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रिपोर्ट लिखाने गई बेटी को थाने से भगा दिया, वापस पहुंची तो पिता ने तोड़ दिया था दम

locationभिलाईPublished: Sep 05, 2018 11:29:41 pm

नाली निर्माण के दौरान बिजली खंभा टेढ़ा हो जाने से घर की बिजली चली गई। इस मामूली विवाद में निगम के ठेकेदार महावीर वर्मा और उसके दोनों बेटे रोहित व मोहन ने मोहल्ले के ही बसंत सेन (42) की जूते से पीट-पीटकर हत्या कर दी।

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रिपोर्ट लिखाने गई बेटी को थाने से भगा दिया, वापस पहुंची तो पिता ने तोड़ दिया था दम

भिलाई. नाली निर्माण के दौरान बिजली खंभा टेढ़ा हो जाने से घर की बिजली चली गई। इससे उपजे मामूली विवाद में नगर निगम के ठेकेदार महावीर वर्मा और उसके दोनों बेटे रोहित व मोहन ने मोहल्ले के ही बसंत सेन (42) की जूते से पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद मृतक की बेटी रिपोर्ट लिखवाने सुपेला थाना गई तो वहां मौजूद मुंशी ने यह कहकर उसे भगा दिया कि मैं ठेकेदार वर्मा को जानता हंू, वह ऐसा नहीं कर सकता। इस बात से गुस्साए सेन समाज के लोगों ने थाने का घेराव कर दिया। कुछ देर के लिए फोरलेन पर भी आवाजाही बाधित रही।
नाली बनाने के लिए बड़ा गड्ढा खोदा इससे बिजली का खंभा टेढ़ा हो गया

जानकारी के अनुसार कृष्णा नगर मिनी माता चौक निवासी बसंत सेन के घर के सामने निगम के ठेकेदार महावीर ने नाली बनाने के लिए बड़ा गड्ढा खोदा है। इससे बिजली का खंभा टेढ़ा हो गया और बसंत के घर की बिजली चली गई। बुधवार को सुबह 9 बजे महावीर गली से गुजर रहा था। बसंत ने उसे जानकारी देते हुए बिजली सुधरवाने कहा। यह बात महावीर को नागवार गुजरी। वह एकदम तैश में आ गया और बसंत को जबरन कार में बैठाकर अपने घर ले गया। इसके बाद महावीर और उसके दोनों बेटे रोहित व मोहन तीनों मिलकर बसंत की जूते और लात-घूसे से पिटाई कर दी। घटना के बाद से ठेकेदार और उसके दोनों बेटे फरार हैं। पुलिस ने तीनों के खिलाफ धारा 302, ३४ के तहत जुर्म दर्ज कर लिया है।
डॉक्टर ने स्थिति गंभीर बताई तो अस्पताल से भाग गए
बेदम पिटाई से बंसत अचेत हो गया। इसके बाद आरोपियों ने अपनी कार में लेकर सुपेला सरकारी अस्पताल पहुंचे। वहां के डॉक्टर ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए दुर्ग जिला अस्पताल रेफर कर दिया। यह देखते हुए तीनों बाप-बेटे बसंत को उसी हालत में छोड़कर फरार हो गए।
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बेटी पहुंची तब तक बहुत देर हो चुकी थी
11 वीं कक्षा में पढऩे वाली बसंत की बड़ी बेटी तृप्ति स्कूल से लौटी तब पड़ोस में रहने वाली उसकी चाची मनटोरा ने बताया कि उसके पापा को महावीर अपने घर ले जाकर पिटाई कर रहा है। वह भागते हुए महावीर के घर पहुंची। वहां कोई नहीं था। अपने पापा के मोबाइल पर फोन लगाया तो पुलिस वाले ने उठाया। उन्होंने ही बताया कि उसके पापा अस्पताल में है। तृप्ति के पहुंचने के बाद बसंत को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज शुरू कर पाते इससे पहले उसकी मौत हो गई।
एसआई ने रिपोर्ट लिखने से इनकार कर दिया
मृतक की बेटी तृप्ति ने बताया कि घटना की शिकायत करने वह सुपेला थाना गई, लेकिन वहां एसआई रामपाल सिंह ने रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया। वह थाने से लौटकर अपने पड़ोसियों को इसकी जानकारी दी। खबर मिलते ही निगम के नेता प्रतिपक्ष रिकेश सेन और समाज के लोग थाना पहुंचे। आक्रोशित भीड़ आरोपियों की गिरप्तारी की मांग को लेकर थाने का घेराव कर दिया। इसके बाद ही रिपोर्ट लिखी गई।
बीएसएफ ने संभाला मोर्चा
एक दिन पहले ही शुरू हुए सिंंगल इमरजेंसी नंबर डायल 112 में जवानों की ड्यूटी लगने के कारण थाने में पर्याप्त बल नहीं था। इधर भीड़ आक्रोशित होती जा रही थी। कुछ लोग फोरलेन पर जाम लगाने उतारु हो गए थे। वे सड़क पर बैठने भी लगे थे। तभी पुलिस ने बीएसएफ से मदद मांगी। कुछ ही मिनटों में बीएसएफ के जवान थाने पहुंच गए और स्थिति को नियंत्रित कर लिया।

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