एक दिन पहले ही हुआ है बड़ा हादसा
भिलाई इस्पात संयंत्र के स्टील मेल्टिंग शॉप (एसएमएस-३) लेडल में गुरुवार को एलएफ-2 में लेडल पंचर हो गया था, जिससे चंद मिनट में आग फैल गई। आग लगने के बाद दो बड़े धमाके हुए, जिससे यहां काम करने वालों में भगदड़ मच गई। आनन-फानन में दमकल विभाग से २ वाहन को मौके पर भेजा गया। इसके बाद फायर फाइटरों ने करीब एक घंटे तक जद्दोजहद करने के बाद आग को नियंत्रित कर पाए। घटना में ट्रांसफार्मर, केबल सबकुछ जलकर खाक हो गया। वहीं लेडलकार भी अपने स्थान पर जम गया था। इस दौरान हॉट मेटल जमीन में बह गया और रेलवे ट्रैक पर फैल गया, जिससे यह ट्रैक जाम हो गया।
1८0 टन हॉट मेटल जमीन पर
बीएसपी के एसएमएस-३ के एलएफ-२ में लेडल के पंचर हो जाने से करीब १८० टन हॉट मेटल बह गया। आग की लपट इस तरह उठी की आसपास मौजूद कर्मचारी यहां से भाग खड़े हुए। आग लगने से करोड़ों करोड़ों का नुकसान होने की आशंका है। बीएसपी के एसएमएस-३ में हॉट मेटल लेकर जाते समय यह हादसा हुआ। लेडल के आसपास कर्मचारी नहीं थे, नहीं तो इससे उनको नुकसान हो सकता था।
कास्टर से भेजा जाता है मिल में
बीएसपी के कनवर्टर में तैयार स्टील को सेकेंडरी स्टील शॉप में विभिन्न प्रक्रिया से गुजरने के बाद स्लैब और ब्लूम के रूप में कास्टिंग करने कंटीन्यूअस कास्टिंग शॉप में लाया जाता है। इस दौरान सारी प्रक्रिया स्टील लेडल से होती है। इससे इस्पात लिक्विड अवस्था में रहता है, जिसे कंटीन्यूअस कास्टिंग शॉप में ब्लूम और स्लैब के रूप में डालकर प्लेट मिल और रेल मिल में भेजा जाता है।
बार-बार कर रहे एक ही लेडल का इस्तेमाल
बीएसपी में विभाग के जिम्मेदार अधिकारी एक ही लेडल का उपयोग बार-बार कर रहे हैं। एक लेडल का इस्तेमाल ८ से १० बार करने के बाद उसे मेंटनेंस में भेज दिया जाना चाहिए। इसके विपरीत १५ से १६ हिट्स एक लेडल से ले रहे हैं।
इस तरह तैयार होता है लेडल
लेडल को इस तरह तैयार किया जाता है, सबसे पहले बाल्टि में ब्रिक्स का लेयर लगाया जाता है, इसके बाद उसके ऊपर दो तरह के मेटल का लेयर लगाते हैं। इस तरह से यह तीन लेयर से इसे तैयार करते हैं।
भिलाई इस्पात संयंत्र के स्टील मेल्टिंग शॉप (एसएमएस-३) लेडल में गुरुवार को एलएफ-2 में लेडल पंचर हो गया था, जिससे चंद मिनट में आग फैल गई। आग लगने के बाद दो बड़े धमाके हुए, जिससे यहां काम करने वालों में भगदड़ मच गई। आनन-फानन में दमकल विभाग से २ वाहन को मौके पर भेजा गया। इसके बाद फायर फाइटरों ने करीब एक घंटे तक जद्दोजहद करने के बाद आग को नियंत्रित कर पाए। घटना में ट्रांसफार्मर, केबल सबकुछ जलकर खाक हो गया। वहीं लेडलकार भी अपने स्थान पर जम गया था। इस दौरान हॉट मेटल जमीन में बह गया और रेलवे ट्रैक पर फैल गया, जिससे यह ट्रैक जाम हो गया।
1८0 टन हॉट मेटल जमीन पर
बीएसपी के एसएमएस-३ के एलएफ-२ में लेडल के पंचर हो जाने से करीब १८० टन हॉट मेटल बह गया। आग की लपट इस तरह उठी की आसपास मौजूद कर्मचारी यहां से भाग खड़े हुए। आग लगने से करोड़ों करोड़ों का नुकसान होने की आशंका है। बीएसपी के एसएमएस-३ में हॉट मेटल लेकर जाते समय यह हादसा हुआ। लेडल के आसपास कर्मचारी नहीं थे, नहीं तो इससे उनको नुकसान हो सकता था।
कास्टर से भेजा जाता है मिल में
बीएसपी के कनवर्टर में तैयार स्टील को सेकेंडरी स्टील शॉप में विभिन्न प्रक्रिया से गुजरने के बाद स्लैब और ब्लूम के रूप में कास्टिंग करने कंटीन्यूअस कास्टिंग शॉप में लाया जाता है। इस दौरान सारी प्रक्रिया स्टील लेडल से होती है। इससे इस्पात लिक्विड अवस्था में रहता है, जिसे कंटीन्यूअस कास्टिंग शॉप में ब्लूम और स्लैब के रूप में डालकर प्लेट मिल और रेल मिल में भेजा जाता है।
बार-बार कर रहे एक ही लेडल का इस्तेमाल
बीएसपी में विभाग के जिम्मेदार अधिकारी एक ही लेडल का उपयोग बार-बार कर रहे हैं। एक लेडल का इस्तेमाल ८ से १० बार करने के बाद उसे मेंटनेंस में भेज दिया जाना चाहिए। इसके विपरीत १५ से १६ हिट्स एक लेडल से ले रहे हैं।
इस तरह तैयार होता है लेडल
लेडल को इस तरह तैयार किया जाता है, सबसे पहले बाल्टि में ब्रिक्स का लेयर लगाया जाता है, इसके बाद उसके ऊपर दो तरह के मेटल का लेयर लगाते हैं। इस तरह से यह तीन लेयर से इसे तैयार करते हैं।