छत्तीसगढ़ में बेमौसम बारिश से किसानों की एक बार फिर कमर टूट गई है। प्रदेश के आधे हिस्से में ओलावृष्टि से किसानों की फसल चौपट हो गई है। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के कई इलाकों में सुबह 7 बजे के करीब तेज आंधी के साथ हुई ओलावृष्टि अपने साथ तबाही लेकर आई। रामानुजगंज के साथ-साथ आसपास के दर्जनों गांव में हुई ओलावृष्टि से सरसों, गेहूं, चना सहित सब्जी एवं अन्य फसल जहां बर्बाद हो गए, वहीं कई पशुओं व सैकड़ों पक्षियों की मौत हो गई। अचानक हुई ओलावृष्टि से जहां सैकड़ों की संख्या में पेड़ गिरे और कई घरों को नुकसान पहुंचा, वही बिजली के पोल गिरने और तार टूटने से विधुत व्यवस्था भी पूरी तरह चरमरा गई। ओलावृष्टि के बाद का नजारा शिमला में बिछी बर्फ की चादर की तरह रहा। इधर कलक्टर ने क्षेत्र का दौरा कर राहत राशि दिलाने की बात कही। वहीं क्षेत्रीय विधायक ने ओलावृष्टि की सूचना सीएम व कृषि मंत्री को भी दी।
विदित हो कि रामानुजगंज के आसपास के गांव में रहने वाले अधिकांश परिवार बंगाली और कुशवाहा समाज से आते हैं, जो अन्य फसलों के साथ-साथ सब्जी की खेती भी काफी मात्रा में करते हैं। ओलावृष्टि के कारण आसपास के गांव में रबी की फसल तो बर्बाद हुई ही, सब्जी की खेती भी पूरी तरह से नष्ट हो गई। तबाही से किसान रो रहे हैं। क्षेत्र में महुआ ग्रामीणों के आय का प्रमुख स्रोत होता हैं। वर्तमान में महुआ के पेड़ों में फूल लगने चालू हो गए थे परंतु ओलावृष्टि से महुआ को जो नुकसान हुआ, इससे ग्रामीणों की कमर टूट गई।