भिलाई

Rape की शिकायत निकली झूठी, पहली बार पुलिस ने प्रकरण खत्म करने न्यायालय में पेश किया आवेदन, पति-पत्नी ने मिलकर रची थी साजिश

बलात्कार के एक हाईप्रोफाइल मामले में खात्मा लगाने का आवेदन पुलिस की तरफ से न्यायालय में पेश किया गया है। दरअसल डीएनए टेस्ट में बलात्कार का मामला झूठा साबित हुआ है।

भिलाईOct 01, 2018 / 10:39 am

Dakshi Sahu

Rape की शिकायत निकली झूठी, पहली बार पुलिस ने प्रकरण खत्म करने न्यायालय में पेश किया आवेदन, पति-पत्नी ने मिलकर रची थी साजिश

बीरेंद्र शर्मा @भिलाई. बलात्कार के एक हाईप्रोफाइल मामले में खात्मा लगाने का आवेदन पुलिस की तरफ से न्यायालय में पेश किया गया है। दरअसल डीएनए टेस्ट में बलात्कार का मामला झूठा साबित हुआ है। पुलिस का कहना है कि इस तरह का यह प्रदेश का पहला मामला है जो वैज्ञानिक तरीके से की गई जांच में झूठा पाया गया। बलात्कार के आरोपी ने खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए पहले पुलिस को दोबारा विवेचना की गुहार लगार्ई। पुलिस के आला अधिकारियों ने उसे न्यायालय से मिलने की सलाह दी।
डीएनए टेस्ट करने की गुहार लगाई
आरोपी खुद को निर्दोष साबित करने के लिए डीएनए टेस्ट कराने की अनुमति देने की गुहार लगाई। न्यायालय ने पीडि़ता उसके पति और आरोपी की डीएनए टेस्ट कराने की अनुमति दे डाली। पुलिस ने फिर से इस मामले को संज्ञान में लेकर इस संगीन मामले की जांच शुरू की। पीडि़ता के पति ने एलआइसी एजेंट को फोन किया। हैलो… मैं (नाम) बोल रहा हूं। मुझे एलआइसी की पॉलिसी कराना है, क्या स्कीम है? एजेंट ने कहा कि आप या तो दफ्तर आ जाइए नहीं तो जहां पर है वहां का पता बताएं। मैं आकर स्कीम के बारे में बता देता हूं।
पीडि़ता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
पीडि़ता के पति ने अपने घर का पता दिया। एजेंट वहां पहुंच गया। पति उसे लेकर घर गया। वह स्कीम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पति ने पॉलिसी करा ली, लेकिन पैसा बाद में देने की बात कही। एसएसपी डॉ. संजीव शुक्ला ने बताया कि संगीन अपराध में न्यायालय की अनुमति पर वैज्ञानिक तरीके से जांच कराई गई। डीएनए टेस्ट रिपोर्ट में मामला झूठा पाया गया। इसे न्यायालय में खारिज के लिए पेश कर दिया गया है। पीडि़ता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पीडि़ता के मुताबिक यह थी पूरी घटना
पीडि़ता ने पुलिस को बताया कि एजेंट घर दोपहर डेढ बजे पहुंचा। उसने कहा कि आपके पति जो पॉलिसी कराकर आए हैं उसके डॉक्यूमेंट्स दे दीजिए। घर पर कोई नहीं था। आलमारी से पति का आधार कार्ड लेने के लिए गई। उसी दौरान पीछे से एजेंट और उसके साथी ने उसे पकड़ लिया और उसकी अस्मत लूट ली। इस बारे में पति को बताया, फिर दोनों ने सुपेला थाने में एफआइआर कराई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 376 (बालात्कार), 450 (घर में प्रवेश), 506 (जान से मारने की धमकी), 38 (एक से अधिक मिलकर घटना को अंजाम देना) के तहत जुर्म दर्ज किया। आरोपी को रक्षाबंधन के दो दिन पूर्व गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। बाद में उसे जमानत मिली।
आरोपी ने न्यायालय से किया डीएनए टेस्ट कराने का आग्रह
आरोपी ने बेगुनाही साबित करने के लिए न्यायालय से डीएनए टेस्ट कराने की गुहार लगाई। न्यायालय ने इसे मंजूर कर लिया। पुलिस ने डीएनए टेस्ट के लिए शासकीय अस्पताल के चिकित्सकों की टीम बनाई। आरोपी, पीडि़ता और उसके पति का डीएनए टेस्ट कराने नोटिस पेश किया। न्यायालय में डॉक्टर ने तीनों का ब्लड प्रिजर्व किया। इसके बाद पूर्व में सुपेला थाना की ओर से एफएसएल रिपोर्ट और प्रदर्श को पुन: डीएनए कराने भेजा गया।
मुलाहिजा कराया
पुलिस ने घटना स्थल से साक्ष्य के लिए अंडरगारमेंट्स जब्त किए। महिला का सरकारी अस्पताल में मुलाहिजा कराया। परीक्षण के बाद उसकी स्लाइड फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी भेजी गई। उसकी रिपोर्ट के आधार पर आइयूसीएडब्ल्यू की डीएसपी मीता पवार ने विवेचना शुरू हुआ। विवेचना में फिर से पीडि़ता का कथन लिया। डीएनए रिपोर्ट पुलिस को प्राप्त हुई। उसमें सामने आया कि सीमन आरोपी का नहीं था, बल्कि पीडि़ता के पति का था। इसके मैच होने के बाद रिपोर्ट के आधार पर डीएसपी मीता पवार ने प्रकरण खारिज करने की दरख्वास्त न्यायालय में पेश की है।

Home / Bhilai / Rape की शिकायत निकली झूठी, पहली बार पुलिस ने प्रकरण खत्म करने न्यायालय में पेश किया आवेदन, पति-पत्नी ने मिलकर रची थी साजिश

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.