छत्तीसगढ़ सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में फिल्मकार बेनेगल और वर्मा को शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह के अलावा सम्माननिधि देकर अलंकरण प्रदान किया गया। इस मौके पर निदेशक बेनेगल ने छत्तीसगढ़ की लोक कला एवं लोक गीत और सांस्कृतिक समृद्धि की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने अपनी 40 वर्ष पुरानी छत्तीसगढ़ से जुड़ी स्मृतियां साझा की। बेनेगल ने बताया कि उन्होंने बस्तर पर फिल्म बनाई जिसमें मुडिय़ा-माडिय़ा जनजाति को समझने का करीब से अनुभव मिला।
करीब से जानने का अवसर मिला
बेनेगल ने इस अवसर पर मानवशास्त्री दुर्गा भागवत को याद किया। उन्होंने कहा कि लगभग 30 सालों की कड़ी मेहनत के बाद दुर्गा ने छत्तीसगढ़ के लोकगीतों को सहेजा था। इससे मुझे इस सुंदर धरती की खूबसूरती को करीब से जानने का अवसर मिला। उन्होंने बताया कि जब वे युवा थे तब स्व. किशोर साहू के काम को निकट से देखने का अवसर मिला था। उन्होंने सिनेमा को एक अलग स्तर दिया। उन्होंने मयूरपंख के रूप में कलर फिल्मों का सुंदर प्रयोग किया।
मार्को का चरित्र अविस्मरणीय
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि गाइड फिल्म में स्व. किशोर साहू द्वारा निभाया गया मार्को का चरित्र अविस्मरणीय है। उन्होंने निर्देशक श्याम बेनेगल की प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि मंथन जैसी फिल्म जिसमें सहकारिता आंदोलन को दिखाया गया है। डॉ. सिंह ने जूरी के सदस्यों अशोक मिश्र, रघुवीर यादव व जयंत देशमुख का सम्मान भी किया।
संस्कृति मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि स्व. किशोर साहू ने छत्तीसगढ़ का नाम देश-विदेश में ऊंचा किया है। उनकी फिल्में गाइड, नदिया के पार, कुंआरा बाप हमेशा स्मृति में रहेंगी। सांसद अभिषेक सिंह ने कहा कि स्व. किशोर साहू ने अपने परिश्रम तथा कला-कौशल से फिल्म जगत में बड़ा स्थान बनाया। साथ ही वे छत्तीसगढ़ की भूमि से गहराई से जुड़े रहे। उनकी फिल्मों में छत्तीसगढ़ की लोक कला की खुशबू है।
संस्कृति सचिव निहारिका बारीक ने कहा कि बेनेगल की फिल्में सामाजिक सोद्देश्यता को आगे बढ़ाने का सशक्त माध्यम बनीं। छत्तीसगढ़ी सिनेमा को समृद्ध करने में मनोज वर्मा की बड़ी भूमिका रही। संचालक संस्कृति जितेन्द्र शुक्ला ने आभार प्रकट किया। पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे ने अपना काव्य पाठ भी किया।
0-हिन्दी फिल्मों के निर्देशक के तौर पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सम्मानित किए गए श्याम बेनेगल ने अपना पूरा संबोधन अंग्रेजी में दिया। पहले उन्होंने कहा कि वे अंग्रेजी में अपनी बात रखना चाहते हैं और फिर पूरी बात अंग्रेजी में की।
0-कर रहे डॉ. सुरेन्द्र दुबे ने उनकी जमकर तारीफ की।
0- आयोजन में मुंबई से आए बेनेगल और छत्तीसगढ़ के वर्मा दोनों का सम्मान हुआ लेकिन सीएम ने अपने संबोधन में सिर्फ बेनेगल की तारीफ की।
0-आयोजन के लिए संस्कृति विभाग ने स्थानीय कलाकारों की पूछ-परख नहीं की, इस वजह से स्थानीय कलाकार कार्यक्रम में कम नजर आए।