इस प्रकरण में आरोपी की मां कुंती सोना (३८ वर्ष) और दोस्त खुर्सीपार निवासी अमृत सिंह उर्फ किले उर्फकेली (२३ वर्ष) को भी दोषी ठहराया गया है। दोनो को आरोपी के साथ मिलकर शव को प्लास्टिक बोरी में बंद कर खुर्सीपार रेलवे लाइन के निकट दलदली नाला में फेकने पर दोषी ठहराया। दोनो सह आरोपियों को साक्ष्य छिपाने की धारा के तहत ५-५ वर्षकारावास की सजा सुनाईगई। इसी धारा के तहत ५-५ सौ रुपए जुर्माना भी किया गया है। जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर आरोपियों को २-२ माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
जाने प्रकरण को
विभत्स घटना खुर्सीपार थाना क्षेत्र में २५ फरवरी २०१५ को हुईथी। घर के बाहर खेल रही साढ़े पांच वर्षकी मासूम बूकबधिर बच्ची अचानक गायब हो गईथी। परिजनों ने मासूम को देर शाम तक तलाश की। कही पता नहीं चलने पर परिजनों ने खुर्सीपार थाना पहुंचकर गुमसुदगी दर्जकराया। घटना के बाद संदेह के आधार पर जब आरोपी और उसके परिजनों से पूछताछ की तो मामले का खुलासा हुआ। घटना के आठवे दिन २ मार्च२०१५ को मासूम खुर्सीपार पुलिस ने आरोपियों के बताए हुए जगह दलदली नाला से मासूम का बॉडी रिकव्हर किया। मासूम का शव पूरी तरह खराब हो चुका था। शव पूरी तरह खराब हो चुका था। शव से दुर्गन्ध उठ रही थी। पुलिस ने घटना स्थल पर ही पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्ट के लिए शव को मेडिकल कॉलजे रायपुर भेजा था।
विभत्स घटना खुर्सीपार थाना क्षेत्र में २५ फरवरी २०१५ को हुईथी। घर के बाहर खेल रही साढ़े पांच वर्षकी मासूम बूकबधिर बच्ची अचानक गायब हो गईथी। परिजनों ने मासूम को देर शाम तक तलाश की। कही पता नहीं चलने पर परिजनों ने खुर्सीपार थाना पहुंचकर गुमसुदगी दर्जकराया। घटना के बाद संदेह के आधार पर जब आरोपी और उसके परिजनों से पूछताछ की तो मामले का खुलासा हुआ। घटना के आठवे दिन २ मार्च२०१५ को मासूम खुर्सीपार पुलिस ने आरोपियों के बताए हुए जगह दलदली नाला से मासूम का बॉडी रिकव्हर किया। मासूम का शव पूरी तरह खराब हो चुका था। शव पूरी तरह खराब हो चुका था। शव से दुर्गन्ध उठ रही थी। पुलिस ने घटना स्थल पर ही पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्ट के लिए शव को मेडिकल कॉलजे रायपुर भेजा था।
पुलिस को ऐसे सुलझाई गुत्थी
गुमसुदा बच्ची को ढूंढने पुलिस के पास किसी तरह का क्लू नहीं था। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी पीडि़त परिवार के सदस्यों और पुलिस को देख मुहल्ले से भाग जाता है। आरोपी के इस हरकत पर पुलिस नजर रख रही थी। पुलिस ने जैसे ही आरोपी को हिरासत में लेने की योजना बनाईवह भाग गया। इसके बाद कुंती सोना से पूछताछ की गई। पुलिस के दबाव के सामने महिला टूट गईऔर घटना के बारे में बताया। पुलिस ने मोमेरेण्डम तैयार कर बॉडी को रिकव्हर की।
समझे घटना क्रम और आरोपियों की भूमिका
रामा सोना २४ वर्ष:
२५ फरवरी २०१५ को दोपहर १२ बजे रामा सोना मुहल्ले में घुम रहा था। इसी बीच उसकी नजर मासूम बच्ची जो बोल व सुन नहीं सकती पर पड़ी। सोना ने पहले उसे चॉकलेट खिलाया। मासूम चॉकलेट खाने के बाद उसके पीछे आने लगी। रामा ने ईशारे से बुलाता रहा और अपने घर ले गया। घर के आंगन में मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्मकिया ।मासूम बच्ची जब दर्दसे चीखने लगी तो रामा ने मासूम का मुह अपने हाथों से दबा दिया। बाद में मुह व नाक दबाकर हत्या कर दी।
कुंती सोना ३८ वर्ष:
घटना की जानकारी कुंती सोना को शाम ६ बजे उसके छोटे पुत्र दीपक ने दी। घटना के समय वह घर पर नहीं थी। शव सफेद रंग के प्लास्टिक बोरे में घर के आंगन में रखे ईट के पास रखा था। कुंती ने मासूम बच्चे के चेहर में पानी छिटकर देखा। शरीर में हरकत नहीं होने पर वह रामा के घर पहुंचने का इंतजार करते रही। रात लगभग ९ बजे रामा अपने दोस्त अमृत उर्फ केरी के साथ घर पहुंचा और तीनो मिलकर शव को ठिकाने लगाया।
अमृत सिंह उर्फकेरी २३ वर्ष:
रामा मासूम का अपहरण कर जब उसे घर लेकर आया तो अमृत सिंह टीवी देख निकल रहा था। रामा ने अपने दोस्त के सामने ही मासूम से दुष्कर्म किया और हत्या की। बाद में शव को प्लास्टिक बोरे में भर कर घर के आंगन में रख दिया। अमृत सिंह ने पुलिस को बताया कि उसने रामा को दुष्कर्मकरने से मना किया था, लेकिन उसने उसकी बात को नहीं सुनी। देर रात शव को ठिकाने लगाने के लिए अपने दोस्त के कहने पर उसके साथ घर पहुंचा।
आरोपी का भाईका बयान महत्वपूर्ण
हत्या और दुष्कर्मकी घटना के बाद रामा को छोटा भाईघर पहुंचा। वह घर के आंगन में रखे ईट के पास खाली शीशी बोतल तलाश कर रहा था। इसी बीच उसकी नजर प्लास्टिक के बोरे में रखे शव पर पड़ा। बोरी में मासूम बच्ची को देख उसने अपनी ऊंगूली बच्ची के नाक के पास टिकाया। सांस नहीं चलने पर उसने शोर मचाने का प्रयास किया, लेकिन रामा ने मुहल्ले की ओर जा रहे भाईको घर के अंदर ले जाकर मारपीट की और धमकी दी कि वह किसी से कुछ नहीं कही कहेगा। इसके बाद दीपक सोना भी घर में दुबक कर बैठा रहा। मां के घर पहुंचने के बाद उसने घटना की जानकारी मां को दी।
गुमसुदा बच्ची को ढूंढने पुलिस के पास किसी तरह का क्लू नहीं था। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी पीडि़त परिवार के सदस्यों और पुलिस को देख मुहल्ले से भाग जाता है। आरोपी के इस हरकत पर पुलिस नजर रख रही थी। पुलिस ने जैसे ही आरोपी को हिरासत में लेने की योजना बनाईवह भाग गया। इसके बाद कुंती सोना से पूछताछ की गई। पुलिस के दबाव के सामने महिला टूट गईऔर घटना के बारे में बताया। पुलिस ने मोमेरेण्डम तैयार कर बॉडी को रिकव्हर की।
समझे घटना क्रम और आरोपियों की भूमिका
रामा सोना २४ वर्ष:
२५ फरवरी २०१५ को दोपहर १२ बजे रामा सोना मुहल्ले में घुम रहा था। इसी बीच उसकी नजर मासूम बच्ची जो बोल व सुन नहीं सकती पर पड़ी। सोना ने पहले उसे चॉकलेट खिलाया। मासूम चॉकलेट खाने के बाद उसके पीछे आने लगी। रामा ने ईशारे से बुलाता रहा और अपने घर ले गया। घर के आंगन में मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्मकिया ।मासूम बच्ची जब दर्दसे चीखने लगी तो रामा ने मासूम का मुह अपने हाथों से दबा दिया। बाद में मुह व नाक दबाकर हत्या कर दी।
कुंती सोना ३८ वर्ष:
घटना की जानकारी कुंती सोना को शाम ६ बजे उसके छोटे पुत्र दीपक ने दी। घटना के समय वह घर पर नहीं थी। शव सफेद रंग के प्लास्टिक बोरे में घर के आंगन में रखे ईट के पास रखा था। कुंती ने मासूम बच्चे के चेहर में पानी छिटकर देखा। शरीर में हरकत नहीं होने पर वह रामा के घर पहुंचने का इंतजार करते रही। रात लगभग ९ बजे रामा अपने दोस्त अमृत उर्फ केरी के साथ घर पहुंचा और तीनो मिलकर शव को ठिकाने लगाया।
अमृत सिंह उर्फकेरी २३ वर्ष:
रामा मासूम का अपहरण कर जब उसे घर लेकर आया तो अमृत सिंह टीवी देख निकल रहा था। रामा ने अपने दोस्त के सामने ही मासूम से दुष्कर्म किया और हत्या की। बाद में शव को प्लास्टिक बोरे में भर कर घर के आंगन में रख दिया। अमृत सिंह ने पुलिस को बताया कि उसने रामा को दुष्कर्मकरने से मना किया था, लेकिन उसने उसकी बात को नहीं सुनी। देर रात शव को ठिकाने लगाने के लिए अपने दोस्त के कहने पर उसके साथ घर पहुंचा।
आरोपी का भाईका बयान महत्वपूर्ण
हत्या और दुष्कर्मकी घटना के बाद रामा को छोटा भाईघर पहुंचा। वह घर के आंगन में रखे ईट के पास खाली शीशी बोतल तलाश कर रहा था। इसी बीच उसकी नजर प्लास्टिक के बोरे में रखे शव पर पड़ा। बोरी में मासूम बच्ची को देख उसने अपनी ऊंगूली बच्ची के नाक के पास टिकाया। सांस नहीं चलने पर उसने शोर मचाने का प्रयास किया, लेकिन रामा ने मुहल्ले की ओर जा रहे भाईको घर के अंदर ले जाकर मारपीट की और धमकी दी कि वह किसी से कुछ नहीं कही कहेगा। इसके बाद दीपक सोना भी घर में दुबक कर बैठा रहा। मां के घर पहुंचने के बाद उसने घटना की जानकारी मां को दी।