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इस सरकारी स्कूल में बच्चों के टॉयलेट के लिए है अलग चप्पल, RO वाटर से बुझती है प्यास, इसलिए प्रदेश में है खास

locationभिलाईPublished: Jul 21, 2018 11:38:42 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

हमारे जिले के पांच सरकारी स्कूल एेसे हैं जिन्होंने स्वच्छ विद्यालय का राज्यस्तरीय पुरस्कार जीता है।

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इस सरकारी स्कूल में बच्चों के टॉयलेट के लिए है अलग चप्पल, RO वाटर से बुझती है प्यास, इसलिए प्रदेश में है खास

भिलाई . हमारे जिले के पांच सरकारी स्कूल एेसे हैं जिन्होंने स्वच्छ विद्यालय का राज्यस्तरीय पुरस्कार जीता है। शुक्रवार को राजधानी के सर्किट हाउस में इन स्कूलों के शिक्षकों और बच्चों को शिक्षामंत्री केदार कश्यप ने सम्मानित किया। दुर्ग जिले के इन स्कूलों में पोटिया स्थित प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक, हायर सेकडरी स्कूल अंजोरा ढाबा, हायर सेकंडरी स्कूल कुम्हारी एवं हाई स्कूल खुरमुडी शामिल हंै। जिले के पांच रत्नों की तरह यह स्कूल अपने आप में खास है।
पोटिया शा. प्राथमिक और मिडिल स्कूल पूरे प्रदेश के लिए मॉडल है। स्वच्छता अभियान के कई वर्ष पहले ही स्कूल में प्रधान पाठक वर्मा ने बाल कैबिनेट बनाकर स्कूल कैंपस को हरा-भरा और स्वच्छ बनाया। सिलेबस से रंगी यहां की दीवारें बच्चों को चलते-फिरते पढ़ाई करने का मौका देती है तो स्कूल के किचन गार्डन की सब्जियां मध्यान्ह भोजन में काम आती है। व्यवस्थित लाइब्रेरी के साथ ही पर्दो और बेहतर फर्नीचर के साथ सजे संवरे कमरे स्वच्छता की कहानी बयां करते हैं।
यहां क्लास के बाहर उतारते हैं जूते
अंजोरा ढाबा – बच्चे बाहर जूते उतारकर कक्षा के अंदर जाते हैं। टॉयलेट जाने के लिए भी अलग से चप्पल रखी गई है। रोजाना 20 मिनट बच्चे स्कूल की सफाई खुद करते हैं। प्राचार्य वंदना सोमवंशी ने सभी को स्वच्छता की जिम्मेदारी दी है। पेयजल के लिए यहां आरओ वाटर सिस्टम लगा हुआ है। बच्चे टॉयलेट जाने के बाद और भोजन से पहले हाथों का सफाई करते हैं।
स्मार्ट क्लास के साथ हाईजिन का ख्याल
कुम्हारी हायर सेकंडरी स्कूल- प्राचार्य लता रघु कुमार ने स्कूल में दो अलग टीम बनाई है। जिसमें बालिकाओं की हेल्थ और हाईजिन के लिए अलग टीम है जो उन्हें बालिका स्वास्थ्य के बारे में बताती है। वहीं दूसरी टीम की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों के साथ मिलकर स्कूल कैंपस को बेहतर बनाए। कबाड़ से जुगाड़ कर हर क्लास के लिए स्पेशल डस्टबीन भी बनाया गया है।
नोनी टोली के जरिए कर रहे काम
हाईस्कूल खुदमुड़ी – स्कूल की ख्याति राष्ट्रीय स्तर तक पहले ही पहुंच चुकी है। प्राचार्य डॉ सीमा वर्मा ने बताया कि स्कूल के इको क्लब को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। स्वच्छता अभियान से जुड़कर स्कूल में उन्होंने बच्चों को मोटिवेट करना शुरू किया। बच्चों के बीच नोनी-बाबू टोली बनाकर उन्हें भी स्वच्छता से जोड़ा। बेहतर नतीजा सामने आया औरराज्य स्तर पर पुरस्कार मिला।
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