इससे विशाखापट्टनम से कोल लेकर बीएसपी पहुंची चार रेक को पूरे दिन रोककर रखना पड़ा। शाम ७ बजे तक इसके मरम्मत का काम पूरा हुआ, तब जाकर कोल को अनलोड किया जा सका। इस दौरान बीएसपी प्रबंधन को लाखों रुपए का नुकसान रेलवे से लगने वाले डैमरेज चार्ज से ही हो गया।
भिलाई स्टील प्लांट के कोक ओवन के कोल प्रिपेशन प्लांट-2 में वैगन टिप्लर से कोल अनलोडिंग कर स्टॉक यार्ड कन्वेयर बेल्ट से भेजा जाता है। इस कन्वेयर बेल्ट वाई-9-७८ में ही आग लग गई। यहां मौजूद कर्मियों ने आग को बढ़ता देख तुरंत बीएसपी के दमकल वाहन को बुलवाया। दमकल कर्मियों ने आग पर नियंत्रण किया, तब तक बेल्ट व कनवेयर की गैलरी से लगा हाई लाइन इलेक्ट्रिक केबल भी जल गया।
ट्रिप्लर से खाली करते हैं वैगन
कोल से भरे वैगन को ट्रिप्लर से ही खाली करते हैं। इसमें जिस केबल से पॉवर सप्लाई की जाती है, वह जल जाने से ट्रिप्लर बंद हो गए। बीएसपी में एक-एक कर चार रेक कोल विशाखापटनम बंदरगाह से पहुंची। ट्रिप्लर बंद होने की वजह से किसी भी रेक को खाली नहीं किया जा सका। रेलवे के रेक में आने वाले कोल को वैगन से टिप्पलर खाली करता है और उसे कन्वेयर के माध्यम से स्टॉक यार्ड में भेजा जाता है। कोल स्टॉक यार्ड की क्षमता करीब एक लाख टन है। बुधवार को पूरे दिन यहां एक ढेला कोल नहीं पहुंचा।
कोल से भरे वैगन को ट्रिप्लर से ही खाली करते हैं। इसमें जिस केबल से पॉवर सप्लाई की जाती है, वह जल जाने से ट्रिप्लर बंद हो गए। बीएसपी में एक-एक कर चार रेक कोल विशाखापटनम बंदरगाह से पहुंची। ट्रिप्लर बंद होने की वजह से किसी भी रेक को खाली नहीं किया जा सका। रेलवे के रेक में आने वाले कोल को वैगन से टिप्पलर खाली करता है और उसे कन्वेयर के माध्यम से स्टॉक यार्ड में भेजा जाता है। कोल स्टॉक यार्ड की क्षमता करीब एक लाख टन है। बुधवार को पूरे दिन यहां एक ढेला कोल नहीं पहुंचा।
रिकॉर्ड समय में किया काम पूरा
कोक ओवन के जीएम अर्जुन प्रसाद की देख-रेख में हाई लाइन केबल व कनवेयर बेल्ट के रिपेयर का काम शुरू हुआ। इस कार्य में एमएसडीएस, सीएचएम, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल के करीब ४० कर्मचारी जुटे। सुबह 7 से शाम 7 बजे तक कर्मचारियों ने मशक्कत की, तब जाकर वैगन ट्रिप्लर तक पॉवर पहुंचा और काम करना शुरू किया।
कोक ओवन के जीएम अर्जुन प्रसाद की देख-रेख में हाई लाइन केबल व कनवेयर बेल्ट के रिपेयर का काम शुरू हुआ। इस कार्य में एमएसडीएस, सीएचएम, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल के करीब ४० कर्मचारी जुटे। सुबह 7 से शाम 7 बजे तक कर्मचारियों ने मशक्कत की, तब जाकर वैगन ट्रिप्लर तक पॉवर पहुंचा और काम करना शुरू किया।
अधिकारियों की टीम पूरे समय नजर रखी हुई थी, तब जाकर ४८ घंटे में होने वाला काम १२ घंटे में पूरा किया गया। कर्मियों ने कन्वेयर बेल्ट को काटकर नए बेल्ट को जोड़ दिया। इसके लिए टीम को बधाई दी। वहीं ३० मीटर केबल को भी काटकर जोड़ा गया।
बीएसपी को देना होगा डैमरेज चार्ज
बीएसपी में सुबह से कोल लेकर रेलवे की चार रेक पहुंची, एक रेक में ५९ वैगन होता है। एक वैगन को अगर ८ घंटे से अधिक समय तक रोका जाता है, तो रेलवे प्रतिघंटा २४० रुपए चार्ज बीएसपी से लेती है। इस तरह २३६ वैगन १२ घंटे से अधिक समय तक खड़ी रही, चार रेक को खाली करने में पूरा रात का समय लगेगा, जिसके बदले लाखों रुपए डैमरेज चार्ज बीएसपी को भुगतान करना होगा। एक वैगन की क्षमता ५२ टन कोल की होती है।
बीएसपी में सुबह से कोल लेकर रेलवे की चार रेक पहुंची, एक रेक में ५९ वैगन होता है। एक वैगन को अगर ८ घंटे से अधिक समय तक रोका जाता है, तो रेलवे प्रतिघंटा २४० रुपए चार्ज बीएसपी से लेती है। इस तरह २३६ वैगन १२ घंटे से अधिक समय तक खड़ी रही, चार रेक को खाली करने में पूरा रात का समय लगेगा, जिसके बदले लाखों रुपए डैमरेज चार्ज बीएसपी को भुगतान करना होगा। एक वैगन की क्षमता ५२ टन कोल की होती है।