scriptभिलाई इस्पात संयंत्र के कोल टावर क्रमांक-2 में लगी आग, लाखों का नुकसान | Fire in coal tower number-2 of Bhilai Steel Plant, loss of lakhs | Patrika News

भिलाई इस्पात संयंत्र के कोल टावर क्रमांक-2 में लगी आग, लाखों का नुकसान

locationभिलाईPublished: Oct 21, 2021 10:26:22 pm

Submitted by:

Abdul Salam

दमकल विभाग के कर्मियों को करना पड़ा कड़ा संघर्ष.

भिलाई इस्पात संयंत्र के कोल टावर क्रमांक-2 में लगी आग, लाखों का नुकसान

भिलाई इस्पात संयंत्र के कोल टावर क्रमांक-2 में लगी आग, लाखों का नुकसान

भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र के बैटरी क्रमांक-तीन और चार के भट्ठी में चार्ज करने के लिए कोल जिस टावर में रखा जाता है। उस टावर क्रमांक-दो में गुरुवार की अलसुबह करीब 3.50 बजे के बाद आग लग गई। इस काफी ऊपर में लगी थी, इस वजह से दमकल की टीम को आग को काबू करने में दिक्कत हो रही थी। बावजूद इसके करीब दो घंटे से अधिक समय में आग को नियंत्रित कर लिया गया। इस हादसे में बीएसपी को लाखों का नुकसान होने की आशंका है। प्रबंधन ने मेंटनेंस के काम को शुरू कर दिया है।

कॉपर चोरों की वजह से आग लगने की आशंका
आशंका है कि चोर वायर को काटकर उसमें से कॉपर निकाल लेते हैं। जिससे कनवेयर बेल्ट में ऑन करते ही आग लग गया। जिससे पहले एक कनवेयर बेल्ट आग की चपेट में आ गया। इससे पॉवर ऑफ हो गया। बेल्ट देखते ही देखते तेजी से फैलने लगी। एक बेल्ट जब पूरी तरह से जल गया तब दूसरे बेल्ट में आग पकड़ ली।

दमकल विभाग के कर्मियों को करना पड़ा कड़ा संघर्ष
दूसरे बेल्ट में आग फैल रही थी, तब दमकल विभाग के कर्मियों ने जद्दोजहद करते हुए उसे किसी तरह से बुझाने में कामयाबी हांसिल की। इस आगजनी में दूसरा कनवेयर बेल्ट करीब बीस मीटर ही जल पाया। इसे पीवीसीटी प्लांट कहते है। जहां कोयला और तार का मिश्रण कर कोल तैयार करते हैं। इसके बाद टावर में भेजते हैं, इसे यहां करीब 8 से 12 घंटे तक रखा जाता है। कोक की क्वालिटी को बेहतर करने यह सारे प्रोसेस किए जाते हैं। जिसे भट्ठी को चार्ज करने के लिए उपयोग में लिया जाता है।

लाखों का हुआ नुकसान
बीएसपी प्रबंधन को टावर क्रमांक-दो में आग लगने से लाखों का नुकसान हुआ है। इस घटना में कनवेयर के साथ-साथ रोलर, केबल जल गए हैं। इसके अलावा टावर का स्ट्रक्चर भी हिल गया है। प्रबंधन ने मेंटनेंस के काम को तेजी से शुरू किया है। जिससे बेटरी क्रमांक-तीन और चार का उत्पादन ज्यादा समय तक प्रभावित न रहे।

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