंच पर आनंद साहू , अवतार सिंह जो मृत बच्चो के पिता हैं, उन्होंने अपने परिवार के साथ पहुंच कर समर्थन दिया।