scriptदुर्ग जिले में दो दिन में 5000 से ज्यादा कोरेाना मरीज ठीक होकर घर लौटे, इधर 24 घंटे में फिर 26 लोगों की संक्रमण से मौत | Five thousand patients recovered from Corona in Durg district in 2 day | Patrika News

दुर्ग जिले में दो दिन में 5000 से ज्यादा कोरेाना मरीज ठीक होकर घर लौटे, इधर 24 घंटे में फिर 26 लोगों की संक्रमण से मौत

locationभिलाईPublished: Apr 12, 2021 12:58:37 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

दुर्ग जिले में corona कहर के बीच राहत देने वाली खबर है कि रविवार को 2873 लोग कोरोना से जंग जीतकर अपने घर पहुंचे। कलेक्टर ने बताया कि पिछले दो दिनो में लगभग पांच हजार मरीज कोरोना से ठीक हुए हैं।

दुर्ग जिले में दो दिन में 5000 से ज्यादा कोरेाना मरीज ठीक होकर घर लौटे, इधर 24 घंटे में फिर 26 लोगों की संक्रमण से मौत

दुर्ग जिले में दो दिन में 5000 से ज्यादा कोरेाना मरीज ठीक होकर घर लौटे, इधर 24 घंटे में फिर 26 लोगों की संक्रमण से मौत

भिलाई. दुर्ग जिले में कोरोना कहर के बीच राहत देने वाली खबर है कि रविवार को 2873 लोग कोरोना से जंग जीतकर अपने घर पहुंचे। कलेक्टर ने बताया कि पिछले दो दिनो में लगभग पांच हजार मरीज कोरोना से ठीक हुए हैं। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या देखकर जिला प्रशासन ने भी थोड़ी राहत की सांस ली है। दूसरी ओर मौत को लेकर चिंता कम नहीं हो रही है। रविवार को 26 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हो गई। इसके अलावा 1651 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले। रविवार को अन्य दिनों की तुलना में करीब एक हजार कम सैंपल (3252 सैंपल) कलेक्ट किया गया था। जिसके कारण संक्रमितों की संख्या भी कम रही। दो दिन में रिकवरी रेट में इजाफा अच्छा संकेत है। डॉक्टरों ने उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में रिकवरी रेट में और इजाफा होगा।
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10 दिन में 15 हजार संक्रमित
दुर्ग जिले के 10 दिन का आंकड़ा देखे तो 39 हजार नमूना एकत्र कर जांच किया गया था। जिसमें करीब 15 हजार संक्रमित मिले हैं। जिले में कोरोना ने ऐसा कोहराम मचा दिया है कि अच्छे अच्छे लोगों के हौसले पस्त होने लगे हैं। लगातार मौत इसका बड़ा कारण है। मुक्तिधाम और मरच्यूरी की जो तस्वीर और वीडियो वायरल हो रहा है वह लोगों के मन में भय पैदा कर रहा है। जिले में लॉकडाउन का रविवार को सातवा दिन था। लोगों ने प्रशासन का पूरा सहयोग किया। व्यापारियों ने अपना कारोबार बंद रखा है। वहीं फुटकर कारोबारी भी नहीं निकले। बेजवह घूमने वाले भी बहुत कम रहे।
कोरोना जांच में लापरवाही, पॉजीटिव आने पर भी नहीं दे रहे स्वास्थ्य कर्मी पर्ची
दुर्ग जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना जांच में लापरवाही की शिकायत मिल रही है। बताया जा रहा है कि जांच में पॉजिटिव आने की स्थिति में जांचकर्ता द्वारा मौके पर ही संबंधित को पॉजिटिव होने के प्रमाण स्वरूप हस्ताक्षरित पर्ची उपलब्ध कराया जाना है। इसी पर्ची के आधार पर कोविड हॉस्पिटल में एडमिशन का प्रावधान है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जांच के बाद लोगों को पर्ची नहीं दी जा रही है। इससे आपात स्थिति में मरीजों को अस्पतालों में भर्ती से वंचित होना पड़ रहा है। इसी तरह की शिकायत एक दिन पहले धमधा के बोड़ेगांव में सामने आई। बोड़ेगांव के कोविड मरीज ह्रदयराम देवांगन की शाम को अचानक तबीयत बिगड़ गई। इस पर उसे तत्काल चंदूलाल चंद्राकर कोविड अस्पताल भेजा गया, लेकिन अस्पताल ने बिना पॉजिटिव पर्ची एडमिशन से इनकार कर दिया। ग्रामीण रविप्रकाश ने बताया कि जांच के बाद मरीज को पर्ची ही नहीं दिया गया था। अंतत: काफी मशक्कत के बाद किसी तरह जांच के दिन उपयोग की गई रजिस्टर पंजी की कापी उपलब्ध कराई गई तब चार घंटे बाद मरीज को इलाज के लिए दाखिल किया गया।
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