scriptनिगम की सामान्य सभा में प्रतिबंधित डिस्पोजल में परोसा खाना, महिला पार्षदों ने की शिकायत महापौर ने कैटरर्स को लगार्ई फटकार | Food served in restricted disposals in the general assembly of CMC | Patrika News

निगम की सामान्य सभा में प्रतिबंधित डिस्पोजल में परोसा खाना, महिला पार्षदों ने की शिकायत महापौर ने कैटरर्स को लगार्ई फटकार

locationभिलाईPublished: Oct 12, 2019 11:38:55 am

Submitted by:

Tara Chand Sinha

चरोदा नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक में उस समय हंगामा मच गया जब महापौर, पार्षद और अधिकारियों को खाना खिलाने के लिए प्रतिबंधित प्लास्टिक की कटोरी और गिलास इस्तेमाल में लाया गया। खाने के स्टाल पर प्रतिबंधित डिस्पोजल देख महिला पार्षद नाराज हो गईं।

निगम की सामान्य सभा में प्रतिबंधित डिस्पोजल में परोसा खाना, महिला पार्षदों ने की शिकायत महापौर ने कैटरर्स को लगार्ई फटकार

निगम की सामान्य सभा में प्रतिबंधित डिस्पोजल में परोसा खाना, महिला पार्षदों ने की शिकायत महापौर ने कैटरर्स को लगार्ई फटकार

भिलाई. चरोदा नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक में उस समय हंगामा मच गया जब महापौर, पार्षद और अधिकारियों को खाना खिलाने के लिए प्रतिबंधित प्लास्टिक की कटोरी और गिलास इस्तेमाल में लाया गया। खाने के स्टाल पर प्रतिबंधित डिस्पोजल देख महिला पार्षद नाराज हो गईं। उन्होंने महापौर चंद्रकांता मांडले के ध्यान में यह बात लाई। इससे नाराज महापौर ने कैटरर्स को जमकर खरी-खोटी सुनाई। बाद में लोक विषय के महत्व के दौरान सदन में भी इस विषय पर चर्चा हुई। सभापति विजय जैन से निगम कार्यालय परिसर में प्रतिबंधित डिस्पोजल का इस्तेमाल करने वाले कैटरर्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
निगम प्रशासन ने पार्षदों के लिए भोजन व्यवस्था का ऑर्डर कैटरर्स संजू ठाकुर को दिया था। उसने खाना बाहर से बनाकर लाया। निगम परिसर में खाने का स्टॉल सजाया। प्लेट कॉकरी की थी, लेकिन कटोरी और गिलास प्लास्टिक का रख दिया। दोपहर 1.30 बजे सभापति विजय जैन ने सदन की कार्यवाही भोजन अवकाश तक के लिए स्थगित की। महिला पार्षद खाने की स्टॉल पर पहुंची। सामने प्लास्टिक की कटोरी और डिस्पोजल देख नाराज हो गईं। इसके बाद महापौर चंद्रकांता ने प्लास्टिक के डिस्पोजल को डस्टबिन में डालने कहा। भोजन अवकाश के बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई। तब पार्षदों ने इस विषय को उठाया।
सदन ने दी बड़ी आर्थिक राहत
सदन ने शादी या अन्य कार्यक्रम के लिए भिलाई-3 स्थित नव निर्मित सर्व समाज मंगल भवन को 20 हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से किराए पर देने का निर्णय लिया। बिजली का बिल, सफाई एवं धरोहर राशि जमा करना पड़ेगा। पार्षदों का कहना था कि लोगों की उपयोग के लिए दो करोड़ की लागत से सर्व समाज मंगल भवन बनाया गया है। इसे निगम की कमाई का स्रोत नहीं बनाया जाना चाहिए। महापौर परिषद ने मंगल भवन का किराया 30 हजार रुपए तय किया था। साथ ही पुराने मंगल भवन के किराए में भी वृद्धि का प्रस्ताव लाया था। सदन ने दोनों प्रस्ताव को खारिज कर दिया। 2014 के निर्णय के अनुसार प्रतिदिन 16 हजार रुपए के हिसाब से किराया तय किया। किराए की राशि में हर साल 10 फीसद वृद्धि करने की स्वीकृति दी।
सभा स्थगित, सोमवार को होगी बाकी एजेंडों पर चर्चा
हंगामे की वजह से जलकर और डिजीटल नंबर प्लेट के प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो पाई। सभापति ने शाम 6 बजे सदन की कार्रवाई को स्थगित कर दी। सभा की अगली कार्यवाही सोमवार की दोपहर 2 बजे शुरू होगी। नल कनेक्शन और जलकर निर्धारण के एजेंडे पर चर्चा होगी।
प्रश्नकाल में जमकर हंगामा, विपक्ष ने लगाया 19.92 लाख की गड़बड़ी का आरोप

प्रश्नकाल में जमकर हंगामा हुआ। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष कांग्रेस के पार्षदों ने स्वच्छता श्रंृगार योजना के भुगतान में गड़बड़ी का मामला उठाया। नेता प्रतिपक्ष संतोष तिवारी, पार्षद लावेश मदनकर और राजेश दांडेकर सत्तापक्ष पर 19 लाख 92 हजार रुपए का भ्रष्टाचार का आरोप का लगाया। विपक्ष का कहना था कि सुलभ शौचालयों में मापदंड के अनुसार केयर टेकर, सफाई कर्मी, साबुन, आइना, डस्टबिन, नेपकीन, झाड़ू, सेनेटरी नेपकीन जैसी सुविधाएं नहीं है, बावजूद ठेकेदार को इतनी बड़ी राशि का भुगतान किस आधार पर किया गया। विपक्ष के तीखे सवालों का महापौर परिषद की स्वच्छता विभाग प्रभारी अर्पणादास गुप्ता ने जवाब भी दिया, लेकिन उनके जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ। लगभग डेढ़ घंटे तक पक्ष-विपक्ष के बीच एजेंडे के बाहर के विषयों पर चर्चा हुई।
इन विषयों पर गरमाया सदन
– शापिंग मॉल की दुकानों की नीलामी में हो रही लेटलतीफी के चलते स्थल नशाखोरी का अडड़ा बनता जा रहा है।

-पार्षद मोहन साहू भविष्य में दो महीने के अंदर सामान्य सभा नहीं बुलाने पर निगम में ताला लगा देने की चेतावनी तक दे डाली। कह कि ं सात माह के बाद सामान्य सभा हो रही।
-मकानों में डिजीटल कम्प्यूटराइज्ड नंबर प्लेट लगाने के लिए रायपुर की एजेंसी को ठेका प्रस्ताव पर चर्चा हुई। रायपुर की एजेंसी ने प्रति प्लेट 90 रुपए रेट ऑफर किया है। इसका भुगतान लोगों को करना पड़ेगा।
निगम में डिस्पोजल के इस्तेमाल के लिए ये हैं जिम्मेदार
सभापति- सामान्य सभा के संचालन की जिम्मेदारी सभापति की होती है। सभापति जैन की जिम्मेदारी थी कि जिस कैटरर्स को खाने का ऑर्डर दिया उसे प्रतिबंधित प्लास्टिक के उपयोग को लेकर पहले से आगाह कर देते।
महापौर- महापौर नगर निगम की मुखिया हैं। इसलिए उनकी जिम्मेदारी बनती है कि जो चीजें प्रतिबंधित है, उसका कहीं पर उपयोग न हो।

आयुक्त- आयुक्त कीर्तिमान सिंह राठौड़ निगम का प्रशासनिक अधिकारी है। निगम अधिनियम और शासन के आदेश का पालन कराना आयुक्त की जिम्मेदारी है।
प्रतिबंधित डिस्पोजल को देखकर मुझे अच्छा नहीं लगा। सभापति से कार्रवाई की मांग की है। साथ ही अब निगम के किसी भी कार्यक्रम में प्लास्टिक के बोतल और डिस्पोजल का इस्तेमाल नहीं होगा।

चंद्रकांता मांडले, महापौर
मैने कैटरर्स को कहा था फिर भी उनके कर्मचारी डिस्पोजल ले आए। खाना शुरू होने के बाद बाद पता चला। मैंने कैटरर्स को फटकार लगाई है। सदन के सदस्यों के सुझाव के मुताबिक कार्रवाई होगी।
विजय जैन,सभापति


डिस्पोजल का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। चूंकि मामला सदन से संबंधित है, इसलिए सदन के निर्देश के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। आज के बाद निगम के किसी भी कार्यक्रम में बोतल बंद पानी का इस्तेमाल नहीं करेंगे। कर्मचारी कांच के गिलास में पानी देंगे।
कीर्तिमान सिंह राठौड़, आयुक्त

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो